सरस कुंडलियाँ
190 सरस कुंडलियाँ
[24/3/2019, 2:33 PM] Ravi Prakash: (कुंडलिया ): कोटि प्रणाम
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जिसने दल बदला उसे, सबका कोटि प्रणाम
दल बदलू है आ रहा ,हर इक दल .के काम
हर इक दल के काम, ब्याह ज्यों नया रचाते
मतलब के यह यार , गधे को बाप बनाते
कहते रवि कविराय , टिके यह देखे किसने
चल पड़ते उस ओर ,दिखाया चारा जिसने
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451
[29/3/2019, 12:40 PM] Ravi Prakash: सोचो सत्तर लाख (कुंडलिया )
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किस-किसके है पास में , सोचो सत्तर लाख
लोकसभा के वृक्ष की ,महंगी है हर शाख
महंगी है हर शाख , चुनावों में धन बहता
धनपतियों का खेल ,धनिक बस इसमें रहता
कहते रवि कविराय,लाख सत्तर घिसघिस के
माथे पर शुभ लेप , लगेगा यह किस-किसके
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा रामपुर ,उत्तर प्रदेश //मोबाइल 99976 15451
[10/4/2019, 10:55 AM] Ravi Prakash: धारा 370 (कुंडलिया)
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धारा सत्तर तीन सौ , सबसे बड़ा सवाल
रहे कहो या ना रहे , तय होगा इस साल
तय होगा इस साल, वोट से हल निकलेगा
या छूटा जंजाल , देश या हाथ मलेगा
कहते रवि कविराय, देश का चढ़ता पारा
लगता है इस बार , रहेगी हटकर धारा
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[11/4/2019, 9:11 AM] Ravi Prakash: यह शरीर अनमोल ( कुंडलिया )
टूटी जिसकी देह तो , खर्चा लाखों लाख
समझो मत मिट्टी इसे ,समझो यह मत राख
समझो यह मत राख, करोड़ों कीमत जानो
यह शरीर अनमोल, खरा है यह सच मानो
कहते रवि कविराय, समझ लो किस्मत फूटी
लाखों का है रोग , देह जब जिसकी टूटी
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[11/4/2019, 5:20 PM] Ravi Prakash: मोदी विरोधी एजेंडा (कुंडलिया)
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बाँटो हिंदुस्तान को , डालो फूट तमाम
झंडा लो अलगाव का ,इतना अपना काम
इतना अपना काम, हटे ताकतवर मोदी
यह मत सोचो देश ,चढ़ेगा किसकी गोदी
कहते रवि कविराय ,चलो जी ऊधम काटो
जैसे भी हो ध्यान , आज मोदी से बांटो
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[11/4/2019, 8:28 PM] Ravi Prakash: फर्जी वोटिंग (कुंडलिया)
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फर्जी वोटिंग ने किया , सारा बंटाधार
अब तो आना चाहिए , अंगूठा आधार
अंगूठा आधार , देखिए . बुर्का घूंघट
वोटर तो है एक ,डालते छह-छह झटपट
कहते रवि कविराय, बूथ पर जिसकी मर्जी
डाल रहा है वोट., बटन दबता है फर्जी
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[12/4/2019, 6:24 PM] Ravi Prakash: बहती नदिया( कुंडलिया )
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बहती नदिया कह रही, मुझ पर कर लो गौर
मेरे पानी का सदा , पल -दो पल का दौर
पल -दो पल का दौर, मुसाफिर मुझको मानो
बदला पल में आज ,नहीं जग अपना जानो
कहते रवि कविराय, बदलती सत्ता रहती
बदला पानी रोज , निरंतर नदियां बहती
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[13/4/2019, 12:36 PM] Ravi Prakash: देवियाँ आयुधधारी (कुंडलिया)
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नारी को समझो नहीं, पुरुषों से कमजोर
नारी में ताकत भरी , देखो चारों ओर
देखो चारों ओर , क्षेत्र में हर यह छाईं
दिखीं शिखर- आसीन उच्चतम पदवी पाईं
कहते रवि कविराय , देवियाँ आयुधधारी
इनके बनो समान ,नहीं समझो कम नारी
ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः
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[13/4/2019, 6:02 PM] Ravi Prakash: चुनावी तीर (कुंडलिया)
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पूरा एक चरण हुआ , दूजा है तैयार
वोटों का याचक बना , प्रत्याशी हर द्वार
प्रत्याशी हर द्वार , ऊंट किस करवट बैठे
मुख है कुछ का म्लान ,और कुछ दिखते ऐंठे
कहते रवि कविराय , कहीं है कुश्ती नूरा
कांटे का संग्राम , कहीं दिखता है पूरा
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[15/4/2019, 7:51 AM] Ravi Prakash: लोभी नेता चाहता (कुंडलिया)
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लोभी नेता चाहता , सीटें हों यदि चार
बन जाएगी देश में , अपनी भी सरकार
अपनी भी सरकार , चार दिन ऐश उड़ाएं
चार दिवस का राज , देश में भैंस चराएं
कहते रवि कविराय,करो जी तिकड़म जो भी
बन जाए सरकार , देश का मुखिया लोभी
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[15/4/2019, 3:21 PM] Ravi Prakash: हर जगह बिगड़ी बोली (कुंडलिया )
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बोली जहरीली हुई , बिगड़े सारे बोल
नेता दिखते बदजुबाँ , जिह्वा मिट्टी मोल
जिह्वा मिट्टी मोल , लग रहे अनपढ़ जैसे
लड़ते दिखे चुनाव , बोलते कैसे – कैसे
नेताजी बदनाम , घूमते टोली – टोली
कहलाते बिगड़ैल , हर जगह बिगड़ी बोली
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[15/4/2019, 5:09 PM] Ravi Prakash: मोदी जिंदाबाद ( दो कुंडलियाँ)
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(1)
सारा भारत कह रहा, मोदी जिंदाबाद
घर में घुसकर कर दिया, दुश्मन को बर्बाद
दुश्मन को बर्बाद, हिंद अब वीर विजेता
बालाकोट जवाब, देश दुश्मन को देता
कहते रवि कविराय ,नहीं जो रण में हारा
उसको जिंदाबाद ,कह रहा भारत सारा
(2)
सबका दिल यह कह रहा ,मोदी सिर्फ महान
घर में घुसकर देखिए, पीटा पाकिस्तान
पीटा पाकिस्तान , अश्रु गद्दार बहाते
खुद को यह गमगीन,पाक से अधिक दिखाते
कहते रवि कविराय ,कर चुके निश्चय कब का
मन में कमल निशानआजकल है प्रियसबका
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[15/4/2019, 5:09 PM] Ravi Prakash: लड़ते-लड़ते (कुंडलिया )
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लड़ते-लड़ते कर रहे, आपस में अब प्यार
गठबंधन की चाहते , नेता यह सरकार
नेता यह सरकार , बड़े यह तिकड़मधारी
धोखे की है चाह , मित्रता पर भी जारी
कहते रवि कविराय, घमंडी रहे अकड़ते
बीते सत्तर साल , पदों की खातिर लड़ते
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[15/4/2019, 7:10 PM] Ravi Prakash: जनता का यह मूड है (कुंडलिया)
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जनता का यह मूड है , कहता हर इंसान
मोदी के पीछे खड़ा , पूरा हिंदुस्तान
पूरा हिंदुस्तान , लहर का रुख पहचानो
देशभक्ति का ज्वार, उमड़ता भीषण जानो
कहते रवि कविराय, दृश्य यह दिखता बनता
देना है अब वोट , फूल को कहती जनता
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[15/4/2019, 8:48 PM] Ravi Prakash: डालो वोट संभाल के( कुंडलिया )
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डालो वोट संभाल के ,करके सोच विचार
किसकी बनना चाहिए,यह सोचो सरकार
यह सोचो सरकार, देश का मुखिया कैसा
बन जाए लाचार , .देश ना ऐसा वैसा
कहते रवि कविराय ,नहीं भ्रम कोई पालो
जिससे देश महान, वोट उसको ही डालो
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[16/4/2019, 9:02 AM] Ravi Prakash: दादा दादी की शादी के 50 साल( बाल कविता: कुंडलिया )
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शादी को जब हो गए , पूरे वर्ष पचास
दादा -दादी हंस रहे, घर में था उल्लास
घर में था उल्लास, केश सब नकली काले
नकली थे सब दाँत , नई बत्तीसी डाले
कहते रवि कविराय ,शेरवानी जब लादी
दादा जी को याद, आ गई अपनी शादी
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[16/4/2019, 9:33 AM] Ravi Prakash: चौकीदार (कुंडलिया)
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डर को छूमंतर किया , आया चौकीदार
बोला चोरों से सभी , हो जाओ तैयार
हो जाओ तैयार , न चोरी होने दूंगा
होगी सबकी जाँच , तलाशी सबकी लूंगा
कहते रवि कविराय, नागरिक जाओ घर को
अब मैं चौकीदार ,निकालो दिल से डर को
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[17/4/2019, 11:42 AM] Ravi Prakash: रट्टू तोता (कुंडलिया)
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तोता बोला क्या करूं , कैसे सीखूँ ज्ञान
मम्मी कुछ बतलाइए , मैं बालक नादान
मैं बालक नादान ,सिखाओ मुझको ज्यादा
मम्मी बोलीं पूत , झूठ सब तेरा वादा
कहते रवि कविराय , हमेशा बस्ता ढ़ोता
सीखा कब कुछ ज्ञान , कभी भी रट्टू तोता
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451
[17/4/2019, 4:09 PM] Ravi Prakash: नारी का सम्मान( कुंडलिया)
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करता जो है फिर रहा, नारी का अपमान
करिए मत उसको कभी ,अपने मत का दान
अपने मत का दान , वोट से उसे हराएं
जिनकी बुरी जुबान ,बोलकर वह पछताएं
कहते रवि कविराय , उसी में कहो प्रखरता
नेता जो सम्मान , शक्ति नारी का करता
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[17/4/2019, 6:12 PM] Ravi Prakash: सीखो गाली- ज्ञान (कुंडलिया)
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गाली चौतरफा बढ़ी , गाली का गुणगान
गाली दे- देकर बने , गाली – वीर महान
गाली – वीर महान , गालियाँ नेता देते
गाली जिनकी प्रौढ़, वोट जनता से लेते
कहते रवि कविराय, रखो मत वाणी खाली
सीखो गाली- ज्ञान , विरोधी को दो गाली
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[17/4/2019, 10:09 PM] Ravi Prakash: औरत का अपमान (कुंडलिया)
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छोटा यह मसला नहीं , मसला है गंभीर
नारी की अवमानना , सारे जग की पीर
सारे जग की पीर , प्रश्न का उत्तर देना
वोटों का हथियार , हाथ में जमकर लेना
कहते रवि कविराय, वोट मत करना खोटा
औरत का अपमान ,जो करे समझो छोटा
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[18/4/2019, 9:41 AM] Ravi Prakash: देश त्योहार मनाए( कुंडलिया)
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आओ सब मिलकर चलें, करने को मतदान
चाहे हों बीमार या , बूढ़े और जवान
बूढ़े और जवान , देश त्यौहार मनाए
लोकतंत्र का राज , आज मतदान बताए
कहते रवि कविराय ,चलो सरकार बनाओ
जिसकी मन में चाह , वोट उसको दे आओ
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[18/4/2019, 2:07 PM] Ravi Prakash: सफलता की राह (कुंडलिया)
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मिलती है खैरात में, किसको बोलो राह
अपने ही बल पर मिली ,जिसमें होती चाह
जिस में होती चाह, राह वह आप बनाता
संघर्षों से ठोस ,लक्ष्य खुद चलकर आता
कहते रवि कविराय ,जिंदगी श्रम से खिलती
जो होते श्रमवान, सफलता उनको मिलती
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[19/4/2019, 3:32 PM] Ravi Prakash: बूढ़े नेतागण हुए (कुंडलिया)
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बूढ़े नेतागण हुए , बूढ़ी उनकी चाल
बूढ़ी बोली हो गई , बूढ़ा तन का हाल
बूढ़ा तन का हाल, मगर सेवा पर अड़ते
लड़ते आम चुनाव , काँपते पर्चा भरते
कहते रवि कविराय ,बरस के सौ हों पूरे
जब तक अंतिम सांस , लड़ेंगे नेता बूढ़े
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[19/4/2019, 8:07 PM] Ravi Prakash: भारत में सरकार( कुंडलिया)
