23/88.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/88.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷बादर कस हमर जिनगी 🌷
22 212 22
बादर कस हमर जिनगी ।
सुघ्घर इहां हमर जिनगी ।।
हिरदे मा मया रहिथे।
गाथे गीत हमर जिनगी।।
सुनता राखथे बांधे ।
नाचा कस हमर जिनगी।।
कल कल धार बोहाथे ।
नदियाँ कस हमर जिनगी।।
दुनिया हे अपन खेदू ।
रंगीला हमर जिनगी ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-10-2023शनिवार