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23 Jun 2021 · 40 min read

देवी-देवता महापुरुष संबंधी कुंडलियाँ

140 देवी,देवता, महापुरुष संबंधी कुंडलियाँ
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[5/8/2019, 2:46 PM] Ravi Prakash: पुनः हैदराबाद (कुंडलिया )
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जीता जैसे देश ने , पुनः हैदराबाद
लौह पुरुष सरदार ज्यों , मोदी जिंदाबाद
मोदी जिंदाबाद , शाह का है जयकारा
काशमीर आजाद ,हिंद का हिस्सा सारा
कहते रवि कविराय, झूम मस्ती को पीता
जश्न मनाता देश , युद्ध हो जैसे जीता
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[7/8/2019, 8:56 AM] Ravi Prakash: सुषमा स्वराजः श्रद्धांजलि
???????
सारी दुनिया रो रही , रोता भारत आज
भारत की आत्मा गई,सुषमा बहन स्वराज
सुषमा बहन स्वराज ,नम्र वाणी की स्वामी
भारतीयता भाव , उच्च मूल्यों की हामी
कहते रवि कविराय , रोग के आगे हारी
वरना थी यह शान, जीतती दुनिया सारी
??????????
रचयिता ःरवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल नंबर 999761 5451
[5/9/2019, 10:37 AM] Ravi Prakash: शिक्षक (कुंडलिया )
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असली मालिक देश का , बच्चों का भगवान
शिक्षक के सोचो जरा, हैं कितने अहसान
हैं कितने अहसान, वास्तविक भाग्य विधाता
जैसा शिक्षक आज , देश कल वह बन जाता
जीवन से अँधियार , हटाता दुख की बदली
शिक्षक जिम्मेदार , देश का धन है असली
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615451
[9/11/2019, 7:56 PM] Ravi Prakash: धन्य नवम्बर नौ हुई (कुंडलिया)
??????????
धन्य नवम्बर नौ हुई , हुआ राम का काम
आया सुंदर फैसला , सौ-सौ बार प्रणाम
सौ-सौ बार प्रणाम,देश की भक्ति जगाता
अपना जो इतिहास,ठीक हो इससे जाता
कहते रवि कविराय, कह रही धरती अंबर
युगों- युगों तक याद , रहेगा धन्य नवंबर
??????????
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[10/11/2019, 9:58 AM] Ravi Prakash: झगड़े सदियों के मिटे( कुंडलिया)
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झगड़े सदियों के मिटे , हुई नई शुरुआत
सबके दिल अब मिल गए,वाह वाह क्या बात
वाह- वाह क्या बात, रामजी जग के नायक
सबके पूज्य प्रभात रामजी के सब गायक
कहते रवि कविराय, न कोई पिछड़े- अगड़े
कहो जीत मत हार, मिटे सदियों के झगड़े
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रचयिता रवि प्रकाश बाजार सराफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 9997 615451
[13/11/2019, 8:27 AM] Ravi Prakash: तुलसी पूजन/ गंगा स्नान( कुंडलिया)
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पूजा तुलसी पेड़ की ,गंगा जी में स्नान
अपनी संस्कृति कर रही,नदी पेड़ का मान
नदी पेड़ का मान , लग रहे मेले भारी
जन – जन में उल्लास, घूमना फिरना जारी
कहते रवि कविराय ,विश्व में कहीं न दूजा
दिखता दृश्य महान, पेड़ नदियों की पूजा
————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451
[13/11/2019, 1:19 PM] Ravi Prakash: शेषन कोटि प्रणाम( कुंडलिया )
????????
