2358.पूर्णिका
2358.पूर्णिका
🌷बात हमारी मान गए 🌷
22 22 22 2
बात हमारी मान गए ।
हसरत सारी जान गए ।।
मिलके कदम बढ़ेगा अब ।
चौड़ा सीना तान गए ।।
फूल खिलेंगे महकेंगे ।
मिट सारे व्यवधान गए ।।
यूं गम भूले देख खुशी ।
दुनिया क्या पहचान गए ।।
मंजिल कदमों में खेदू ।
करते हम कुरबान गए ।।
…………✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
26-6-2023सोमवार