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किसकी देखें बन रही , भारत में सरकार
ताकतवर होगी कहो , या होगी लाचार
या होगी लाचार , न कोई बहुमत लाए
छह- छह हाँकें देश , .नजर दब्बूपन आए
कहते रवि कविराय,धाक या जग में जिसकी
किस्मत की है बात , देखिए बनती किसकी
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[20/4/2019, 9:07 PM] Ravi Prakash: नारी का सम्मान( कुंडलिया)
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सबसे ज्यादा हाथ में , मारक है हथियार
बंदूकों जैसे करो , इससे तीव्र प्रहार
इससे तीव्र प्रहार , चलो सरकार बनाएं
नारी का अपमान , कर रहे आज हराएं
कहते रवि कविराय ,सिखाओ सीखें अब से
नारी का सम्मान , शीर्ष पर रखना सबसे
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश //मोबाइल 99976 15451
[21/4/2019, 12:01 PM] Ravi Prakash: मी टू( कुंडलिया )
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मतलब मी टू का यही , जो चाहे इल्जाम
जब चाहे जैसे करे , जो चाहे बदनाम
जो चाहे बदनाम, चलो कुछ नियम बनाओ
पहले तो हो जांच , बाद में सजा सुनाओ
कहते रवि कविराय ,प्रश्न यह छोटा है कब
नियम बने इकसार , हमारा इतना मतलब
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[21/4/2019, 3:26 PM] Ravi Prakash: जाएं देने वोट तो( कुंडलिया )
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जाएं देने वोट तो , रखिए इतना ध्यान
रहे तिरंगे से जुड़ी , काश्मीर पहचान
काश्मीर पहचान , तीन सौ सत्तर भागे
सीमा पर तैनात, नागरिक हर इक जागे
कहते रवि कविराय, वोट मत व्यर्थ गँवाएं
भूले से भी आप ,.न घर बैठे रह जाएं
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[21/4/2019, 8:32 PM] Ravi Prakash: मोदी फिर इस बार (कुंडलिया )
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बोला वोटर चाहिए , बहुमत की सरकार
एक बड़े दल की बने, जिसमें हो अधिकार
जिसमें हो अधिकार, देश का मान बढ़ाए
आतंकी सौ बार , हेकड़ी से घबराए
कहते रवि कविराय, राज वोटर ने खोला
मोदी फिर इस बार , जोर से वोटर बोला
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[22/4/2019, 8:03 AM] Ravi Prakash: पति पत्नी (कुंडलिया)
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पहिए गाड़ी के हुए, पत्नी- पति का साथ
जीवन में अमृत भरा, जब हाथों में हाथ
जब हाथों में हाथ, सदा सुख- दुख में रहते
मन की पीड़ा- हास , एक दूजे से कहते
कहते रवि कविराय, सदा पत्नी संग रहिए
जब भी जाएं साथ ,जिस तरह हैं दो पहिए
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[22/4/2019, 8:33 AM] Ravi Prakash: नेता के आँसू (कुंडलिया )
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नेता का अभिनय बड़ा , यह नौटंकीबाज
रोता भी है सोच के, जलसों में यह आज
जलसों में यह आज, बहाता दिखता आँसू
एक्टिंग इसकी वाह , देखिए कितनी धाँसू
कहते रवि कविराय , दिखाई जैसा देता
समझो है चालाक ,सौ गुना उससे नेता
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[22/4/2019, 5:43 PM] Ravi Prakash: कार्यकर्ताओं के नाम( कुंडलिया)
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अपने घर पर कीजिए , पहले तो जलपान
फिर जाकर करना सभी ,बूथों पर मतदान
बूथों पर मतदान , लौटकर वोटर लाएं
जो करते आराम, बूथ तक सब पहुंचाएं
कहते रवि कविराय ,मंत्र सब पड़ते जपने
पड़ने पड़ते पैर , नाक घिसवाते अपने
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[22/4/2019, 6:27 PM] Ravi Prakash: धरती पर बोझ (कुंडलिया)
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धरती बोली क्या करूं, मेरी अब यह खोज
मुझ पर भारी बोझ है , नेताओं का रोज
नेताओं का रोज , गालियों से भर जाती
जब भी लेती सांस , एक गाली है आती
कहते रवि कविराय , अरे जीती है डरती
करती है विषपान ,गालियों का नित धरती
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[23/4/2019, 10:42 AM] Ravi Prakash: इंक का धब्बा काला (कुंडलिया)
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डाला अपना वोट तो ,अब मुख पर मुस्कान
सुबह- सुबह जाकर किया, हमने भी मतदान
हमने भी मतदान , आज कर्तव्य निभाया
उत्साहित थे लोग , हर्ष मिल-जुलकर आया
कहते रवि कविराय , इंक का धब्बा .काला
मिलता पुण्य निशान, वोट जिसने भी डाला
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[24/4/2019, 8:45 AM] Ravi Prakash: बच्चों का आधा वोट( कुंडलिया)
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छोटे बच्चे मांगते , अपना आधा वोट
कहते हम बच्चे नहीं , हममें कोई खोट
हममें कोई खोट , सभी हम भोले-भाले
दिल के होते साफ, मैल कब मन में पाले
कहते रवि कविराय , न बेपेंदी के लोटे
दलबदलू चालाक , नहीं है बच्चे छोटे
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[25/4/2019, 10:27 AM] Ravi Prakash: कैसी-कैसी पत्नियाँ (कुंडलिया )
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कैसी- कैसी पत्नियाँ , दुनिया में इस बार
कोई करती प्यार तो , कोई है संहार
कोई है संहार , काल बनकर यह आती
रिश्तों का यह खून , कर रही देखो जाती
कहते रवि कविराय , दीखतीं ऐसी – वैसी
किस्मत की है बात, मिल रही किसको कैसी
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[27/4/2019, 8:51 AM] Ravi Prakash: मच्छरों से वह हारा( कुंडलिया)
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मारा जिसने शेर को, हाथी दिया पछाड़
जीता योद्धा वीर ने , सारा यह संसार
सारा यह संसार, लौटकर घर जब आया
मच्छर की भरमार, सो नहीं किंचित पाया
कहते रवि कविराय ,मच्छरों से वह हारा
काटा सारी रात, दिखा मच्छर का मारा
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[27/4/2019, 10:36 PM] Ravi Prakash: मच्छर भिन-भिन कर रहे( कुंडलिया )
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मच्छर भिन-भिन कर रहे , जैसे हो संगीत
इनकी भाषा क्या पता, किसको इनका गीत
किसको इनका गीत , बढ़ी इनकी आबादी
आदत से मजबूर , काटने के यह आदी
कहते रवि कविराय , झुंड में आते भर-भर
घर-घर इनका राज, बाज कब आते मच्छर
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[28/4/2019, 9:52 PM] Ravi Prakash: सुख की सबकी कामना( कुंडलिया)
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सुख की सबकी कामना, सबसे सद्व्यवहार
सबसे मीठा बोलना , सबसे शिष्टाचार
सबसे शिष्टाचार , नहीं कटुता फैलाएं
मानवता का भाव , उचित लेकर यह आएं
कहते रवि कविराय, न आए बदली दुख की
हे प्रभु दो वरदान ,गृहस्थी सबकी सुख की
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[28/4/2019, 10:04 PM] Ravi Prakash: बुराई हंसकर टालें( कुंडलिया )
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कहते हैं जो आपको , बुरा- बुरा सौ बार
भूले से भी ना करें , उन पर तुच्छ विचार
उन पर तुच्छ विचार , बुराई हंसकर टालें
मन में गहरा घाव ,कभी ना इस पर पालें
कहते रवि कविराय, मस्त जो खुद में रहते
उनको क्या परवाह, और क्या-क्या हैं कहते
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[29/4/2019, 12:29 PM] Ravi Prakash: चंदा( कुंडलिया)
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चंदा लेने की कला, आओ सीखें ज्ञान
चंदा मांगो चौगुना , यह चंदे का प्राण
यह चंदे का प्राण ,चार लोगों से चलता
जो जाता चुपचाप, हाथ चंदे से मलता
कहते रवि कविराय, जो कहे धंधा मंदा
समझो वह उस्ताद, जानता देना चंदा
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[29/4/2019, 12:50 PM] Ravi Prakash: नभ का चंदा (कुंडलिया )
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बोला चंदा क्या करूं , आफत में है जान
घटना- बढ़ना क्यों लिखा,किस्मतसेअनजान
किस्मत से अनजान, भाग्य क्या लेकर आया
कभी दूज का चांद , कभी गोलू कहलाया
कहते रवि कविराय ,राज कुदरत ने खोला
सहो ऊँच सब नीच , व्योम चंदा से बोला
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[30/4/2019, 4:05 PM] Ravi Prakash: आम (कुंडलिया)
???????????
राजा यह फल का हुआ, कहलाता है आम
जब यह होठों से लगा , दूजे का क्या काम
दूजे का क्या काम , चूसता कोई खाता
अद्भुत इसका स्वाद, सभी को रहा लुभाता
कहते रवि कविराय , बजाता सबका बाजा
जब आ जाता आम , लोग कहते यह राजा
???????????
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश //मोबाइल 99976 15451
[8/5/2019, 10:47 AM] Ravi Prakash: माँ ( तीन कुंडलियाँ )
(1)
जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम
माँ में गंगोत्री बसी , माँ वृंदावन धाम
माँ वृंदावन धाम , जिन्हें मिलती है प्यारी
उनके बनते काम , जीतते संकट भारी
कहते रवि कविराय, उड़ी बाधा ज्यों तिनके
माँ का शुभ आशीष ,शीश पर होता जिनके
(2)
सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान
सब की सेवा ही रही, मां की शुभ पहचान
माँ की शुभ पहचान ,सदा घर भर को बांधा
अनुशासन के साथ , सिखाया देना कांधा
कहते रवि कविराय , बाँट दी सबको मेवा
कब चाहा ईनाम , मोल कब बेची सेवा
.(3)
बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन
सतयुग द्वापर चुप रहे , त्रेता दीखा मौन
त्रेता दीखा मौन , अचानक कलयुग आया
आंसू लेकर साथ , दुखी हो- हो बतलाया
कहते रवि कविराय, नब्ज सब आज टटोलो
किसमें सेवा भाव , शेष माँ के प्रति बोलो
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[8/5/2019, 12:42 PM] Ravi Prakash: सड़कों पर बाजार( कुंडलिया)
देखा बुध के दिन लगा , सड़कों पर बाजार
यह है पूरी धांधली , यह है स्वेच्छाचार
यह है स्वेच्छाचार , सड़क पर चलना कैसा
भीड़मभाड़ अपार , लग रहा मेला जैसा
कहते रवि कविराय लिखा यह किसकालेखा
रिक्शा जाते आज , बड़ी मुश्किल से देखा
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[10/5/2019, 3:15 PM] Ravi Prakash: नेता तिनकादास( कुंडलिया)
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धारा .के संग .में . बहा ,. नेता .तिनकादास
नालायक था कर दिया , जनता. ने पर पास
जनता ने पर पास , उसे घनघोर जिताया
जैसे छप्पर फाड़ , .माल . निर्धन ने पाया
कहते रवि कविराय, खेल किस्मत का सारा
लग जाता है पार , साथ में जिसके धारा
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[10/5/2019, 4:55 PM] Ravi Prakash: लू( कुंडलिया )
घर में दोपहरी कटे, नित बारह से चार
आग उगलती पाइए , शोलों की बौछार
शोलों की बौछार ,धूप से बच कर रहिए
छाया में ही बैठ , ग्रीष्म से टाटा कहिए
कहते रवि कविराय, लगेगी लू क्षण भर में
बेचारी मजबूर , नहीं घुस पाती घर में
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451
[11/5/2019, 8:02 PM] Ravi Prakash: गाली ही का दौर (कुंडलिया )
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गाली .पर गाली चली , गाली चारों ओर
कलयुग है छाया हुआ , गाली ही का दौर
गाली ही का दौर , गालियाँ जैसे गोली
बंदूकें बेकार , गालियाँ देती टोली
कहते रवि कविराय, न जिह्वा रखना खाली
नेता जी दो-चार , विरोधी को दो गाली