पहले शेषन के बिना, क्या आयोग- चुनाव
इज्जत शेषन से बनी , ऊँचे पाए भाव
ऊँचे पाए भाव , निजी ताकत दिखलाई
सत्ता से निरपेक्ष , धारणा सही बनाई
कहते रवि कविराय , बने नहले पर दहले
शेषन कोटि प्रणाम, आप थे धाकड़ पहले
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रचयिता: रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[5/12/2019, 4:02 PM] Ravi Prakash: लक्ष्मीबाई – सी बनो (कुंडलिया )
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लक्ष्मीबाई – सी बनो, ले कर में तलवार
नारी अब सहना नहीं, कोई अत्याचार
कोई अत्याचार , ईंट से ईंट बजाओ
कामुक जिसके भाव,क्रूर से जा टकराओ
कहते रवि कविराय , याद मर्दानी आई
दुर्गा जैसा रूप , वीर थी लक्ष्मीबाई
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 545 1
[31/12/2019, 12:12 PM] Ravi Prakash: नव वर्ष शुभ हो (कुंडलिया)
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देते हैं शुभकामना , करें बंधु स्वीकार
नया वर्ष हो आपको , मंगल बारंबार
मंगल बारंबार , नया उत्साह जगाए
सदा रहें खुश आप,चेहरा खिल- खिल जाए
कहते रवि कविराय, नाव जीवन की खेते
बीते सारा वर्ष , आपको खुशियाँ देते
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[18/1/2020, 12:01 AM] Ravi Prakash: रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)
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(1)
हुई रामपुर की धरा ,भारत- भर की शान
बापू की यादें बनीं, नवयुग की पहचान
नवयुग की पहचान , राख बापू की पाई
बेशकीमती चीज ,रजा खाँ की थी लाई
कहते रवि कविराय,जगे जयहिंद गान सुर
सबसे प्रथम विलीन, रियासत हुई रामपुर
(2)
होते नहीं नवाब तो , आती कैसे राख
सारे भारत में कहो, बनती कैसे साख
बनती कैसे साख, रजा खाँ की अगुवाई
गाँधीजी की याद , रामपुर में आ पाई
कहते रवि कविराय,राजशासक यदि सोते
बापू के अवशेष , रामपुर में क्या होते ?
(3)
भारत धन्य धरा हुई , धन्य रामपुर नाम
एक रियासत में बना ,बापू स्मारक धाम
बापू स्मारक धाम , देश भारत जय गाता
यह नवाब की सोच, हवा का रुख बतलाता
कहते रवि कविराय, नहीं यह सिर्फ इमारत
इसका था संदेश , रामपुर समझो भारत
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615 451
[22/1/2020, 6:53 PM] Ravi Prakash: एम डी एच वाले (कुंडलिया)
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एम डी एच वाले हुए , सबसे उम्रदराज
वाह-वाह क्या नाचते,सोचो इनका राज
सोचो इनका राज , दीख पड़ते उत्साही
मिली हुई सौगात ,ठीक सेहत मनचाही
कहते रवि कविराय,कहाँ हैं ढीले- ढाले
देख रहा जन आम,धन्य एमडीएच वाले
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 761 5451
[23/1/2020, 12:08 PM] Ravi Prakash: नेताजी सुभाष चंद्र बोस (कुंडलिया)
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नेता बहुतेरे हुए , नेताजी थे एक
जिए देश के हित सदा, अंतर्मन से नेक
अंतर्मन से नेक , देश स्वाधीन कराया
फौज बना आजाद,हिंद का बिगुल बजाया
कहते रवि कविराय,काल को जीत विजेता
अनुपम बोस सुभाष , वीर व्रत धारी नेता
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा, रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451
[4/2/2020, 3:07 PM] Ravi Prakash:
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ध्यानावस्थित लोग(कुंडलिया)
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उगता सूरज सामने , ध्यानावस्थित लोग
साँसें प्राणायाम से , मिटते सारे रोग
मिटते सारे रोग , नए अनुभव नित होते
चलती ज्यों पतवार , ध्यान में ऐसे खोते
कहते रवि कविराय , हंस मोती को चुगता
जिनके हैं सद्भाग्य , देखते सूरज उगता
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा ,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997 61 5451
[21/2/2020, 11:54 AM] Ravi Prakash: शिव पूजन( कुंडलिया )
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देते हैं शिव आपको , दिए आप के बेर
सारा जग है आपका , समझें देर- सबेर
समझें देर- सबेर , ज्ञान का दीप जलाते
बाहर भी हैं आप , आपको भीतर पाते
कहते रवि कविराय ,नहीं धन दौलत लेते
जिसकी भोली चाल , आप आ दर्शन देते
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 9761 5451
[20/3/2020, 11:28 PM] Ravi Prakash: डॉक्टर लोग (कुंडलिया)
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घर से बाहर चल पड़े , केवल डॉक्टर लोग
इनके बूते ही मिटे , जनता के सब रोग
जनता के सब रोग , न घर में पाँव पसारे
यह रहते तल्लीन , रोग तब ही तो हारे
कहते रवि कविराय,वास्तविक यह नर नाहर
अपनी चिंता छोड़ , चल पड़े घर से बाहर
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999 7615 451
[23/4/2020, 10:22 AM] Ravi Prakash: तीजा दसवाँ सतरही (कुंडलिया)
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तीजा दसवाँ सतरही ,बीते युग की बात
शवयात्रा शमशानघर ,मिले न आदम जात
मिले न आदम जात ,कौन किसको रोएगा
मुख पर बाँधे मास्क , कौन अर्थी ढोएगा
कहते रवि कविराय ,न यम का हृदय पसीजा
तीन-तीन फिट दूर , शोक क्या कैसा तीजा
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 5451
[7/5/2020, 5:12 PM] Ravi Prakash: यादें (कुंडलिया)
??????????
