23/92.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/92.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 तेहर आगू बढ़बे🌷
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तेहर आगू बढ़बे।
शिखर सिरतो चढ़बे।।
आँखी अउ कान हवे।
तै मूर्ति सुघ्घर गढ़बे।।
सब मरम नई जानय।
जिनगी लिखबे पढ़बे।।
बांट मया अपन इहां ।
दोस कभू झन मढ़बे।।
जानत कीमत खेदू
सोना कस मन कढ़बे।।
…………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-10-2023शनिवार