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश //मोबाइल 99976 15451
[11/5/2019, 9:08 PM] Ravi Prakash: धोखा(कुंडलिया )
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धोखा खाना क्या बुरा , धोखा खाना ठीक
धोखा खाकर थूकिए , गुस्सा जैसे पीक
गुस्सा जैसे पीक , दूसरों को मत देना
यह ही है उपहार , ठीक औरों से लेना
कहते रवि कविराय ,आदमी समझो चोखा
दिल का है जो साफ , नहीं देता है धोखा
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश// मोबाइल 99976 15451
[14/5/2019, 3:29 PM] Ravi Prakash: गर्मी की छुट्टी( कुंडलिया)
छुट्टी गर्मी की हुई , करतीं नानी याद
नानी घर रह कर चलें, मई जून के बाद
मई जून के बाद , खूब मस्ती काटेंगे
नानी के घर रोज , ताश पत्ते फाटेंगे
कहते रवि कविराय, मेल फिर होगी कुट्टी
नानी जी के साथ , मनेगी जमकर छुट्टी
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा.रामपुर उत्तर प्रदेश //मोबाइल 99976 15451
[14/5/2019, 3:48 PM] Ravi Prakash: रिश्वत( कुंडलिया )
खाते रिश्वत जो बड़ी , उनकी लंबी कार
उनके ठाठ बड़े हुए ,चौड़ा घर का द्वार
चौड़ा घर का द्वार ,गुणी वह ही कहलाते
दफ्तर से जो लौट, नोट भर-भर कर लाते
कहते रवि कविराय, जन्म यूं तो सब पाते
किस्मत के धनवान, सिर्फ जो रिश्वत खाते
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[14/5/2019, 5:50 PM] Ravi Prakash: फैशन (कुंडलिया )
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हसली खंडुए सब गए , झाँझन और हमेल
पौंची बाजूबंद का , फैशन से क्या मेल
फैशन से क्या मेल ,साड़ियाँ कम ही चलतीं
सिर पर पल्लू आज, रीतियाँ ज्यादा खलतीं
कहते रवि कविराय, बात यह सच्ची असली
चलती थी जो खूब ,आज कब चलती हसली
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा,रामपुर ,उत्तर प्रदेश// मोबाइल 99976 15451
[15/5/2019, 10:46 AM] Ravi Prakash: गाली से आगे बढ़ा( कुंडलिया)
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गाली से आगे बढ़ा , चारों ओर चुनाव
लाठी गोली चल रही , डगमग है अब नाव
डगमग है अब नाव, बड़ी मुश्किल घिर आई
करना आज प्रचार , मौत से लड़ना भाई
कहते रवि कविराय , फौज गुंडों की पाली
नेताओं के पास , आजकल पत्थर गाली
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश //मोबाइल 999761 5451
[16/5/2019, 12:41 PM] Ravi Prakash: पानी का संकट :-
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नदियाँ सूख रही हैं। सुमित ने अपने घर पर बोरिंग कराने का प्रयास किया ताकि हैंडपंप लग सके तथा पानी की मोटर का प्रबंध हो सके लेकिन प्रयत्न करने पर भी जमीन के अंदर पानी नहीं निकला । फिर घर के दूसरे स्थान पर बोरिंग कराया गया। वहां भी उन्हें असफलता हाथ लगी । यह कहानी किसी एक व्यक्ति या किसी एक शहर की नहीं है ।जगह-जगह जमीन के भीतर पानी खत्म होता जा रहा है और कोशिश करने पर भी बोरिंग का परिणाम सुखद नहीं हो रहा।
नदियों की दुर्दशा के बारे में स्थिति यह है कि नदियों का पानी सूखने लगा है और जो कुछ भी वहां दिखता है वह पानी न होकर काला पानी है । गंदगी से भरा हुआ बहता हुआ नाला जैसी स्थिति सामने आती जा रही है ।बहुत खराब चित्र भविष्य का नजर आ रहा है ।आज से 10-20 – 25 साल पहले तक यह सोचा भी नहीं जा सकता था कि हम कहीं हैंडपंप लगवाना चाहें और वह न लगे । लेकिन आज वास्तव में पानी का संकट उपस्थित है।
कुंडलिया देखिए :-
सूखी सब नदियाँ हुईं , पानी से कंगाल
कहतीं आओ देख लो , आकर मेरा हाल
आकर मेरा हाल , नहीं पानी है बहता
क्या होगा कल सोच, एक डर दिल में रहता
कहते रवि कविराय, परत धरती की रूखी
बोरिंग अब बेकार, धरा भीतर तक सूखी
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लेखक : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश, मोबाइल 9997 61 5451
[17/5/2019, 8:29 PM] Ravi Prakash: जोड़ – तोड़ का दौर ( कुंडलिया)
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सीटें प्रभु जी कम मिलें, सबको ही इस बार
ऐसा हो तो देश में , हो अपनी सरकार
हो अपनी सरकार , स्वप्न में पीएम बनते
जोड़-तोड़ का दौर , खुशी से देखें मनते
कहते रवि कविराय, चलो पीएम पद पीटें
दे दो हे भगवान ,भाग्य में बस दस सीटें
रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, उत्तर प्रदेश मोबाइल 9997615451
[18/5/2019, 10:32 AM] Ravi Prakash: गांधी बनाम नाथूराम गोडसे( कुंडलिया)
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गांधी से उत्तम कहो , कैसे नाथूराम
हिंसा का जनतंत्र में , बोलो क्या है काम
बोलो क्या है काम, बहस से हल निकलेगा
गोली है बेकार , चलाई हाथ मलेगा
कहते रवि कविराय, बड़े मूल्यों की आंधी
भारत के अभिराम, पूज्य हैं अपने गांधी
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश// मोबाइल 99976 15451
[19/5/2019, 7:50 PM] Ravi Prakash: केदारनाथ में नरेंद्र मोदी( कुंडलिया)
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आया जाने कौन है , देखो यह केदार
मन में भगवे से रंगा , दिखता बारंबार
दिखता बारंबार , नहीं नेता यह लगता
वोटों का व्यवसाय ,नहीं जग को यह ठगता
कहते रवि कविराय, भाग्य से है यह पाया
भारत में यह काल, लौटकर फिर कब आया
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश// मोबाइल 99976 15451
[20/5/2019, 9:03 AM] Ravi Prakash: बच्चों का फैशन शो( कुंडलिया)
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फैशन- शो में कर रहे ,बच्चे खूब कमाल
कोई मोदी दिख रहा , दिखा केजरीवाल
दिखा केजरीवाल , परी बन कोई आता
कोई ट्रैफिक रूल,सभी को आ समझाता
कहते रविकविराय, रीझता सबका है मन
नये- नये अंदाज , आज का देखो फैशन
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रचयिताःरवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर,उ.प्र. मोबाइल ः9997615451
[21/5/2019, 4:34 PM] Ravi Prakash: अटकी सांसें (कुंडलिया)
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अटकी सांसें कह रहीं , क्या होगा इस बार
जीते या शायद मिले , पहले जैसी हार
पहले जैसी हार , सोचकर रखो बहाना
जनता है नाराज , सत्य यह सबने माना
कहते रवि कविराय, अधर में किस्मत लटकी
नेता हैं चुपचाप , सांस गर्दन में अटकी
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश// मोबाइल 99976 15451
[21/5/2019, 7:00 PM] Ravi Prakash: इसको कहते ठाठ( कुंडलिया )
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जैसे थे हम बीस के ,लगते अब हैं साठ
उम्र कहां चलती पता, इसको कहते ठाठ
इसको कहते ठाठ , नहीं बीमारी पाली
बूढ़ेपन से बैर , घास हमने कब डाली
कहते रवि कविराय , उम्र ढलती है कैसे
ऊबी डूबी शाम , रात में बदली जैसे
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रचयिताः रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश, मोबाइल 99976 15451
[21/5/2019, 7:49 PM] Ravi Prakash: ईवीएम श्रीमान( कुंडलिया)
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नेता सारे कह रहे , ईवीएम श्रीमान
रख लो आज चुनाव में, गठबंधन का मान
गठबंधन का मान, नाक अपनी कटवा लो
हो जाओ बदनाम , जहर- बूटी चटवा लो
कहते रवि कविराय , तर्क जो हारा देता
झूठी हुई मशीन , जीतता वरना नेता
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)// मोबाइल 99976 15451
[23/5/2019, 3:28 AM] Ravi Prakash: हारें या जीतें भले( कुंडलिया)
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हारें या जीतें भले , हों सब जिम्मेदार
सब में भाव असहिष्णुता,सबमें उच्च विचार
सबमें उच्च विचार , पचाना सबको आए
विष या अमृतपान , सहज ही मुख में जाए
कहते रवि कविराय , नहीं हो हिंसा मारें
ठहरें जिनकी जीत , शांत हों जो – जो हारें
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रचयिता ः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 9997 61 545 1
[23/5/2019, 12:49 PM] Ravi Prakash: फिर मोदी सरकार (कुंडलिया )
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जनता का आदेश है , फिर मोदी सरकार
फेल बहत्तर हो गए , रुपये सभी हजार
रुपये सभी हजार , प्रलोभन काम न आया
जनता बोली राम , चाहिए कब यह माया
कहते रवि कविराय ,हर्ष अब देखो मनता
जनता की है जीत , प्रफुल्लित होती जनता
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल नंबर 9997615451
[24/5/2019, 4:48 PM] Ravi Prakash: वोट सौ- दो सौ आए (कुंडलिया)
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नाकारा- जन लड़ रहे,एमपी हेतु चुनाव
लुटिया डूबेगी पता , सबकी डूबी नाव
सबकी डूबी नाव , वोट सौ – दो सौ आए
बेशर्मी की बात , वोट लेकर मुस्काए
कहते रवि कविराय, चल रहा नाटक सारा
लड़े बहुत पर और, न लड़ पाएं नाकारा
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[24/5/2019, 5:09 PM] Ravi Prakash: एक अकेला (कुंडलिया )
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एक अकेला कर गया, देखो खूब कमाल
डूबी लुटिया सब हुए , खस्ता सब बेहाल
खस्ता सब बेहाल , बोरिया बिस्तर बांधा
मस्तक है निस्तेज , दीखता सबका आधा
कहते रवि कविराय, आज मोदी का मेला
जीता सारी सीट , देखिए एक अकेला
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 999 7615451
[25/5/2019, 10:00 AM] Ravi Prakash: धंधा चोखा( कुंडलिया)
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धंधा चोखा जानिए, राजनीति का काम
सबसे अच्छे मिल रहे, इस धंधे में दाम
इस धंधे में दाम, नहीं खुद केवल आओ
जितना है परिवार, चुनावों में सब लाओ
कहते रवि कविराय, सुनो मतदाता अंधा
भाषण लो बस सीख, चलेगा चोखा धंधा
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर, उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 99 97 61 5451
[25/5/2019, 10:41 AM] Ravi Prakash: राजनीति में परिवारवाद ( कुंडलिया )
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बेटी बेटा कह रहे , पापा दो वरदान
हम भी एम एल ए बनें, कर दो टिकट प्रदान
कर दो टिकट प्रदान , तभी बोली घरवाली
बाँटोगे जब सीट , भूल मत जाना साली
कहते रवि कविराय , सियासत घर में लेटी
राजनीति दामाद , भतीजा साला बेटी
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 99 97 61 545 1
[25/5/2019, 11:43 AM] Ravi Prakash: किस कारण से हार( कुंडलिया)
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हारे तो भगदड़ मची , लगते हैं आरोप
सब कहते तूने दिया, चाकू मुझको घोंप
चाकू मुझको घोंप , समीक्षा रहती जारी
किस कारण से हार, शिविर में चिंतन भारी
कहते रवि कविराय , तर्क मत ढूंढो सारे
वोटर हुआ खिलाफ, इसलिए केवल हारे
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश, मोबाइल 999 7615 451
[25/5/2019, 4:48 PM] Ravi Prakash: सब्सिडी दस-दस खाते (कुंडलिया )
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जिनके नौ बच्चे हुए , दसवाँ है तैयार
कैसे होगा देश का , उनसे बेड़ा पार
उनसे बेड़ा पार , सब्सिडी दस- दस खाते
जिनके हैं बस एक, टैक्स चुपचाप चुकाते
कहते रवि कविराय, कीजिए बच्चे गिन के
अब लाओ कानून ,एक से ज्यादा जिनके
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश ) मोबाइल 99976 15451
