2366.पूर्णिका
2366.पूर्णिका
🌷कोई भंवर में छोड़ देते हैं 🌷
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कोई भंवर में छोड़ देते हैं ।
शीशा सा यूं दिल तोड़ देते हैं ।।
दामन में दाग लगा जहाँ देखो ।
आज जमाना सर फोड़ देते हैं ।।
चाहत अपनी मंजिल मिले यारों ।
कैसें राह नया मोड़ देते हैं ।।
परवाह नहीं करते यहाँ जां की ।
सच बहते खून निचोड़ देते हैं ।।
दुनिया भाग रही जिंदगी खेदू ।
दूना भाग घटा जोड़ देते हैं ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
30-6-2023शुक्रवार