2329. पूर्णिका
2329. पूर्णिका
🌷हम जितने पास होते हैं 🌷
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हम जितने पास होते हैं ।
कुछ बेहद खास होते हैं ।।
हाँ कोई जिंदगी अपनी।
चलती जैसे सांस होते हैं ।।
दुनिया भी देखती रहती ।
नजरिए बिंदास होते हैं ।।
महके तो चमन जैसा ही ।
मन तो बस दास होते हैं ।।
करते परवाह है खेदू ।
सच प्यार विश्वास होते हैं ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
3-6-2023शनिवार