यादें कब दिल से गईं , जग से जाते लोग
अब भी आते याद हैं ,जिनके शुभ संयोग
जिनके शुभ संयोग ,विगत के दिन महकाते
जिनके मीठे बोल ,गीत कानों में गाते
कहते रवि कविराय ,काश प्रभु दिन लौटा दें
हम हों उनके साथ ,शेष अब जिनकी यादें
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1
[23/6/2020, 3:21 PM] Ravi Prakash: _
नमन सैनिक बलधारी (कुंडलिया)
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सीमा की जो कर रहे , रक्षा उन्हें प्रणाम
चौकन्ने दिन – रात रह ,जागे जो अविराम
जागे जो अविराम ,नमन सैनिक बलधारी
तुम पर करता गर्व ,देश प्रतिपल आभारी
कहते रवि कविराय ,नहीं व्रत करना धीमा
तुमसे ही अक्षुण्ण , हिंद की पावन सीमा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[23/6/2020, 8:11 PM] Ravi Prakash: अभिनंदन रामदेव जी (कुंडलिया)
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बीमारी का मिल गया ,आयुर्वेद इलाज
अभिनंदन के पात्र हैं ,रामदेव जी आज
रामदेव जी आज ,हिंद का बजता डंका
जैसे जीता क्रूर , दशानन जीती लंका
कहते रवि कविराय ,नहीं यह जादूधारी
भारत का विज्ञान ,जीत लेगा बीमारी
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रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[27/6/2020, 9:34 AM] Ravi Prakash: _
नाची मीरा कह उठी ( कुंडलिया) )
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नाची मीरा कह उठी ,नटनागर मैं कौन
मोहन बोलो कुछ कहो ,रहते क्यों हो मौन
रहते क्यों हो मौन ,नेह-रस नित बरसाओ
चाह रही मैं भीग ,गीत मुरलीधर गाओ
कहते रवि कविराय ,बात यह सुंदर साँची
मीरा-सी फिर और ,नाच कोई कब नाची
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[14/7/2020, 11:42 AM] Ravi Prakash:
★★★★★★★★★★★★★★★
मीरा भक्ति प्रधान ( कुंडलिया )
★★★★★★★★★★★★★★★★
अर्पण प्रभु को हो गई ,मीरा भक्ति- प्रधान
डूबी ऐसी याद में ,खुद का रहा न ध्यान
खुद का रहा न ध्यान ,प्रीति का रंग चढ़ाया
मनमोहन संबंध , साँवरे संग बढ़ाया
कहते रवि कविराय ,रूप दिखलाता दर्पण
भक्तों में सिरमौर ,भक्त मीरा का अर्पण
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451
[4/8/2020, 11:10 PM] Ravi Prakash: असली दीपक जल रहे (कुंडलिया)
?????????
असली दीपक जल रहे ,असली बाती तेल
शुरू हुआ लो हिंद में ,स्वाभिमान का खेल
स्वाभिमान का खेल , हृदय में है दीवाली
गए पाँच सौ साल ,गुलामी बाबर वाली
कहते रवि कविराय,अस्मिता अब तक मसली
जागृत हिंदू भाव , राम मंदिर से असली
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[13/8/2020, 8:00 AM] Ravi Prakash: भादो की शुभ अष्टमी (कुंडलिया)
☔☔☔☔☔☔☔☔☔
भादो की शुभ अष्टमी ,कृष्ण – जन्म का शोर
बारिश बादल बिजलियाँ ,गर्जन चारों ओर
गर्जन चारों ओर , अँधेरा दिन में छाया
भरे तलैया ताल , नदी का जल उफनाया
कहते रवि कविराय ,लला को सिर पर लादो
पहुँचो नंद – निवास , बधाई देने भादो
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[13/8/2020, 8:23 AM] Ravi Prakash: आजादी (कुंडलिया)
??????????
