23/71.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/71.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷बने काम ला बिगाड़ देथे🌷
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बने काम ला बिगाड़ देथे।
भरे माँग ला उजाड़ देथे।।
विपत मा पड़े जिहां कथे मन ।
उहां खुद सजन उजाड़ देथे ।।
हवे ये नवा नवा कहानी ।
करू कस करू उजाड़ देथे।।
नईये अपन कभू जमाना।
बसेला इहां उजाड़ देथे।।
मया के रस्ता चलथन खेदू।
नरम का गरम उजाड़ देथे ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
25-10-2023बुधवार