2396.पूर्णिका
2396.पूर्णिका
🌹मेरी आशिकी समझ जाओगे🌹
22 212 212 22
मेरी आशिकी समझ जाओगे ।
मेरी जिंदगी समझ जाओगे ।।
प्यारी-सी जहाँ आज मुस्कुराहट ।
सच ही ताजगी समझ जाओगे ।।
सागर प्यार का उमड़ता कब है ।
दिलवर दिलनशी समझ जाओगे।।
मिलती है खुशी चाह जब रखते ।
तुम आवारगी समझ जाओगे ।।
मन भी खूबसूरत यहाँ खेदू ।
खुद से तीरगी समझ जाओगे।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
14-7-2023शुक्रवार