[26/5/2019, 10:11 AM] Ravi Prakash: रविवार( कुंडलिया )
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मतलब छुट्टी का हुआ , समझो है रविवार
छुट्टी दफ्तर की हुई , छुट्टी में घर – बार
छुट्टी में घर- बार, नियम से आज न चलना
जल्दी जागे कौन, काम पर किसे निकलना
कहते रविकविराय,आज पढ़नाकिसको कब
खेलेंगे दिन – रात , सिर्फ मस्ती से मतलब
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 545 1
[26/5/2019, 2:44 PM] Ravi Prakash: आग में फंसने पर (कुंडलिया)
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रखिए गीला तौलिया , मुखमंडल के पास
जाने पाए ना धुआं , पल-पल आए श्वास
पल-पल आए श्वास, आग से बचना सीखो
दम घुटने से मौत , मौत से बचते दीखो
कहते रवि कविराय ,परिस्थिति सदा परखिए
काबू में हो होश , धैर्य को मन में रखिए
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश मोबाइल 99 97 61 545 1
[26/5/2019, 3:30 PM] Ravi Prakash: इस्तीफा (कुंडलिया)
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इस्तीफे का चल रहा, नाटक बढ़िया खूब
रोते दिखते लग रहे, सब आंसू में डूब
सब आंसू में डूब , ले रहे जिम्मेदारी
पार्टी पर हम बोझ , हमारे कारण हारी
कहते रवि कविराय , देखिए रोज लतीफे
नौटंकी में शोर , अजी ले लो इस्तीफे
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल नंबर 999761 5451
[26/5/2019, 6:32 PM] Ravi Prakash: नेता निर्मम( कुंडलिया )
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निर्मम हत्याएं हुईं , राजनीति का काम
रण – प्रांगण के नाम से, अब है यह बदनाम
अब है यह बदनाम , छूटता चिंतन जाता
वैचारिक मतभेद , दीखने में कब आता
कहते रवि कविराय, हर तरफ सत्ता का भ्रम
लोभी है परिवेश , हो रहे नेता निर्मम
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश ) //मोबाइल 99976 15451
[26/5/2019, 7:55 PM] Ravi Prakash: नभ में हुआ सुराख ( कुंडलिया)
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जनसेवा का फल मिला, नभ में हुआ सुराख
राहुल से ज्यादा हुई , ईरानी की साख
ईरानी की साख , अमेठी दुर्गम जीती
कांग्रेस का राज , हो गयीं बातें बीती
कहते रवि कविराय , कर्म से मिलती मेवा
करती लक्ष्य प्रदान , देख लो यह जनसेवा
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[27/5/2019, 9:31 AM] Ravi Prakash: खाली दुकानदार ( कुंडलिया )
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खाली बैठे कट रही, चलती कहां दुकान
ग्राहक की भीड़ें नहीं , बाजारें सुनसान
बाजारें सुनसान , कमाई अब चौथाई
मन लगने की बात, समस्या बनकर आई
कहते रवि कविराय ,एक लत सबने पाली
मोबाइल के साथ ,देखिए सबको खाली
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[27/5/2019, 4:46 PM] Ravi Prakash: तरबूज (कुंडलिया)
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गर्मी का वरदान हैं , खरबूजे तरबूज
निर्धन क्या धनवान क्या,हर घर इनकी गूँज
हर घर इनकी गूँज , पेट का भरता कोटा
गूदा है क्या वाह , देखिए छिलका मोटा
कहते रवि कविराय , कंठ में आए नरमी
खा ले जो तरबूज , भूल जाए सब गर्मी
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[28/5/2019, 12:14 PM] Ravi Prakash: आओ बैठें ध्यान में ( कुंडलिया )
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आओ बैठें ध्यान में , पेड़ों की हो छाँव
गति को अब विश्राम दें , रखें पाँव पर पाँव
रखें पाँव पर पाँव, साँस को सुनना सीखें
भीतर से चुपचाप , मौन में गहरे दीखें
कहते रवि कविराय, ध्यान का भाव जगाओ
पा जाओगे ईश , ध्यान में सब जन आओ
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[28/5/2019, 12:59 PM] Ravi Prakash: काशी और मोदी ( कुंडलिया )
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काशी के मोदी हुए , काशी मालामाल
जैसे काशी को मिला ,किसको मिलता लाल
किसको मिलता लाल, रूप काशी पर छाया
अदभुत हुआ विकास, पुरातन दीखी काया
कहते रवि कविराय ,घाट मंदिर अविनाशी
देखो कॉरीडोर , देखिए नूतन काशी
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[28/5/2019, 4:06 PM] Ravi Prakash: अभिनंदन सम्मान( कुंडलिया)
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अभिनंदन जिसका हुआ,समझो सिर्फ महान
बाकी में संशय बड़ा , हैं भी क्या इंसान
हैं भी क्या इंसान , फूल माला यदि पाई
होता तभी प्रतीत , अकड़ – फूँ वाला भाई
कहते रवि कविराय, समर्पित हो तन मन धन
कोशिश करो जुगाड़, रोज के दो अभिनंदन
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 99 97 61 5451
[28/5/2019, 7:21 PM] Ravi Prakash: निर्धनों के नौ बच्चे( कुंडलिया)
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बच्चे कैसे कम करें ,बच्चे घर की शान
मरियल हों चाहे भले, बीमारी की खान
बीमारी की खान , खिलाने के कब पैसे
कैसे करें इलाज , पालते जैसे – तैसे
कहते रवि कविराय, तथ्य हैं बिल्कुल सच्चे
धनवानों का एक , निर्धनों के नौ बच्चे
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[30/5/2019, 11:39 AM] Ravi Prakash: सत्य है आधा- आधा( कुंडलिया )
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आधा खाली दिख रहा ,आधा भरा गिलास
अपना- अपना चल रहा,सबका ही विश्वास
सबका ही विश्वास , दृष्टि का अंतर पाया
भरा नजर के पास ,किसी को खाली आया
कहते रवि कविराय , संतुलन जिसने साधा
कहता सच्ची बात, सत्य है आधा-आधा
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 9761 5451
[30/5/2019, 11:53 AM] Ravi Prakash: रिश्वत( कुंडलिया)
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रिश्वत देकर नौकरी, जग में चर्चा आम
रिश्वत देकर हो रहे, दफ्तर में सब काम
दफ्तर में सब काम , कमाई सुंदर काली
रिश्वत नाम दहेज , ला रही है घरवाली
कहते रवि कविराय, पड़ी बहुतायत में लत
वेतन रोटी दाल , खीर हलवा है रिश्वत
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[30/5/2019, 12:08 PM] Ravi Prakash: भ्रष्टाचार( कुंडलिया)
“””””””””””””””””””””‘””'””””””””””””””””””””””
भारत में सबसे बड़ा , दानव भ्रष्टाचार
हर दफ्तर में दिख रहा , यह बेहद. खूंखार
यह बेहद खूंखार , कह रहा मुझे हराओ
करवाना यदि काम, लिफाफा मुझे बढ़ाओ
कहते रवि कविराय, देश किस कारण गारत
रिश्वत का है राज , धुंध से छाया भारत
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रचयिताः रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश //मोबाइल 999761 5451
[30/5/2019, 12:31 PM] Ravi Prakash: बेईमानी( कुंडलिया)
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बेईमानी गुण बना , बस बनिए धनवान
धन है जिनके पास में , पाते वह सम्मान
पाते वह सम्मान , ताव मूछों पर देते
उनकी जय-जयकार, सिर्फ जो रिश्वत लेते
कहते रविकविराय,हर जगह धन- अभिमानी
अब कैसा संकोच , गर्व है बेईमानी
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[30/5/2019, 12:50 PM] Ravi Prakash: पैसे (कुंडलिया )
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पैसे की महिमा बड़ी ,पैसे हैं भगवान
पैसे जिसके .पास हैं , खुशकिस्मत इंसान
खुशकिस्मत इंसान ,काम पैसे से चलता
निर्धनता अभिशाप, न्यून पैसा तो खलता
कहते रवि कविराय, पाइए इज्जत कैसे
गुण .चरित्र बेकार , जेब में हों दो पैसे
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल नंबर 999761 5451
[30/5/2019, 1:25 PM] Ravi Prakash: दैनिक भोजन( कुंडलिया)
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सूखी रोटी है भली , दोपहरी में दाल
चावल चटनी भी मिलें, अच्छा है यह ख्याल
अच्छा है यह ख्याल , परांठे घी में तर हों
आलू दही विशेष, रात में भर- भर कर हों
कहते रवि कविराय, चाय बिन दुनिया रूखी
मठरी की क्या बात , चाय बिन इसके सूखी
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रचयिता ः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[30/5/2019, 2:56 PM] Ravi Prakash: मंत्री पद (कुंडलिया)
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जिनको मंत्री- पद मिला,उनको कोटि प्रणाम
जनता की आशा बड़ी, करिएगा कुछ काम
करिएगा कुछ काम ,भाग्य से है पद आता
पाँच वर्ष का राज, बाद में फिर छिन जाता
कहते रवि कविराय , ईश यह देता किनको
करनेकोकुछ खास,मिल रहाअवसर जिनको
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997 61 5451
[1/6/2019, 11:41 AM] Ravi Prakash: दोपहरी घनघोर ( कुंडलिया )
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जिनके घर एसी लगे, एसी में दिन – रात
उनसे मत कहिए कभी, गर्मी दुख की बात
गर्मी दुख की बात , सताती गर्मी कैसे
दोपहरी घनघोर , कट रही जैसे – तैसे
कहते रवि कविराय, बादलों फेंको तिनके
बारिश के भंडार, जल भरे मन हों जिनके
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[1/6/2019, 12:42 PM] Ravi Prakash: छोटे मन के लोग( कुंडलिया )
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छोटी – छोटी सोच है , छोटे मन के लोग
संबंधों का कर रहे , मतलब से उपयोग
मतलब से उपयोग , भतीजा भाई कैसा
किसका कौन पड़ोस, यार कहलाता पैसा
कहते रवि कविराय ,आजकल दुनिया खोटी
कहने को विस्तार, दरअसल मन से छोटी
———–+————————————– रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 999 7615 451
[1/6/2019, 7:05 PM] Ravi Prakash: बोला कौवा( कुंडलिया)
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बोला कौवा क्या करूं ,मोटी है आवाज
काले मेरे रंग का , जाने क्या है राज
जाने क्या है राज , उसे मैंने समझाया
काला गोरा छोड़ , ईश ने तुझे बनाया
कहते रवि कविराय ,अरे कौवा तू भोला
जो तेरी आवाज, ठीक तू उसमें बोला
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[2/6/2019, 9:56 PM] Ravi Prakash: पुरानी यादें (कुंडलिया )
?????
सोना छत पर अब कहां,पानी का छिड़काव
तारे दिखते हैं किसे, कब कौवे की कॉव
कब कौवे की कॉव, लालटेनें जलती थीं
गपशप में हर रोज , सुर्ख शामें ढलती थीं
कहते रवि कविराय, पुरातन का क्या रोना
एसी जिंदाबाद , बंद कमरे में सोना
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[4/6/2019, 3:01 PM] Ravi Prakash: बढ़ती जनसंख्या की समस्या को रेखांकित करती मेरी एक ताजा कविता :-
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आठ नौ बच्चे करिए( कुंडलिया )
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चलिए खूब कमाइए, जिनके बच्चे एक
इनकम टैक्स अदा करें , सीधे – सादे नेक
सीधे- साधे नेक , खजाना जमकर भरिए
जो जो लोग गरीब , आठ नौ बच्चे करिए
कहते रवि कविराय, हाथ धनवाले मलिए
दस बच्चों के बाप, मुफ्त में खाने चलिए
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश// मोबाइल 9997 61 54 51
[4/6/2019, 9:03 PM] Ravi Prakash: ईद बधाई( कुंडलिया)
???????????
रोजे रखकर जब हुआ , चंदा का दीदार
सब बोले लो आ गया, खुशियों का त्योहार
खुशियों का त्योहार , कहो जी ईद बधाई
पतली चाँद लकीर , देख बजती शहनाई
कहते रवि कविराय, चाँद ने क्या-क्या खोजे
ढेरों व्रत उपवास , इसी ने खोजे रोजे
???????????