आजादी लगती भली ,सबकी जीवन-प्राण
इसकी रक्षा सब करें ,लगे नहीं विष – बाण
लगे नहीं विष- बाण ,आत्मनिर्भर कहलाएँ
खोएँ मत सम्मान ,विदेशी शरण न जाएँ
कहते रवि कविराय ,गुलामी जाती लादी
जो जन लापरवाह ,छिनी उनकी आजादी
????????????????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[18/8/2020, 11:25 AM] Ravi Prakash: नेताजी की मृत्यु : एक रहस्य( कुंडलिया)
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मारे नेता जी गए , इसमें थे संदेह
किसने देखा वीर का ,मरण मर चुकी देह
मरण मर चुकी देह ,अमरता जग ने मानी
हुए लापता बोस , अबूझी रही कहानी
कहते रवि कविराय ,तथ्य संशय के सारे
कैसे कह दे देश , गए नेता जी मारे
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रचयिता :रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[21/8/2020, 12:13 PM] Ravi Prakash: वरिष्ठ नागरिक (कुंडलिया)
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खाते – पीते हो गए , जो भी पूरे साठ
अब वरिष्ठ कहला रहे ,देते सबको पाठ
देते सबको पाठ , श्वेत बालों की माया
मिलता आसन उच्च ,नाम बूढ़ों में आया
कहते रवि कविराय ,साठ जो होकर जीते
पाते हैं सम्मान , शान से खाते – पीते
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[22/8/2020, 9:34 AM] Ravi Prakash: गणेश वंदना (कुंडलिया)
??????????
करिएगा हम पर कृपा ,विघ्नविनाशक देव
दया चाहते आपकी ,दें अब बुद्धि – विवेक
दें अब बुद्धि – विवेक ,जीत कोरोना पाएँ
दो गज रखिए दूर ,मास्क सब लोग लगाएँ
कहते रवि कविराय ,रोग भीषण हरिएगा
सजग रहें सब भक्त ,मुक्त भय से करिएगा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[6/9/2020, 9:12 AM] Ravi Prakash: गुरु वंदना (कुंडलिया)
?????????
मिलता गुरु से ज्ञान है ,गुरुवर सूर्य – समान
जिसको जीवन में मिलें ,समझो पुण्य प्रधान
समझो पुण्य प्रधान ,दोष से रहित कराते
विकृतियाँ कर दूर , पूर्णता को ले आते
कहते रवि कविराय ,सुमन-सा जीवन खिलता
अहोभाग्य वरदान ,मान जग में फिर मिलता
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[8/9/2020, 12:32 PM] Ravi Prakash: अग्रसेन को पूजिए ( कुंडलिया )
????????
अग्रसेन को पूजिए , राजा हुए महान
जीव – दया संदेश था ,इनका रहा प्रधान
इनका रहा प्रधान , अठारह गोत्र बनाए
नगर – निवासी एक , छत्र के नीचे आए
कहते रवि कविराय ,न भूलो मधुर देन को
समरस सरस समाज , प्रदाता अग्रसेन को
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[10/9/2020, 3:47 PM] Ravi Prakash: कंगना रानौत ( कुंडलिया )
★★★★★★★★★★
टकराई आगे बढ़ी , खड़ी सामने मौत
झुकी नहीं पर दृढ़ रही ,यह कंगना रानौत
यह कंगना रानौत ,सत्य की यह अनुगामी
भारत की आवाज ,दीखती है आगामी
कहते रवि कविराय ,स्वयं में लक्ष्मीबाई
लगता सिंह – सवार , शत्रु से है टकराई
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451
[11/9/2020, 1:22 PM] Ravi Prakash:
गिरिजा (कुंडलिया)
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चाही वस्तु सदा मिली ,जिसके यत्न विशेष
जिसके मन में प्रिय बसा ,अंतर में कब द्वेष
अंतर में कब द्वेष , राह सच्ची अपनाई
सतत साधना साध ,सिद्धि मंजिल फिर आई
कहते रवि कविराय ,धन्य शिव-पथ की राही
गिरिजा धन्य प्रणाम ,प्राप्ति तुमको मनचाही
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रचयिता : _रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[17/9/2020, 9:23 AM] Ravi Prakash: मोदी (कुंडलिया)
?????????
