23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷दाई के मया बिकट होथे🌷
22 212 2122
दाई के मया बिकट होथे।
बखरी के जरी चिकट होथे।।
लाहो लेवई लेवत रथे।
जिनगी के इहां निकट होथे ।।
काबर छोड़बो काम करबो ।
दुनिया मस्त जिहां निच्चट होथे।।
चिंहारी करइया अपन करही ।
कतनो बरज चीत पट होथे ।।
बदले भाग्य संजोग खेदू।
जेकर किस्मत मा टिकट होथे ।।
…………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-10-2023रविवार