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) // मोबाइल 99 97 61 545 1
[6/6/2019, 11:01 AM] Ravi Prakash: पीने का पानी (कुंडलिया )
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पीने का पानी कहाँ , पानी सोना मोल
हीरे जैसे बिक रहे , पानी वैसे तोल
पानी वैसे तोल , इसे ही कलियुग जानो
सूखी नदियाँ नीर, मलिन नाला- सा मानो
कहते रवि कविराय, दौर मुश्किल जीने का
आता है कब हाथ , मुफ्त पानी पीने का
————————————————रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल नंबर 999761 5451
[6/6/2019, 1:09 PM] Ravi Prakash: गर्मी गुस्सेनाक (कुंडलिया )
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पारा बढ़ता जा रहा , गर्मी गुस्सेनाक
जलभुनकर ज्यों कह रही कर दूंगी सबखाक
कर दूंगी सब खाक , पेड़ से छाया मांगो
ओ मनुष्य अविवेक ,नींद से अब तो जागो
कहते रवि कविराय, चक्र है बिगड़ा सारा
कटते देखे पेड़ , चढ़ा कुदरत का पारा
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल999 7615451
[6/6/2019, 3:58 PM] Ravi Prakash: शीघ्र वर्षा की कामना से आपूरित एक कविता :-
बरसो मेघा( कुंडलिया)
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बरसो मेघा अब हुई , गर्मी अपरंपार
धरती कहती बारिशें , दो मेरे सरकार
दो मेरे सरकार , बादलों को कहलाओ
धरती करे पुकार , बादलों जल्दी आओ
कहते रवि कविराय, गगन वालों कुछ तरसो
धरती कैसे हँसे , मेघ थोड़ा तो बरसो
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 999 7 61 5451
[6/6/2019, 10:29 PM] Ravi Prakash: मौसम है अब खुशनुमा( कुंडलिया )
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बादल तेरा शुक्रिया , बारिश का छिड़काव
मौसम है अब खुशनुमा , दे मूछों पर ताव
दे मूछों पर ताव , धूप रोती बेचारी
गई अकड़ फूँ आज , जून की गर्मी सारी
कहते रवि कविराय,गजब होता नभ का जल
सूरज जाता हार , नीर जब लाता बादल
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99976 15451
[8/6/2019, 4:31 PM] Ravi Prakash: बेटी के मां बाप (कुंडलिया )
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लड़की की हैं फिक्र में, बेटी के माँ-बाप
रोने से कब क्या हुआ, रोना व्यर्थ विलाप
रोना व्यर्थ विलाप , बेटियाँ निर्भय घूमें
मुस्कानों के साथ , उच्चतम नभ को चूमें
कहते रवि कविराय, साँस हर माँ की धड़की
खतरे में है जान , रो रही लगती लड़की
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 5451
[8/6/2019, 6:46 PM] Ravi Prakash: बलात्कार( रेप) के विरुद्ध एक कविता:-
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मन में जिनके वासना (कुंडलिया)
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मन में जिनके वासना,उनका मजहब कौन
निर्दयता की जाति क्या , पूछो उत्तर मौन
पूछो उत्तर मौन , सभ्यता आंसू रोती
नारी का सम्मान , पाशविकता है खोती
कहते रवि कविराय, चेतना हो जन-जन में
मारो पत्थर मार, रेप सोचे भी मन में
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तरप्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[9/6/2019, 9:16 AM] Ravi Prakash: ताजा भोजन (कुंडलिया)
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ताजा भोजन जो मिला ,समझो है वरदान
मिलना इसका भाग्य में, होता क्या आसान
होता क्या आसान , रखा बासी सब खाते
डिब्बा लेकर साथ , काम पर चलकर जाते
कहते रवि कविराय ,वही किस्मत का राजा
रोटी खाता रोज , गर्म जो ताजा- ताजा
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 5451
[9/6/2019, 11:36 AM] Ravi Prakash: जनसंख्या वृद्धि की समस्या पर प्रस्तुत है
एक हास्य कविता :-
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मुफ्त में बच्चे पलते( कुंडलिया)
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बच्चे पैदा कीजिए , घर-घर दस या बीस
ऊपरवाला दे रहा , लेता है कब फीस
लेता है कब फीस , मुफ्त में बच्चे पलते
राशन के कब दाम , चुकाने पड़ते खलते
कहते रवि कविराय ,अक्ल के समझो कच्चे
भरते रहते टैक्स , एक-दो जिनके बच्चे
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 9997 61 545 1
[9/6/2019, 1:11 PM] Ravi Prakash: प्रस्तुत है जनसंख्या की समस्या को रेखांकित करती एक विचार पूर्ण कविता:-
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जनसंख्या है भार(कुन्डलिया)
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विकसित कैसे देश हो,कैसे दिखे विकास
दिन दूनी है बढ़ रही, जनसंख्या हर मास
जनसंख्या हर मास, चौगुना राशन खाते
फिर भी भूखे पेट, नजर बेघर ही आते
कहते रवि कविराय , घटाओ जैसे-तैसे
जनसंख्या है भार,देश हो विकसित कैसे
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रचयिता :-रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99976 15451
[9/6/2019, 4:12 PM] Ravi Prakash: जनसंख्या वृद्धि पर् प्रस्तुत है एक हास्य कविता:-
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हो क्रिकेट की टीम( कुंडलिया)
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घर में बच्चे चाहिए , रखिए ऐसी थीम
कम से कम ग्यारह जने ,हो क्रिकेट की टीम
हो क्रिकेट की टीम , एक दर्जन का नारा
हम दो – दर्जन एक , हमारा नारा प्यारा
कहते रवि कविराय, न रोको अगर- मगर में
भूखे नंगे ठीक , टीम हो लेकिन घर में
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 5451
[9/6/2019, 4:20 PM] Ravi Prakash: प्रस्तुत है जनसंख्या वृद्धि के प्रश्न पर राष्ट्रीय चेतना फैलाती एक कविता ः-
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बच्चे होंगे एक दो( कुंडलिया)
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बलशाली होगा तभी , अपना भारत देश
बच्चे होंगे एक दो , घर में कभी न क्लेश
घर में कभी न क्लेश, सुखी हो भारत सारा
निर्धनता से दूर , स्वास्थ्य घर सबका प्यारा
कहते रवि कविराय ,किस तरह हो खुशहाली
जनसंख्या पर रोक , राष्ट्र रचता बलशाली
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[9/6/2019, 5:00 PM] Ravi Prakash: जनसंख्या वृद्धि के संबंध में प्रस्तुत है एक हास्य कविता:-
बच्चे हों छह-आठ( कुंडलिया)
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पक्की हित की बात है , बच्चे हों छह-आठ
ठेला- भर राशन मिले , मस्ती में हों ठाठ
मस्ती में हों ठाठ , दवा की पेटी पाएं
जब जाएं सब क्लास, सीट सब भर भर जाएं
कहते रवि कविराय ,पार्टियां हक्की – बक्की
कहतीं इनके वोट , जीत कर देते पक्की
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल नहीं 99976 15451
[10/6/2019, 1:00 PM] Ravi Prakash: जनसंख्या वृद्धि के संबंध में प्रस्तुत है एक कविता:-
इसलिए विपदा सौ सौ ( कुंडलिया)
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सौ-सौ विपदाएं दिखीं, लेकिन सबसे खास
जनसंख्या जो बढ़ रही, यह कर रही उदास
यह कर रही उदास, सभी चौपट कर देगी
जितना करो विकास,भुखमरी से भर देगी
कहते रवि कविराय ,कर रहे पैदा नौ – नौ
सुरसा- से परिवार, इसलिए विपदा सौ –सौ
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रचयिता:रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 999 7615451
[11/6/2019, 10:46 AM] Ravi Prakash: चित्र पर आधारित कविता
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प्यासी धरती( कुंडलिया)
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प्यासी धरती कर रही , करुणा भरी पुकार
सूखी मैं खुद हो गई , सूखे जल भंडार
सूखे जल भंडार , नदी है सूखी मैली
कीचड़ का ज्यों भार, अंक में भरती थैली
कहते रविकविराय,रोज तिल तिल कर मरती
जिससे बुझती प्यास,आज खुद प्यासी धरती
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99976 15451
[11/6/2019, 7:41 PM] Ravi Prakash: पिलवाएं शरबत( कुंडलिया )
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पिलवाएं शरबत सभी, लेकिन रखिए ध्यान
सड़कों पर हो जाम से, तनिक नहीं व्यवधान
तनिक नहीं व्यवधान , नहीं कचरा फैलाएं
प्लास्टिक इस्तेमाल , गिलासों में मत लाएं
कहते रवि कविराय ,देश का सुन लोअभिमत
सोच समझ के साथ ,आप पिलवाएं शरबत
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99976 15451
[12/6/2019, 9:56 AM] Ravi Prakash: कोसी देखो आज( कुंडलिया)
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बरसाती नाला बना , निर्मल नदी प्रवाह
कूड़ा कचरा जब दिखा,मुख से निकली आह
मुख से निकली आह, स्वर्ग से थी यह आई
पूजनीय वरदान , उपेक्षा केवल पाई
कहते रवि कविराय, लाज खुद पर है आती
कोसी देखो आज , सिर्फ नाला बरसाती
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 999 7615 451
[14/6/2019, 2:49 PM] Ravi Prakash: दो बच्चे हैं आपके (कुंडलिया )
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भरिए सारी जिंदगी , टैक्सों की भरमार
दो बच्चे हैं आपके , छोटा – सा संसार
छोटा – सा संसार , आप सब खर्च उठाएं
दस बच्चों के बाप , आपसे लेकर खाएं
कहते रविकविराय,आप खप-खप कर मरिए
करता गलती और , आप वह गलती भरिए
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रचयिता ःरवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[15/6/2019, 11:04 AM] Ravi Prakash: दुनिया एक नाटक ( कुंडलिया)
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कैसा नाटक चल रहा, दुनिया में दिन रात
दुनिया देखो गौर से , वाह- वाह क्या बात
वाह- वाह क्या बात, वर्ष सौ मानव जीता
जाता जग को छोड़, जेब को देखो रीता
कहते रवि कविराय, सांस कहती पद पैसा
कोल्हू का है बैल , आदमी कैसा – कैसा
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[15/6/2019, 11:35 AM] Ravi Prakash: ईश्वर कैसे पाइए( कुंडलिया)
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ईश्वर कैसे पाइए , सबसे मुश्किल बात
रटना यह ही चाहिए ,लेकिन दिन या रात
लेकिन दिन या रात ,एक दिन जन पा जाते
कृपासिंधु भगवान ,आप ही चलकर आते
कहते रवि कविराय, सदा पाने को तत्पर
करें यत्न अविराम , एक दिन पाते ईश्वर
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[15/6/2019, 11:54 AM] Ravi Prakash: समधी समधन (कुंडलिया)
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समधी समधन चाहिए, जिन से नाता प्रीति
धन पर आधारित रही,जग की विकृत रीति
जग की विकृति रीति, प्रेम रस सदा बहाएं
ममता समता बांट, आत्मजन ही कहलाएं
कहते रवि कविराय, बड़ा ही नाजुक बंधन
मन की मन से डोर ,बांधती समधी समधन
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[15/6/2019, 12:04 PM] Ravi Prakash: बी .ए. पास( कुंडलिया)
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पढ़ के बी .ए . हो रहे, नौजवान नाराज
कहते इससे नौकरी ,मिलती है कब आज
मिलती है कब आज, काम धंधा क्या करिए
हुनर न आया एक, पुस्तकें सिर पर धरिए
कहते रवि कविराय, ग्रेजुएट लाखों गढ़ के
रहता शेष सवाल, क्या हुआ बी. ए . पढ़ के
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘”””‘
रचयिता ःरवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 9997615451
[15/6/2019, 4:12 PM] Ravi Prakash: शुभ कुंडलिया( कुंडलिया)
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कुंडलिया प्रतिदिन लिखूँ,वर दीजै हे नाथ
राग- द्वेष जिसमें नहीं , सच्चाई के साथ
सच्चाई के साथ , सदा निर्भयता आए
निर्लोभी निष्काम , लेखनी गुण को पाए
कहते रवि कविराय,जगत में जो-जो छलिया
उनका काम तमाम , नित करे शुभ कुंडलिया
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 999761 5451
[16/6/2019, 11:53 AM] Ravi Prakash: दिनांक 10 जून 2019 से 19 जून 2019 तक अग्रवाल धर्मशाला रामपुर में श्री राम सत्संग मंडल द्वारा श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल के मुख्य यजमान की भूमिका में आयोजित रामकथा गोंडा से पधारे श्री राधेश्याम द्विवेदी रामायणी जी के श्रीमुख से प्रस्तुत की गई । तबले और बाजे के साथ यह संगीतमय रामकथा सभी के हृदयों पर छा गई । प्रस्तुत है इसी सफल आयोजन को साधुवाद देते हुए एक कविता( कुंडलिया):-
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धारा रामकथा बही , वक्ता राधेश्याम
तर जाता संसार से, भजता जो श्रीराम
भजता जो श्रीराम, मधुर गायी .चौपाई
तबले बाजे संग , मधुरता अद्भुत आई
कहते रवि कविराय, रामपुर हर्षित सारा
मंत्रमुग्ध अविराम, रामरस बहती धारा
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रचयिता: रवि प्रकाश,, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश ,मोबाइल 99 97 61 5451
[16/6/2019, 2:59 PM] Ravi Prakash: 17 जून 2019 को प्रथम वर्षगांठ पर रिया को हार्दिक बधाई
???????????
जन्मदिवस शुभ हो रिया( कुंडलिया)
???????????
