23/89.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/89.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷काबर रिसाये दौना 🌷
22 122 22
काबर रिसाये दौना।
जिनगी मिलाये दौना।।
कलपत रथे हिरदे ।
दुनिया बनाये दौना।।
महकत मया बगरे अब ।
बगियां सजाये दौना।।
तै रंग मोला रंगे।
सबला नचाये दौना।।
संसो फिकर का खेदू।
बासा बसाये दौना।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-10-2023शनिवार