मोदी भारत को मिले ,दी भारत को शान
एक सूत्र में गुँथ गया ,अपना हिंदुस्तान
अपना हिंदुस्तान ,स्वच्छता आदत भर दी
काशमीर की दूर ,समस्या जड़ से कर दी
कहते रवि कविराय ,धन्य वह माँ की गोदी
वंदन हीराबेन , तुम्हारा हीरा मोदी
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[18/9/2020, 11:36 AM] Ravi Prakash: काका हाथरसी (कुंडलिया)
★★★★★★★★★★★
काका हाथरसी हुए ,कविवर हास्य – प्रधान
हँसते – हँसते हो गए , पल में अंतर्ध्यान
पल में अंतर्ध्यान , हँसाने जग में आए
काका यद्यपि नाम , बड़ी दाढ़ी पर पाए
कहते रवि कविराय ,खींचते बढ़िया खाका
कुंडलिया का चित्र ,आपका अनुपम काका
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[30/9/2020, 1:24 PM] Ravi Prakash:
#तुहिन :( #कुंडलिया )
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लटकाई थी खीर जो ,शरद पूर्णिमा रात
पड़ी तुहिन उस खीर में ,मधु – जैसी सौगात
मधु – जैसी सौगात ,स्वाद अब हुआ निराला
मानो अमृत घोल , स्वर्ग से प्रभु ने डाला
कहते रवि कविराय , प्रेम से सब ने खाई
छींके ऊपर टाँग , खीर जो थी लटकाई
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 999761 5451
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तुहिन = ओस कण , ठंडक , हिम
[2/10/2020, 8:51 AM] Ravi Prakash: #दो अक्टूबर (#कुंडलिया)
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दो अक्टूबर को हुए , दो थे हिंद सपूत
लाल बहादुर सर्वप्रिय , गाँधी लाल अकूत
गाँधी लाल अकूत, सादगी – सीख सिखाई
चरखा था हथियार , मुक्ति भारत ने पाई
कहते रवि कविराय , किया था जीना दूभर
गोरे दिए पछाड़ ,धन्य तुम दो अक्टूबर
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451
[12/10/2020, 10:19 AM] Ravi Prakash:
परिधि (कुंडलिया )
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सिमटी परिधि समाज की ,हुई जाति पहचान
सबने आज समाज बस ,लिया जाति को मान
लिया जाति को मान , बंधुता – भाव घटाया
अपना – अपनी जाति , गैर का हुआ पराया
कहते रवि कविराय ,जाति की चिमटा- चिमटी
छाँट रहे दिन-रात ,सोच इस पर ही सिमटी
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
परिधि =बाहरी सीमा ,गोल घेरा, वृत्त की रेखा
[12/10/2020, 12:27 PM] Ravi Prakash: अग्रोहा ( कुंडलिया )
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अग्रोहा अधिराज श्री ,अग्रसेन शुभ नाम
समरसता में जन रचे ,अतुलनीय था काम
अतुलनीय था काम ,अठारह गोत्र रचाए
भेदभाव से मुक्त , गीत समता के गाए
कहते रवि कविराय ,मानता है जग लोहा
वैसा बसा न एक ,लोक जैसा अग्रोहा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
[15/10/2020, 12:30 PM] Ravi Prakash: बाँटे शीर्ष महापुरुष( कुंडलिया )
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बाँटे शीर्ष महापुरुष ,जाति – सभा अनुसार
महापुरुष पर हो गया ,इनका ही अधिकार
इनका ही अधिकार ,महा – जन रहते रोते
जाति – सभा के लोग ,चित्र को इनके ढोते
कहते रवि कविराय ,जातियों ने जन छाँटे
देखी पहले जाति ,बाद में उनको बाँटे
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रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451
[17/10/2020, 11:22 AM] Ravi Prakash:
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राज्य अद्भुत अग्रोहा ( कुंडलिया )
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अग्रोहा फिर से मिले ,फिर से राजा अग्र
अग्रवाल भावुक हृदय ,भीतर से है व्यग्र
भीतर से है व्यग्र ,गोत्र फिर नए चलाओ
करो अठारह यज्ञ ,अहिंसा फिर से लाओ
कहते रवि कविराय ,मानता है जग लोहा
धन में समतावान ,राज्य अद्भुत अग्रोहा
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर( उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[17/10/2020, 8:08 PM] Ravi Prakash: अग्रसेन को पूजिए ( कुंडलिया )
????????