जन्मदिवस शुभ हो रिया,आया पहला साल
नाना नानी कर रहे ,जमकर खूब धमाल
जमकर खूब धमाल ,लखनऊ देखो प्यारा
देखो घर – संसार, खुशनुमा खूब नजारा
कहते रवि कविराय, जिंदगी बीते हँस- हँस
सत्रह जून विशेष , बधाई जन्मदिवस
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 545 1
[16/6/2019, 6:22 PM] Ravi Prakash: परिवर्तन (कुंडलिया)
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परिवर्तन हर क्षण किया , बदला यह संसार
सौ वर्षों की जिंदगी , जाना फिर उस पार
जाना फिर उस पार , नए लोगों का आना
नूतन फिर घर – बार, नया संसार बसाना
कहते रवि कविराय, लगाना क्या इसमें मन
जो दिखता है आज ,दिखेगा कल परिवर्तन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 999 7615451
[16/6/2019, 8:39 PM] Ravi Prakash: लूटना इज्जत जारी (कुंडलिया )
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साड़ी से आगे बढ़ा ,जींस पैंट परिधान
नारी का लेकिन रहा, वैसा ही अपमान
वैसा ही अपमान, देह कहलाती गुड़िया
पूजन हेतु विधान,सिर्फ कागज की पुड़िया
कहते रवि कविराय, लूटना इज्जत जारी
पहने चाहे फ्रॉक, पाँच गज की या साड़ी
“””””””””””””””””””””””””””””””””””‘””””'”””’
रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[17/6/2019, 12:57 PM] Ravi Prakash: पांचों साल चुनाव( कुंडलिया)
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भाषण अब कैसे रूके , पांचों साल चुनाव
काम करेगा क्या गला ,पड़े जीभ में घाव
पड़े जीभ में घाव , चीखकर भाषण आया
लटके – झटके खूब , चुनावी देखो माया
कहते रवि कविराय, देश का हर क्षण है रण
जलसे और जुलूस, हर समय सुनिए भाषण
“””””””””””‘”‘””””””””””””‘”””””””””'”””””””””””””‘
रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997 61 545 1
[17/6/2019, 2:21 PM] Ravi Prakash: उल्टी पुल्टी रीति( कुंडलिया)
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कुछ खोया कुछ पा लिया, उल्टी- पुल्टी रीति
कोई बैरी बन गया , पाई कुछ से प्रीति
पाई कुछ से प्रीति , कभी सिंहासन पाया
कभी भाग्य की बात, पालथी में सुख आया
कहते रवि कविराय , कभी हंसता है रोया
धन है कभी असीम ,कभी है सब कुछ खोया
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता रवि प्रकाश बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 999 7615 451
[18/6/2019, 11:24 AM] Ravi Prakash: दिया बचपन को धोखा (कुंडलिया )
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हरा – भरा अब कब रहा , पेड़ों से संसार
हमने जग का कर दिया , पूरा बंटाधार
पूरा बंटाधार , दिया बचपन को धोखा
बच्चों को कब शेष ,भूमि का जल सब सोखा
कहते रवि कविराय, न सोचे अगर जरा सब
रेगिस्तानी देश , बनेगा हरा – भरा अब
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिताः रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997 61 545 1
[18/6/2019, 11:53 AM] Ravi Prakash: समय (कुंडलिया )
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सारा बल है समय में ,चला समय का राज
हाथी को चूहा करे , चूहे को गजराज
चूहे को गजराज ,समय को शीश झुकाओ
अपमानों पर शोक , मान पर मत इतराओ
कहते रवि कविराय , समय ही जीता हारा
जितना भी है खेल, समय का ही है सारा
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘” रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[18/6/2019, 6:15 PM] Ravi Prakash: सड़क पर पैदल चलना (कुंडलिया)
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चलना मुश्किल हो गया ,सड़कें अब खूंखार
बाइक सरपट दौड़ती , ई- रिक्शा की मार
ई- रिक्शा की मार , चला पैदल मुरझाया
बचकर चलता रोज, टक्करें लेकिन खाया
कहते रवि कविराय, हाथ फिर केवल मलना
खा जाओगे चोट , देखकर पैदल चलना
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रविप्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[18/6/2019, 7:58 PM] Ravi Prakash: डॉक्टर है इंसान (कुंडलिया)
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हाड़ – माँस का है सुनो , डॉक्टर है इंसान
कोशिश करता है सभी ,लेकिन कब भगवान
लेकिन कब भगवान, मौत से जमकर लड़ता
कभी मौत पर जीत ,कभी यह रहा पिछड़ता
कहते रवि कविराय,पता क्या किसे साँस का
कब जीवन कब मौत ,आदमी हाड़ माँस का
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘”‘”””””
रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[20/6/2019, 3:38 PM] Ravi Prakash: मानद डी.लिट.उपाधि (कुंडलिया)
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नेता जी को देखिए , यूं तो इंटर फेल
लेकिन डी.लिट. बांटना ,इनका घर का खेल
इनका घर का खेल, खद्दरों ने हथियाईं
रेवड़ियों की भांति, डिग्रियां डी.लिट. खाईं
कहते रवि कविराय , दे रहा नेता लेता
शिक्षा है बाजार , दुकानें खोले नेता
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997 61 5451
[20/6/2019, 4:25 PM] Ravi Prakash: भटके रोटी के लिए (कुंडलिया )
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भटके रोटी के लिए , घर से दूर विदेश
पैसा तो मिलता रहा, मन में भारी क्लेश
मन में भारी क्लेश , शनी की साढ़े साती
नए देश की वायु , रास कब जल्दी आती
कहते रवि कविराय , अधर में समझो लटके
एक पांव में देश , दूसरे से जग भटके
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 5451
[20/6/2019, 7:07 PM] Ravi Prakash: अकड़ (कुंडलिया)
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दुनियादारी लो गई , अकड़ूपन के साथ
लड़वाने में है सदा , इसका गहरा हाथ
इसका गहरा हाथ, मूंछ नीची मत करिए
सबसे लड़िए रोज ,जगत में सदा अकड़िए
कहते रवि कविराय, जीतिए बाजी सारी
मूछों पर दें ताव , भाड़ में दुनियादारी
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘””””””””
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 999761 5451
[22/6/2019, 5:35 PM] Ravi Prakash: अधर में लटकी नारी( कुंडलिया )
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अपना घर किसको कहें , उठते ढेर सवाल
मैका भी अपना नहीं, अपनी कब ससुराल
अपनी कब ससुराल, अधर में लटकी नारी
घर ज्यों एक सराय , रह रही है बेचारी
कहते रवि कविराय , हमेशा रहता सपना
पैदाइश के साथ, अंत तक कब घर अपना
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[22/6/2019, 5:57 PM] Ravi Prakash: प्रार्थना (कुंडलिया)
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देरी नाथ न कीजिए , आओ मेरे साथ
प्रियतम मेरे मन बसो , ले हाथों में हाथ
ले हाथों में हाथ , प्रेमरस नित्य बहाओ
मेरे घर में देव , डूब भावों में जाओ
कहते रवि कविराय, यही विनती है मेरी
सुनिए करुण पुकार, कीजिए तनिक न देरी
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल नंबर 999761 5451
[23/6/2019, 12:19 PM] Ravi Prakash: मुकदमों के निपटारे की समय- सीमा जरूरी
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
अदालतों में दसियों बीसियों साल तक मुकदमे चलते रहते हैं। इसके कारण न्याय व्यवस्था पर से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है। वे सोचते हैं कि न्याय पाने के लिए अगर मुकदमा शुरू किया तो भी लंबा समय लगेगा और कई बार तो इतना लंबा समय लग जाता है कि फिर अदालतों से न्याय मिलना या न मिलना लगभग एक बराबर ही रहता है ।
इसलिए यह निश्चित होना चाहिए कि जिस दिन मुकदमा शुरू हो, उसके बाद कितने दिनों में उसका निपटारा होगा ।जब विभिन्न सरकारी विभागों में नागरिकों के आवेदन पत्रों पर एक निश्चित समय- सीमा काम पूरा करने की निर्धारित की जा सकती है तो यही पद्धति अदालतों पर लागू होनी चाहिए ताकि सबको त्वरित न्याय मिल सके।
इसी संदर्भ में एक कविता देखिए;-
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न्याय की समय-सीमा ( कुंडलिया )
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होना अब तो चाहिए , पूरा न्याय सुधार
एक समय सीमा बंधे , कानूनी अनुसार
कानूनी अनुसार ,जजों के निर्णय आएं
तारीखें हर बार , नहीं आगे बढ़ पाएं
कहते रवि कविराय, कचहरी जाना रोना
सबको है मालूम ,यहां किंचित कब होना
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता ःरवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[24/6/2019, 12:15 PM] Ravi Prakash: बरसात (कुंडलिया)
???????????
बरसातें लो आ गयीं, मौसम में आह्लाद
टप टप टप पानी गिरा, भीषण गर्मी बाद
भीषण गर्मी बाद, मेघ घिर- घिरकर आए
दिन में जैसे शाम, देख कर मन मुस्काए
कहते रवि कविराय, स्वर्ग-सी हैं दिन रातें
सबसे प्यारा दौर , साल में हैं बरसातें
??????????
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[24/6/2019, 3:14 PM] Ravi Prakash: भरा सड़कों पर पानी (कुंडलिया )
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भारी बारिश से खुली, नालों की सब पोल
पानी बोला क्यों बहूँ, करता टालमटोल
करता टालमटोल , भरा सड़कों पर पानी
नाले – नाली खूब , कर रहे यूं मनमानी
कहते रवि कविराय, व्यवस्था सुधरे सारी
पानी बहे अबाध, भले जल बरसे भारी
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘”””
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[25/6/2019, 3:07 PM] Ravi Prakash: फिर भी सूबेदार( कुंडलिया )
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मस्ती को क्या चाहिए ,मन के राजकुमार
तन पर हैं कपड़े नहीं , फिर भी सूबेदार
फिर भी सूबेदार ,चार ईंटों का तकिया
राजाओं – सा रौब, उधेड़े सबकी बखिया
कहते रवि कविराय ,मौज होती है सस्ती
धनवानों के पास, खोजिए कब है मस्ती
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451
[25/6/2019, 5:49 PM] Ravi Prakash: बरसातें सबसे बुरी (कुंडलिया )
“””””””””””””””””””””””””””””””””””‘”””””””””
बरसातें सबसे बुरी ,चिप- चिप हुआ शरीर
बारिश जैसे ही रुकी , गर्मी फिर गंभीर
गर्मी फिर गंभीर , चौगुने मच्छर छाए
कीड़े कीट पतंग ,न जाने क्या-क्या आए
कहते रवि कविराय ,चैन के दिन कब रातें
बुरे फंसे हे राम , मुसीबत हैं बरसातें
“””””””””””””””””””‘””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा,
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[26/6/2019, 8:42 AM] Ravi Prakash: सास और बहू( दो कुंडलियाँ )
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अब भी बहुएं जल रहीं , सासों की करतूत
सासें हैं खलनायिका, दुर्गुण भरे अकूत
दुर्गुण भरे अकूत , सास हैं अत्याचारी
दिखने में खुर्राट , भूमिका रहती जारी
कहते रवि कविराय, आँकिए चाहे जब भी
सासें दकियानूस, दीखतीं भारी अब भी
थोड़ी बहुएं हो गयीं , सासों की भी सास
घूँघट में सासें चलें , बहुएं पर्दाफाश
बहुएं पर्दाफाश , सास की कसें नकेलें
सासें करतीं काम , बहू मोबाइल खेलें
कहते रवि कविराय, सास बहुओं की जोड़ी
भांति भांति की छटा , देखिए थोड़ी-थोड़ी
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””'”””
रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 999 7615 451
[30/6/2019, 5:47 PM] Ravi Prakash: बे रिक्शा बे कार( कुंडलिया)
“””””””””””””””””””””””””””””””
आया जब से शहर में , नूतन ट्रैफिक प्लान
शहर पुराना हो गया ,भीतर से बेजान
भीतर से बेजान , दाम हैं अब चौथाई
ई – रिक्शा या कार , शहर से हुई पराई
कहते रवि कविराय, बाइकों की बस माया
बे- रिक्शा बे- कार ,शहर में जो भी आया
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[2/7/2019, 7:28 PM] Ravi Prakash: न्याय की समय-सीमा ( कुंडलिया )
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होना अब तो चाहिए , पूरा न्याय सुधार
एक समय सीमा बंधे , कानूनी अनुसार
कानूनी अनुसार ,जजों के निर्णय आएं
तारीखें हर बार , नहीं आगे बढ़ पाएं
कहते रवि कविराय, कचहरी जाना रोना
सबको है मालूम ,यहां किंचित कब होना
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता ःरवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[2/7/2019, 8:44 PM] Ravi Prakash: माँ की गोदी (कुंडलिया)
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जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल
जग में खुशकिस्मत बड़ा,माँ का ही बसलाल
मां का ही बस लाल, खुशी में खुद को ढाला
उछली है माँ मौन , लाल को कभी उछाला
कहते रवि कविराय,खुशी मिलती है किसको
गोदी है अनमोल , मिल गई मां की जिसको
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रचयिता: रवि प्रकाश,
बाजार सर्राफा ,रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1
[3/7/2019, 12:12 PM] Ravi Prakash: न्याय की समय-सीमा ( कुंडलिया )
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होना अब तो चाहिए , पूरा न्याय सुधार
एक समय सीमा बँधे , कानूनी अनुसार
कानूनी अनुसार ,जजों के निर्णय आएं
तारीखें हर बार , नहीं आगे बढ़ पाएं
कहते रवि कविराय, कचहरी जाना रोना
सबको है मालूम ,यहां किंचित कब होना
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता ःरवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[4/7/2019, 11:07 AM] Ravi Prakash: गोरी क्यों पनघट चली( कुंडलिया )
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गोरी क्यों पनघट चली, काली तू चल आज
कविता को बदलें सभी, बदलें आज समाज
बदलें आज समाज , श्रेष्ठता का पैमाना
गोरों का कब दौर , कहें अब गया जमाना
कहते रवि कविराय , साँवली सुंदर छोरी
अब सब एक समान , दूध- सी जैसी गोरी
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[4/7/2019, 11:18 AM] Ravi Prakash: जनता की यह कार ( कुंडलिया )
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बोली ई- रिक्शा कहा , मैं हूँ क्यों बदनाम
बाइकें सड़कों पर खड़ीं, इससे लगता जाम
इससे लगता जाम , रोक यदि इनको पाते
खुली सड़क के दौर , देखिए कैसे आते
कहते रवि कविराय, चले रिक्शा की टोली
जनता की यह कार, आम जनता यह बोली
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश) मोबाइल 999 7615 451
[4/7/2019, 3:03 PM] Ravi Prakash: बादल (कुंडलिया)
????⛈⛈???
