Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2023 · 1 min read

23/81.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*

23/81.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷मोर मयारू दौना 🌷
22 22 22
मोर मयारू दौना।
जाबे तेहर गौना ।।
ये जिनगी सुघ्घर हवे ।
होथे रोज बढौना।।
राख मया पीरित तै ।
संगी देख बिटौना।।
दुनिया नाचे झूमे ।
लागात अध्धा पौना।।
सुख दुख मिलथे खेदू ।
कांटा फूल बिछौना।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
27-10-2023शुक्रवार

244 Views

You may also like these posts

*याद  तेरी  यार  आती है*
*याद तेरी यार आती है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*आदमी में जानवर में, फर्क होना चाहिए (हिंदी गजल)*
*आदमी में जानवर में, फर्क होना चाहिए (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
डर के आगे जीत है !
डर के आगे जीत है !
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
सूरजमुखी
सूरजमुखी
अंकित आजाद गुप्ता
बदली बारिश बुंद से
बदली बारिश बुंद से
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
याद करने के लिए बस यारियां रह जाएंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
"जरा सुनिए तो"
Dr. Kishan tandon kranti
कैसी होती हैं
कैसी होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
जब किसान के बेटे को गोबर में बदबू आने लग जाए
जब किसान के बेटे को गोबर में बदबू आने लग जाए
शेखर सिंह
सर्द रातों में समन्दर, एक तपन का अहसास है।
सर्द रातों में समन्दर, एक तपन का अहसास है।
श्याम सांवरा
गुरु की दीवानगी
गुरु की दीवानगी
Rahul Singh
यह जीवन
यह जीवन
surenderpal vaidya
कृपा से हमें
कृपा से हमें
Sukeshini Budhawne
4151.💐 *पूर्णिका* 💐
4151.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
- तुम मेरे लिए आरुषि के समान -
- तुम मेरे लिए आरुषि के समान -
bharat gehlot
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
You have limitations.And that's okay.
You have limitations.And that's okay.
पूर्वार्थ
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
Harminder Kaur
एक खाली बर्तन,
एक खाली बर्तन,
नेताम आर सी
नाटक
नाटक
Rajeev kumar Bhardwaj
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
अरशद रसूल बदायूंनी
"मुझे बतानी है तुम्हें,
*प्रणय*
दीपपर्व
दीपपर्व
Rajesh Kumar Kaurav
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
स्त्रीलिंग...एक ख़ूबसूरत एहसास
Mamta Singh Devaa
धक्का देने का सुख
धक्का देने का सुख
Sudhir srivastava
कोमल अग्रवाल की कलम से ' इतना सोचा तुम्हें '
कोमल अग्रवाल की कलम से ' इतना सोचा तुम्हें '
komalagrawal750
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...