2398.पूर्णिका
2398.पूर्णिका
आदमी की फितरत देखिए
2122 22 212
आदमी की फितरत देखिए ।
मोहब्बत क्या नफरत देखिए ।।
जिंदगी से प्यारी जिंदगी ।
आज दुनिया कुदरत देखिए ।।
यूं खुशी मिलती गम में यहाँ ।
खूबसूरत सूरत देखिए ।।
रोज नजरें अपनी फलक तक ।
हसरतों की हसरत देखिए ।।
सुबह शाम यहाँ खेदू लगे ।
लोग करते कसरत देखिए ।।
…………..✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
सहायक प्राध्यापक हिंदी
बी .सी. एस. शासकीय स्नातकोत्तर
महाविद्यालय धमतरी छ्त्तीसगढ़ भारत 493773