Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2023 · 1 min read

23/88.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*

23/88.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷बादर कस हमर जिनगी 🌷
22 212 22
बादर कस हमर जिनगी ।
सुघ्घर इहां हमर जिनगी ।।
हिरदे मा मया रहिथे।
गाथे गीत हमर जिनगी।।
सुनता राखथे बांधे ।
नाचा कस हमर जिनगी।।
कल कल धार बोहाथे ।
नदियाँ कस हमर जिनगी।।
दुनिया हे अपन खेदू ।
रंगीला हमर जिनगी ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-10-2023शनिवार

194 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
न बोले तुम
न बोले तुम
Surinder blackpen
अगर आपको जीवन मे सुख, आंनद, शांति चाहिये तो कभी आप श्मशान घा
अगर आपको जीवन मे सुख, आंनद, शांति चाहिये तो कभी आप श्मशान घा
रुपेश कुमार
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
Neelofar Khan
तेरा मेरा साथ
तेरा मेरा साथ
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
चन्द्रघन्टा माँ
चन्द्रघन्टा माँ
Shashi kala vyas
गीतिका और ग़ज़ल
गीतिका और ग़ज़ल
आचार्य ओम नीरव
A Hopeless Romantic
A Hopeless Romantic
Vedha Singh
वो चाहती थी मैं दरिया बन जाऊं,
वो चाहती थी मैं दरिया बन जाऊं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खालीपन
खालीपन
MEENU SHARMA
मंजिल की तलाश में
मंजिल की तलाश में
Praveen Sain
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
पूर्वार्थ
"गंगा माँ बड़ी पावनी"
Ekta chitrangini
हिम्मत है तो कुछ भी आसान हो सकता है
हिम्मत है तो कुछ भी आसान हो सकता है
नूरफातिमा खातून नूरी
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
Ranjeet kumar patre
कभी तो ये शाम, कुछ यूँ गुनगुनाये, कि उसे पता हो, इस बार वो शब् से मिल पाए।
कभी तो ये शाम, कुछ यूँ गुनगुनाये, कि उसे पता हो, इस बार वो शब् से मिल पाए।
Manisha Manjari
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
3065.*पूर्णिका*
3065.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*लिखते खुद हरगिज नहीं, देते अपना नाम (हास्य कुंडलिया)*
*लिखते खुद हरगिज नहीं, देते अपना नाम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शायरी
शायरी
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
आज कल कुछ इस तरह से चल रहा है,
kumar Deepak "Mani"
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
Reliable Movers and Packers in Hyderabad
Reliable Movers and Packers in Hyderabad
Shiftme
पटकथा
पटकथा
Mahender Singh
"नया साल में"
Dr. Kishan tandon kranti
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
शेखर सिंह
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (सातवां दिन)
Kaushal Kishor Bhatt
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
थक गये चौकीदार
थक गये चौकीदार
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
Loading...