रोजाना आने लगे , बादल अब घनघोर
शोर मचाते हैं घना , बातों पर है जोर
बातों पर है जोर , खूब सपने दिखलाते
लगता जैसे ढेर , बारिशें लेकर आते
कहते रवि कविराय, शोर करके सो जाना
मेघों का यह खेल, हो गया अब रोजाना
??????????
रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा रामपुर
उत्तर प्रदेश, मोबाइल 999 761 5451
[4/7/2019, 8:54 PM] Ravi Prakash: कौन जाने कब बरसे (कुंडलिया)
???????⛈⛈??
बरसे बादल क्या पता ,किसके घर के पास
देखें सब आंखें लगा, भरकर मन में आस
भरकर मन में आस, देखकर मन ललचाए
सबकी करुण पुकार, मेघ हम तक भी आए
कहते रवि कविराय, जाइए जब भी घर से
छाता लेकर साथ , कौन जाने कब बरसे
?????⛈⛈????
रचयिता :रवि प्रकाश ,
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 9997615451
[5/7/2019, 2:46 PM] Ravi Prakash: स्वागतम हे ऋतु वर्षा( कुंडलिया)
????⛈⛈????
वर्षा ऋतु लो आ गई, आया माह असाढ़
रिमझिम है बारिश कहीं, कहीं दीखती बाढ़
कहीं दीखती बाढ़ ,भरे कीचड़ से नाले
पानी जमा अथाह , शहर में लगते ताले
कहते रवि कविराय , देख बूँदे मन हर्षा
मच्छर की भरमार., स्वागतम हे ऋतु वर्षा
????⛈⛈?????
रचयिता ःरवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर ,उत्तर प्रदेश, मोबाइल 999761 5451
[5/7/2019, 3:39 PM] Ravi Prakash: चित्र पर आधारित कविता
दिनांक 5-7- 2019
आया बचपन माँजता( कुंडलिया )
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आया बचपन माँजता, बर्तन को दिन रात
बोला जाने कब मिले , बस्ते की सौगात
बस्ते की सौगात , जुटाते रोटी – पानी
दो पैसे की रोज , मजूरी यही कहानी
कहते रवि कविराय, पेट आधा- भर खाया
जाते बच्चे स्कूल, देखकर मन भर आया
*******************************
रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश, मोबाइल नंबर 999761 5451
[15/7/2019, 9:32 AM] Ravi Prakash: चंदा (कुंडलिया)
?????????
उड़नखटोला चल पड़ा , पहुंचा चंदा धाम
देखा चन्दा बेसुरा , कहाँ रूप अभिराम
कहाँ रुप अभिराम,किसी बुढ़िया- सा पाया
कहाँ रंग वह दूध , जिसे कवियों ने गाया
कहते रवि कविराय , दूर से रत्ती तोला
देखेगा नजदीक , पहुंचकर उड़नखटोला
??????????
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[16/7/2019, 11:04 AM] Ravi Prakash: चित्र पर आधारित कविता 16 -7 -2019
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छाता उल्टा कर चले (कुंडलिया)
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छाता उल्टा कर चले , बाबू बंसीलाल
बोले मन में आ रहा , अद्भुत एक खयाल
अद्भुत एक खयाल ,भरें बारिश का पानी
नली एक हो साथ, करें जल संग्रह यानी
कहते रवि कविराय, हँसो मत भगिनी भ्राता
सच में ऊटपटांग , दिखेगा कल से छाता
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[16/7/2019, 10:34 PM] Ravi Prakash: पीछे गुरुजी रह गए (कुंडलिया)
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आगे – आगे चल रहे , ढोंगी गुरुघंटाल
पीछे गुरुजी रह गए , खस्ता हैं बेहाल
खस्ता हैं बेहाल , वक्त के देखो मारे
लटके – झटके सीख , कहाँ पाते बेचारे
कहते रवि कविराय,पोल जब खुलती भागे
पीछे खाकी लोग , दौड़ते ढोंगी आगे
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615 451
[16/7/2019, 10:42 PM] Ravi Prakash: घर-घर गुरूघंटाल (कुंडलिया )
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सबसे ज्यादा पुज रहे , घर- घर गुरुघंटाल
एसी की कोठी मिली , दिखते शाही हाल
दिखते शाही हाल , भक्त इनके दीवाने
इनको दीर्घ विशाल , उच्च प्रभु से हर माने
कहते रवि कविराय ,अरबपति हैं यह जब से
धंधा गुरु का काम ,आजकल चोखा सबसे
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रचयिता ःरवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976154 51
[20/7/2019, 8:02 PM] Ravi Prakash: बेचारी सड़क (कुंडलिया )
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चौड़ी सड़कें हो गईं , पतली रातों – रात
सोचो इसमें भेद क्या , इसमें है क्या बात
इसमें है क्या बात , बाइकें दिखतीं खाली
छह फिट की दूकान,चार फिट फोकट वाली
कहते रविकविराय,सड़क फिर कभी न दौड़ी
ठेलों ने बेरोक , संकरी कर दी चौड़ी
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[22/7/2019, 11:47 AM] Ravi Prakash: कहाँ से निकले गाड़ी (कुंडलिया)
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भारी भरकम बाइकें , घेरे जगह तमाम
सड़कों पर सोती मिलीं ,रोजाना का काम
रोजाना का काम , सिपाही लाड़ लड़ाते
ठेले वाले रोज , खोमचा सुना खिलाते
कहते रवि कविराय , कहाँ से निकले गाड़ी
बिकता पाँव पसार, माल सड़कों पर भारी
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[23/7/2019, 10:51 AM] Ravi Prakash: चित्र पर आधारित कविता दिनांक 23-7- 2019
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जीवन के मोड़( कुंडलिया )
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बच्चा बूढ़ा हो गया , यौवन पीछे छोड़
सौ वर्षों की जिंदगी , भांति भांति के मोड़
भाँति -भाँति के मोड़, काल सबको है खाता
काले बाल सफेद , चेहरा वृद्ध कहाता
कहते रवि कविराय ,जगत मत जानो सच्चा
झूठा वृद्ध जवान , झूठ है हँसता बच्चा
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[24/7/2019, 9:25 AM] Ravi Prakash: भंडारे( कुंडलिया)
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भंडारे की पूड़ियाँ , देसी घी का स्वाद
आलू सब्जी रायता , गंगाफल की याद
गंगाफल की याद , चखा हलुआ दोबारा
सावन में भरमार , खूब खाते भंडारा
कहते रवि कविराय ,समस्या लेकिन प्यारे
पेट हमारा एक , दो जगह हैं भंडारे
“”””””””‘””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[24/7/2019, 11:27 AM] Ravi Prakash: आवारा कुत्ते (कुंडलिया )
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आवारा कुत्ते जमा , करते मुख से वार
इनके चंगुल में फँसा , करता हाहाकार
करता हाहाकार , नोच कर खा- खा जाते
डरे हुए इंसान , देख इनको घबराते
कहते रवि कविराय, सफाया हो अब सारा
कुत्ता नाम निशान , नहीं दीखे आवारा
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तरप्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451
[31/7/2019, 9:59 AM] Ravi Prakash: गंगाफल (कुंडलिया )
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सारे फल में है बड़ा , गंगाफल का नाम
भंडारे में आ रहा ,सदियों से यह काम
सदियों से यह काम ,यही कद्दू कहलाता
सीता जी की याद , नाम में काशी आता
कहते रवि कविराय ,तोलकर बाकी हारे
पलड़े पर यह एक , दूसरे पर फल सारे
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[3/8/2019, 2:19 PM] Ravi Prakash: आई सावन तीज (कुंडलिया)
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झूला देखो पड़ गया , आई सावन तीज
हल्की बूंदें पड़ रहीं , मस्ती के ज्यों बीज
मस्ती के ज्यों बीज , दीखती है हरियाली
मन गा रहा मयूर , आज चिंता से खाली
कहते रवि कविराय, जगत के सब दुख भूला
नभ में .बादल बीच, पेड़ पर जब से झूला
☘☘??☘☘??☘☘☘
रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[3/8/2019, 4:16 PM] Ravi Prakash: पतंगे रक्षाबंधन( कुंडलिया)
???????????
रक्षाबंधन आ गया , देखो उड़ी पतंग
नीली पीली बैंजनी, भांति – भांति के रंग
भांति-भांति के रंग ,पेंच कुछ खींच लड़ाते
कुछ माँझे पर आंख, देर तक रहे गड़ाते
कहते रवि कविराय, हो रही माँ से अनबन
पूछ रही क्या डोर , पतंगे रक्षाबंधन
???????????
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[7/8/2019, 9:02 AM] Ravi Prakash: फाड़ा कुर्ता रो रहे (कुंडलिया)
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फाड़ा कुर्ता रो रहे , महबूबा के लोग
जड़ से पूरा मिट गया , काशमीर का रोग
काशमीर का रोग , तीन सौ सत्तर भागी
खुशी मनाता देश, देश की किस्मत जागी
कहते रवि कविराय, हिंद का झंडा गाड़ा
सत्तर सालों बाद , पृष्ठ बदसूरत फाड़ा
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 999761 5451
[9/8/2019, 3:23 PM] Ravi Prakash: जल- बिन हाहाकार (कुंडलिया)
??????????
धरती में पानी नहीं , जल- बिन हाहाकार
कैसे अब जीवन चले , सब जन करें विचार
सब जन करें विचार , गया नाली में पानी
वर्षा जल बेकार , हर जगह यही कहानी
कहते रवि कविराय, काम मोटर कब करती
जल से हुई .विहीन , सूख कांटे – सी धरती
???????????
रचयिता रवि प्रकाश बाजार सराफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451
[13/8/2019, 2:09 PM] Ravi Prakash: तीन कुंडलों का फैशन( कुंडलिया )
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आया अब देखो नया , फैशन यह श्रीमान
दो कानों में दिख रहे , कुंडल हैं असमान
कुंडल हैं असमान ,एक में दो को डाले
एक कान में एक , दीखते भोले -भाले
कहते रवि कविराय, तीन से काम चलाया
फैशन तुझे प्रणाम, रूप धर जो भी आया
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल नंबर999761 5451
[14/8/2019, 9:50 AM] Ravi Prakash: पतंगे रक्षाबंधन( कुंडलिया)
???????????
रक्षाबंधन आ गया , देखो उड़ी पतंग
नीली पीली बैंजनी, भाँति – भाँति के रंग
भाँति-भाँति के रंग ,पेच कुछ खींच लड़ाते
कुछ माँझे पर आँख, देर तक रहे गड़ाते
कहते रवि कविराय,मनाता है जनगणमन
आसमान में डोर , पतंगें रक्षाबंधन
???????????
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99 97 61 5451
[14/8/2019, 6:06 PM] Ravi Prakash: यह रिश्ते की डोर (कुंडलिया)
???????????