अग्रसेन को पूजिए , राजा हुए महान
जीव – दया संदेश था ,इनका रहा प्रधान
इनका रहा प्रधान , अठारह गोत्र बनाए
नगर – निवासी एक , छत्र के नीचे आए
कहते रवि कविराय ,न भूलो मधुर देन को
समरस सरस समाज , प्रदाता अग्रसेन को
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अग्रोहा ( कुंडलिया )
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अग्रोहा अधिराज श्री ,अग्रसेन शुभ नाम
समरसता में जन रचे ,अतुलनीय था काम
अतुलनीय था काम ,अठारह गोत्र रचाए
भेदभाव से मुक्त , गीत समता के गाए
कहते रवि कविराय ,मानता है जग लोहा
वैसा बसा न एक ,लोक जैसा अग्रोहा
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[18/10/2020, 8:43 PM] Ravi Prakash: _
भैरवी (कुंडलिया)
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वंदन हे माँ भैरवी , दुर्गा नाम प्रधान
बलशाली जग ने कहा ,चामुंडा यश गान
चामुंडा यश – गान , कीर्ति माँ तेरी गाते
निर्मल सात्विक भाव ,संपदा तुझसे पाते
कहते रवि कविराय ,हरो जग का माँ क्रंदन
कोटि-कोटि शत बार ,तुम्हारा हे माँ वंदन
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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भैरवी = दुर्गा ,पार्वती ,चामुंडा नामक देवी
[20/10/2020, 6:31 PM] Ravi Prakash: मोदी जी का संदेश ( कुंडलिया )
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लापरवाही मत करो ,खतरा अब भी जान
मोदी जी का देश को ,यह संदेश प्रधान
यह संदेश प्रधान ,पिता-सम सीख सिखाते
अब भी फैला रोग , महामारी बतलाते
कहते रवि कविराय ,मास्क की आदत चाही
रहिए दो गज दूर , न करिए लापरवाही
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रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[19/11/2020, 12:40 PM] Ravi Prakash: लक्ष्मीबाई (कुंडलिया)
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लक्ष्मीबाई वीरता , साहस का था नाम
छेड़ा भारत के लिए , आजादी – संग्राम
आजादी-संग्राम ,युद्ध की निपुण खिलाड़ी
नहीं झुकाया शीश ,ध्वजा झाँसी की गाड़ी
कहते रवि कविराय ,वीरगति यद्यपि पाई
युगों – युगों तक याद , रहेंगी लक्ष्मीबाई
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[21/11/2020, 1:51 PM] Ravi Prakash: भारतवर्ष महान ( कुंडलिया )
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अपना अनुपम देश है , भारतवर्ष महान
हिम आच्छादित तुंग हैं ,नदियाँ इसकी शान
नदियाँ इसकी शान , झूमती है हरियाली
कोयल भरकर तान ,कूकती डाली – डाली
कहते रवि कविराय ,देश लगता है सपना
दुनिया में सिरमौर ,हिंद का वैभव अपना
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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अनुपम = अनूठा ,बेजोड़ ,अतुलनीय
[25/11/2020, 4:28 PM] Ravi Prakash: पंडित राधेश्याम कथावाचक (कुंडलिया)
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रामायण का बन चुके ,मतलब राधेश्याम
किया बरेली का सकल ,जग में ऊँचा नाम
जग में ऊँचा नाम ,खड़ी बोली में गाई
तुलसी के समरूप ,लोकप्रियता है पाई
कहते रवि कविराय ,लोग करते पारायण
श्रीयुत राधेश्याम , कथावाचक रामायण
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पारायण = किसी ग्रंथ का आदि से अंत तक नियमित पाठ
पंडित राधेश्याम कथावाचक की रामायण अत्यंत लोकप्रिय रही। 25 नवंबर 1890 को बरेली में जन्म हुआ । राधेश्याम रामायण के प्रारंभिक संस्करण पर उर्दू का प्रभाव है लेकिन बाद में यह इससे मुक्त होती चली गई । उदाहरणार्थ “अशोक वाटिका” खंड में एक स्थान पर शुरू में लिखा था:-
इत्तिफाकिया नजर से गुजरा एक मुकाम
इसके स्थान पर बाद के संस्करण में शब्दों में परिवर्तन करके यह लिखा गया :-
अकस्मात देखा तभी एक मनोहर धाम
[28/11/2020, 11:56 AM] Ravi Prakash: गंगा (कुंडलिया)
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गंगाजल अमृत कहो ,इसको कोटि प्रणाम
मुक्ति दिलाती यह नदी ,सत्य राम का नाम
सत्य राम का नाम ,जटा से शिव की आई
स्वर्गलोक की देन , भरी इसमें अच्छाई
कहते रवि कविराय ,हुआ रोगी तन चंगा
मन पवित्र अभिराम ,लगाओ डुबकी गंगा
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[28/11/2020, 8:03 PM] Ravi Prakash: भागीरथी (कुंडलिया)
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अद्भुत है भागीरथी , अनुपम इसका रूप
नदियों में इसकी छटा , रहती सदा अनूप
रहती सदा अनूप , मरण से मुक्ति – प्रदाता
तर जाता है जीव ,न जग में वापस आता
कहते रवि कविराय ,कृपा करना हे अच्युत
दो फिर से वरदान ,वही गरिमा फिर अद्भुत
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[4/12/2020, 10:49 AM] Ravi Prakash: महाशय धर्मपाल (कुंडलिया)
????????
