Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Oct 2023 · 1 min read

23/85.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*

23/85.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷दीया बारे बर तेल नईये 🌷
22 22 22 22 2
दीया बारे बर तेल नईये।
कोनो खेले बर खेल नईये।।
जिनगी भर संगी तरसत रहिथे।
आपस मा सुनता मेल नईये।।
बोहावत पानी कस आज लहू ।
सब सुखधाम इहां जेल नईये।।
बिकट खुसी मिलथे अब रोज कहाँ ।
पटरी मा दउड़त रेल नईये।।
अजब गजब संसार जिहां खेदू ।
पास हवे सबझन फेल नईये।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-10-2023शनिवार

235 Views

You may also like these posts

"प्यार में"
Dr. Kishan tandon kranti
आप थे  साथ   वरना   खो जाते
आप थे साथ वरना खो जाते
Dr Archana Gupta
धरती का बुखार
धरती का बुखार
Anil Kumar Mishra
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
*Treasure the Nature*
*Treasure the Nature*
Poonam Matia
*मिठाई का मतलब (हास्य व्यंग्य)*
*मिठाई का मतलब (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
कोशिश करना छोड़ो मत,
कोशिश करना छोड़ो मत,
Ranjeet kumar patre
सोने का हिरण
सोने का हिरण
Shweta Soni
ऐसे रुखसत तुम होकर, जावो नहीं हमसे दूर
ऐसे रुखसत तुम होकर, जावो नहीं हमसे दूर
gurudeenverma198
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
Shashi Dhar Kumar
रिसते रिश्ते
रिसते रिश्ते
Arun Prasad
फूल तो फूल होते हैं
फूल तो फूल होते हैं
Neeraj Agarwal
"प्रॉब्लम"
अमित कुमार
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
*अभी तो रास्ता शुरू हुआ है.*
Naushaba Suriya
" अब कोई नया काम कर लें "
DrLakshman Jha Parimal
3117.*पूर्णिका*
3117.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
‌ ‌‌‌‌ जन सेवक
‌ ‌‌‌‌ जन सेवक
Mangu singh
सदैव खुश रहने की आदत
सदैव खुश रहने की आदत
Paras Nath Jha
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
Manoj Mahato
तुम वह सितारा थे!
तुम वह सितारा थे!
Harminder Kaur
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
कोई यहां अब कुछ नहीं किसी को बताता है,
manjula chauhan
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
Khaimsingh Saini
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
रुपेश कुमार
संवेदना का सौंदर्य छटा 🙏
संवेदना का सौंदर्य छटा 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कमजोर क्यों पड़ जाते हो,
कमजोर क्यों पड़ जाते हो,
Ajit Kumar "Karn"
चांद पर पहुंचे बधाई,ये बताओ तो।
चांद पर पहुंचे बधाई,ये बताओ तो।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...