धागा मत मानो इसे , यह रिश्ते की डोर
घर-घर उजियारा हुआ , घर-घर इससे भोर
घर-घर इससे भोर , निकट धागा यह लाता
बहन भले ही दूर , पास धागा ले आता
कहते रवि कविराय , डाल पर बोला कागा
जिद पर बहन विशेष ,बाँधना मुझको धागा
???????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615 451
[17/8/2019, 12:15 PM] Ravi Prakash: सावन में झूला पड़ा( हास्य कुंडलिया)
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सावन में झूला पड़ा , कुंडा था कमजोर
बोला हल्के झूलना , करना अधिक न जोर
करना अधिक न जोर , जंग खाया था सारा
झोंटे में घनघोर , गिरा औचक बेचारा
कहते रवि कविराय, सदा ऋतु मनभावन में
कुंडा हो मजबूत , झूलिए तब सावन में
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””’
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[20/8/2019, 6:27 PM] Ravi Prakash: बोली मेंह्दी (कुंडलिया)
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बोली मेंह्दी मैं नहीं , रचते तेरे हाथ
होता मेरा नाम है , केवल तेरे साथ
केवल तेरे साथ , वाह पाती तू गोरी
जहाँ रक्त संचार , रंग से रचती छोरी
कहते रवि कविराय , लगाती सौ की टोली
किसी एक का रंग , कह रहा मेंह्दी बोली
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451
[27/8/2019, 11:00 AM] Ravi Prakash: गगरी (कुंडलिया)
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गगरी कब किसकी भरी, गगरी रही उदास
गगरी भरने की रही , लेकिन सबको आस
लेकिन सबको आस , अधूरी हैं इच्छाएँ
मनचाहे आकाश , दूर कुछ रह- रह जाएँ
कहते रविकविराय,निकट कब पिय की नगरी
जब भी देखूँ झाँक , अधभरी पाई गगरी
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 9 99761 5451
[30/8/2019, 8:55 AM] Ravi Prakash: मस्ती( कुंडलिया)
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मस्ती में यदि भीगना, छतरी का क्या काम
फेंको छतरी मन करो , फुल मस्ती के नाम
फुल मस्ती के नाम , नहीं बरसातें रहतीं
जीवन के दिन चार,बिजलियाँ नभ की कहतीं
कहते रवि कविराय ,रखा क्या मँहगी सस्ती
मिल जाए जिस भाव , खरीदो जल्दी मस्ती
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[6/9/2019, 5:02 PM] Ravi Prakash: तिहाड़ में हाल( कुंडलिया)
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सोने को मिलती धरा, खाते रोटी दाल
बड़े- बड़ों का हो रहा, यह तिहाड़ में हाल
यह तिहाड़ में हाल, टॉयलेट इंग्लिश पाया
लगता ज्यों वरदान, किसी ने नेक सुनाया
कहते रवि कविराय , बची बैरक रोने को
कोठी स्वप्न समान , जेल है अब सोने को
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[7/9/2019, 10:18 AM] Ravi Prakash: चिट्ठी में इतिहास (कुंडलिया )
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पढ़ना जिनको आ गया, चिट्ठी में इतिहास
इतिहासों में कर सके, वह ही पुण्य प्रवास
वह ही पुण्य प्रवास ,वस्तु की कीमत जानी
चिट्ठी है अनमोल , एक युग एक कहानी
कहते रविकविराय,कठिन है युग को गढ़ना
किसके बस की बात, पुरानी चिट्ठी पढ़ना
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रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[7/9/2019, 8:16 PM] Ravi Prakash: उतरेगा फिर यान( कुंडलिया )
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चंदा पर बुढ़िया कहाँ,रहती चरखा कात
ढूँढेंगे जाकर वहाँ , मामा वाली बात
मामा वाली बात , चाँदनी दूध मलाई
सुंदरता भरपूर , झूठ है या सच्चाई
कहते रवि कविराय, शुरू में रहता मंदा
उतरेगा फिर यान , हाथ में होगा चंदा
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[12/9/2019, 12:57 PM] Ravi Prakash: हिंदी (कुंडलिया)
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भाषा हिंदी बन गई , दुनिया की सिरमौर
लेकिन घर में कब किया,किसने इस पर गौर
किसने इस पर गौर , मान दुनिया में पाती
झिड़की लेकिन रोज , देश के भीतर जाती
कहते रवि कविराय , क्षीण हिंदी की आशा
इंग्लिश में है राज , देश की इंग्लिश भाषा
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रचयिता:- रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[13/9/2019, 2:22 PM] Ravi Prakash: हिंदी में बिंदी (कुंडलिया)
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हिंदी में सबसे बड़ा , बिंदी का है खेल
चांट लिखा तो पिट गए, स्वाद चाट का मेल
स्वाद चाट का मेल , दंश बिंदी से आता
वरना दश मासूम , सिर्फ दस ही कहलाता
कहते रवि कविराय , सोच कर रखिए बिंदी
लिखना चाहा वंश , हो गया वश में हिंदी
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[14/9/2019, 11:30 AM] Ravi Prakash: टाँग इंग्लिश की टूटी (कुंडलिया)
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टूटी – फूटी बोलते , गलती के अंबार
इंग्लिश पर लेकिन फिदा ,करते इससे प्यार
करते इससे प्यार , समझते इज्जत पाई
हिंदी में है हीन , भावना की परछाई
कहते रवि कविराय, देश की किस्मत फूटी
जिधर देखिए आज , टाँग इंग्लिश की टूटी
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 9997 615 451
[18/9/2019, 1:10 PM] Ravi Prakash: हर कोने में पीक( कुंडलिया )
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गमले पीकों से भरे , हर कोने में पीक
जिनके मुँह में पीक है ,कहते हैं यह ठीक
कहते हैं यह ठीक, देखिए क्या पिचकारी
पिच्च- पिच्च आवाज,लक्ष्य पर देकर मारी
कहते रवि कविराय , पीक के अद्भुत हमले
क्या दफ्तर घर – बार ,देखिए महके गमले
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रचयिताः रवि प्रकाश बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश (मोबाइल ).99 97 615451
[19/9/2019, 4:54 PM] Ravi Prakash: गगरी पनघट अब कहाँ( कुंडलिया )
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गगरी- पनघट अब कहाँ , टोंटी का है जोर
पानी की मोटर लगी , घर-घर करती शोर
घर-घर करती शोर , भोर मोबाइल लाते
खुली नींद तो लोग, पोस्ट को उठकर जाते
कहते रवि कविराय , प्रात को सोती नगरी
पहले थी बातून , आजकल रोती गगरी
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[21/9/2019, 11:42 AM] Ravi Prakash: करोड़ों वाले लड़ते( कुंडलिया)
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लड़ते वही चुनाव हैं,जिन पर छब्बिस लाख
नोटों से बढ़कर नहीं , होती कोई साख
होती कोई साख , खड़े बिगड़े शहजादे
यह शतरंजी खेल , स्वर्ण के हैं सब प्यादे
कहते रवि कविराय , नोट के संग अकड़ते
क्या गरीब का काम , करोड़ों वाले लड़ते
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
? 99 97 61 54 51
[24/9/2019, 10:32 AM] Ravi Prakash: हर्षित गधा अपार (हास्य कुंडलिया)
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महिला टीवी में दिखी , हर्षित गधा अपार
बोला लो जी हो गया , अब तो बेड़ा पार
अब तो बेड़ा पार , सुंदरी मुझे रिझाती
इससे करूँ विवाह, प्रेम की लिख दूँ पाती
कहते रवि कविराय , गधे का रिश्ता पहिला
सोचा शायद और , रिझाने आए महिला
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[5/10/2019, 7:36 PM] Ravi Prakash: पैसा (कुंडलिया)
“””””””””””””””””””‘
पैसा केवल बन गया , जीवन का आधार
एक त्रिभुज है दीखता, कोठी होटल कार
कोठी होटल कार, लूट लो रिश्वत खाओ
एक जरूरी काम,धनिक केवल कहलाओ
कहते रवि कविराय, दौर आया है ऐसा
सारे गुण आधीन , पास में जिसके पैसा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 976154 51
[14/10/2019, 1:28 PM] Ravi Prakash: प्याज (कुंडलिया )
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘
खाने वाले खा रहे , खुशबू वाली प्याज
बिना प्याज बनती कहाँ,दिखती सब्जी आज
दिखती सब्जी आज , काटने वाले रोते
खाने वाले स्वाद , खुशबुओं में हैं खोते
कहते रवि कविराय ,न मिलते ठौर- ठिकाने
बिना प्याज इस दौर ,चले जब सब्जी खाने
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451
[14/10/2019, 4:43 PM] Ravi Prakash: करवाचौथ( कुंडलिया)
“””””””””””””””””””””””””
तरसे करवाचौथ को , दुनिया के परिवार
पत्नी उनकी कर रही , शादी चौथी बार
शादी चौथी बार , चाँद बेचारा रोता
बोला करवाचौथ , सिर्फ भारत में होता
कहते रवि कविराय,प्यार युग- युग तक बरसे
दीखे नहीं तलाक , हिंद सुनने को तरसे
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451
[19/10/2019, 12:25 PM] Ravi Prakash: नोटा केवल भूल (कुंडलिया)
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
नोटा में है क्या रखा ,नोटा केवल भूल
निर्णय यह अच्छा नहीं ,देना इसको तूल
देना इसको तूल , सही को चुनकर लाओ
अपना देकर वोट , नया इतिहास रचाओ
कहते रवि कविराय, चले ना सिक्का खोटा
भ्रमित जनों का काम , जा रहे देने नोटा
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””‘
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451
[19/10/2019, 8:25 PM] Ravi Prakash: साठ वर्ष का (कुंडलिया)
“””””””””””””””””””””””””””‘””‘”””
साठ वर्ष का जो हुआ , समझो गुण की खान
उम्र यही उत्तम हुई , असली यह विज्ञान
असली यह विज्ञान , अनुभवों से भर जाता
दुनियादारी ज्ञान , चौगुना भीतर पाता
कहते रवि कविराय , विषय यह बड़े हर्ष का
रखे स्वास्थ्य बस ठीक,हुआ जो साठ वर्ष का
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[19/10/2019, 9:33 PM] Ravi Prakash: यात्री (कुंडलिया)
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आए होटल में रहे , ठहरे दिन दो-चार
फिर छोड़ा होटल गए ,अपने सब घर- द्वार
अपने सब घर- द्वार, न अब होटल से नाता
होटल जाता छोड़ ,लौट वापस कब आता
कहते रवि कविराय, नहीं मालिक कहलाए
यात्री सबका नाम , चार दिन रहने आए
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451
[19/10/2019, 9:37 PM] Ravi Prakash: चलते चलते (कुंडलिया )
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
चलते चलते मिल गए , अनजाने पथ लोग
कुदरत का सोचा हुआ ,होता यह संयोग
होता यह संयोग, भाग्य ही मित्र बनाता
किस्मत बड़ी महान , जोड़ती सब से नाता
कहते रवि कविराय , दीप जीवन में जलते
बनते रिश्तेदार , मित्र सब चलते – चलते
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451
[19/10/2019, 9:40 PM] Ravi Prakash: चुनाव (कुंडलिया)
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भारी – भरकम गाड़ियाँ, मँहगे हुए चुनाव
कहाँ रुकेगा सोचिए, यह चुनाव का भाव
यह चुनाव का भाव, कहाँ से धन आएगा
पैसे का यदि जोर, जीत पैसा जाएगा
कहते रवि कविराय ,जुए की है तैयारी
लड़ते धनिक चुनाव, खर्च करते हैं भारी
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर ( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 5451
[23/10/2019, 10:15 AM] Ravi Prakash: गलियाँ हैं बेकार (कुंडलिया )
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चौड़ी सड़कों के बिना, गलियाँ हैं बेकार
कैसे इन पर अब चले , नवयुग वाहन कार
नवयुग वाहन कार , हर शहर यही कहानी
गए पुराने लोग , छोड़कर गली सुहानी
कहते रवि कविराय , कार अब ऐसी दौड़ी
आकर्षण है फ्लैट , राह है जिसकी चौड़ी
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
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[24/10/2019, 1:20 PM] Ravi Prakash: सीटें दस परसेंट (कुंडलिया)
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राजा छुटभइया बना , पानी भरते शूर
सीटें तो ज्यादा मिलीं , सत्ता से पर दूर
सत्ता से पर दूर , कौन सरकार बनाए
छोटे का है दाँव , बड़े पर हुकम चलाए
कहते रवि कविराय ,देश का बजता बाजा
सीटें दस परसेंट , मिल गईं जिसको राजा
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[24/10/2019, 4:09 PM] Ravi Prakash: गणित हमारे पास (कुंडलिया )
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बनवाओ सी.एम. हमें,जिसको हो दरकार
बिना हमारे कुछ नहीं,बन सकती सरकार
बन सकती सरकार ,.उँगलियों पर जीते हैं
फिर भी सत्ता- स्वाद , घूँट भर कर पीते हैं
कहते रविकविराय,हमें सब शीश झुकाओ
गणित हमारे पास , मुख्यमंत्री बनवाओ
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[25/10/2019, 11:31 AM] Ravi Prakash: पैसा (कुंडलिया )
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पैसा है सबसे बड़ा, इसका रूप विशेष
जिसके भी यह पास है ,उसकी केवल ऐश
उसकी केवल ऐश , तैश धनवाले खाते
जिनकी खाली जेब,दृश्य में कब दिख पाते
कहते रवि कविराय ,न समझो ऐसा- वैसा
अभिनंदन का पात्र, जेब में जिसके पैसा
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[1/11/2019, 8:05 PM] Ravi Prakash: बिगुल दुबारा बज गया (कुंडलिया)
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पूरा हुआ चुनाव तो ,कब ले पाए साँस
बिगुल दुबारा बज गया,फँसी गले में फाँस
फँसी गले में फाँस, उठाओ माइक झंडा
जीते कौन चुनाव , मिले तगड़ा हथकंडा
कहते रवि कविराय , मक्खनों ने आ घूरा
बोले अब की बार , प्रेम से मलना पूरा
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
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[2/11/2019, 10:24 AM] Ravi Prakash: बचपन के फोटो (कुंडलिया)
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बचपन के फोटो हुए, सबके ऊटपटाँग
बिखरे सिर के बाल हैं , टेढ़ी- मेढ़ी माँग
टेढ़ी – मेढ़ी माँग , दीखते भोले – भाले
पहने कपड़े खास, खूब जो ढीले- ढाले
कहते रवि कविराय ,दौर वह निर्मल मन के
बूढ़े भरते आह , वाह क्या दिन बचपन के
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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