भागे सब कुछ छोड़कर, निज घर और दुकान
हिंदुस्तान कहाँ रहा , अब था पाकिस्तान
अब था पाकिस्तान , बने शरणार्थी आकर
एमडीएच का काम ,सराहा सब ने खाकर
कहते रवि कविराय , शून्य से सबसे आगे
धन्य महाशय आप , खूब ताँगे से भागे
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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महाशय धर्मपाल का जन्म भारत के सियालकोट में 27 मार्च 1923 को हुआ था ,परंतु भारत-विभाजन के समय यह पाकिस्तान घोषित हो गया तथा महाशय जी को पाकिस्तान छोड़कर दिल्ली भागना पड़ा। सियालकोट में आपका घर तथा महाशियाँ दी हट्टी नाम से मसाले की दुकान थी । दिल्ली आकर प्रारंभ में ताँगा चलाकर घर-गृहस्थी चलाई । फिर पुश्तैनी व्यवसाय मसाले बनाना और बेचना शुरू कर दिया। ईमानदारी और परिश्रम के कारण सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते गए। 3 दिसंबर 2020 को 97 वर्ष की आयु में मृत्यु के समय आपका एमडीएच सर्वोत्तम ब्रांड बन चुका था। आपकी जीवन-यात्रा हमें सीख देती है कि व्यक्ति शून्य पर पहुँचने के बाद भी किस तरह ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकता है। आपको शत-शत नमन।।
[5/12/2020, 12:06 PM] Ravi Prakash: वह महान है कौन (कुंडलिया)
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किसकी है यह भूमि सब ,किसकी कोठी कार
किसके सोने से भरे , घर दुकान भंडार
घर दुकान भंडार , हमें यौवन का दाता
किसके बल से फूल ,पेड़ के ऊपर आता
कहते रवि कविराय ,सूर्य की किरणें जिसकी
वह महान है कौन ,चंद्रिका सोचो किसकी
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चंद्रिका = चंद्रमा का प्रकाश
[9/12/2020, 10:53 AM] Ravi Prakash: संत (कुंडलिया)
??????????
करते हैं प्रभु भक्त पर ,निज उपकार अनंत
चलते – चलते राह में ,मिल जाते हैं संत
मिल जाते हैं संत ,दिशा जीवन की देते
जन्म – जन्म के पाप ,सोख भीतर से लेते
कहते रवि कविराय ,भाग्य से मानव तरते
उन्हें मिलाते संत ,कृपा प्रभु जिन पर करते
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अनंत = जिसका अंत न हो ,असीम
[15/12/2020, 11:51 AM] Ravi Prakash: पिता (कुंडलिया)
????
पकड़े उँगली चल रहे ,आते दिन हैं याद
बेफिक्री का दौर वह ,कहाँ पिता के बाद
कहाँ पिता के बाद , नहीं कुछ जिम्मेदारी
खाना सोना सैर , जिंदगी प्यारी – प्यारी
कहते रवि कविराय ,आज उलझन में जकड़े
लौटेगा कब काल ,गया जो उँगली पकड़े
??????????
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[16/12/2020, 4:47 PM] Ravi Prakash: विजय दिवस (कुंडलिया)
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जीता बांग्लादेश था , हारा पाकिस्तान
विजय दिवस के शौर्य की ,गाथा सुनो महान
गाथा सुनो महान ,लाख ने किया समर्पण
सन इकहत्तर वर्ष , वीर भारत का दर्पण
कहते रवि कविराय ,पाक को लगा पलीता
अद्भुत था यह युद्ध ,न कोई अब तक जीता
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पलीता = बत्ती के आकार का बारूद लगा हुआ छोटा सा डोरा जिस को जलाने पर पटाखे आदि जलते हैं
[20/12/2020, 5:33 PM] Ravi Prakash: वाराणसी [कुंडलिया]
?????????
वरुणा काशी की नदी ,अस्सी पावन घाट
इनसे है वाराणसी , अद्भुत नगर विराट
अद्भुत नगर विराट ,ज्ञान का दिव्य प्रदाता
भारत का यह केंद्र ,उच्च शिक्षा से नाता
कहते रवि कविराय ,तपस्या सेवा करुणा
जागृत जीवन मूल्य ,बनारस में ज्यों वरुणा
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करुणा = दया ,अनुकंपा ,वह भाव जो दूसरों का कष्ट देखकर उसे दूर करने हेतु उत्पन्न होता है
वरुणा = बनारस के समीप गंगा में मिलने वाली नदी
[23/12/2020, 1:49 PM] Ravi Prakash: 25 दिसंबर विशेष
??????
रवि प्रकाश की तीन कुंडलियाँ
?????
( 1 )
रत्न द्वय
माथा भारत का हुआ ,ऊँचा जिनसे और
“मालवीयजी” थे “अटल”,भारत के सिरमौर
भारत के सिरमौर , गीत भारत के गाते
हिंदी हिंदुस्तान , धर्म का ध्वज फहराते
कहते रवि कविराय ,रत्न द्वय की शुभ गाथा
धन्य – धन्य पच्चीस , दिसंबर ऊँचा माथा

( 2 )
महामना मदन मोहन मालवीय
गाता जिनकी कीर्ति नभ ,महामना अभिराम
हिंदू यूनीवर्सिटी , जिनका अद्भुत काम
जिनका अद्भुत काम ,देश के सच्चे प्रहरी
संस्कृति धर्म समाज ,समझ रखते थे गहरी
कहते रवि कविराय , धन्य है भारत माता
रोम – रोम अविराम ,पुत्र जिनके गुण गाता

( 3 )
अटल बिहारी वाजपेई
अटल बिहारी से बड़ा ,जनसेवक था कौन
सेवा एक सपूत बन , करते रहते मौन
करते रहते मौन , हिंद – हिंदी के गायक
युद्ध शांति के दौर ,सभी में प्रिय जन नायक
कहते रवि कविराय ,न कोई उन पर भारी
वक्ता थे बेजोड़ , अनूठे अटल बिहारी
?????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451
[24/12/2020, 11:30 AM] Ravi Prakash: घनश्याम (कुंडलिया)
??????
रट-रटकर किसको मिले ,श्री कृष्ण घनश्याम
आडंबर से पा सका , कब कोई श्री राम
कब कोई श्री राम ,हृदय कब भाषा गाता
मन में उमड़ा भाव , श्रेष्ठ पूजा बन जाता
कहते रवि कविराय , भक्त पाते हैं घटकर
खो जाते जब शब्द ,नहीं मिलते रट-रटकर
?????????
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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घनश्याम = कृष्ण ,काले बादल
[25/12/2020, 11:41 AM] Ravi Prakash: आर्य (कुंडलिया)
?????????
वेदों को फिर से पढ़ें , गाएँ गीता ज्ञान
याद करें वह आर्य जन ,जो थे शुभ्र महान
जो थे शुभ्र महान , बनें फिर उनके जैसे
ऋषियों का यह देश ,तपस्वी कैसे – कैसे
कहते रवि कविराय ,करें विस्मृत भेदों को
विश्व बनाएँ आर्य ,शीश पर धर वेदों को
??????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
?????????
आर्य = श्रेष्ठ ,उत्तम ,पूज्य ,योग्य ,
वैदिक कालीन प्राचीन भारत आर्यावर्त के निवासी
[25/12/2020, 2:34 PM] Ravi Prakash: चंदौसी निवासी हमारे पूजनीय मौसा जी तथा मौसी जी _श्री सोम प्रकाश अग्रवाल_ तथा _श्रीमती कुसुम देवी अग्रवाल_ को सोने की सीढ़ी चढ़ने के उपलक्ष्य में हृदय से बधाई

सीढ़ी सोने की (कुंडलिया)
???????
सोने की सीढ़ी चढ़े ,जग में लोग महान
मेरा परपोता हुआ ,अब मेरा अभिमान
अब मेरा अभिमान ,प्रथा भारत यह गाता
बेटे – पोते साथ , संग रहता सब नाता
कहते रवि कविराय ,बधाई खुश होने की
सौ – सौ बार प्रणाम ,चढ़े सीढ़ी सोने की
?????????
रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा,रामपुर (उत्तर प्रदेश)मोबाइल 99976 15451
[25/12/2020, 11:09 PM] Ravi Prakash: ? रवि प्रकाश की ?
श्रृंगार रस की पाँच कुंडलियाँ
???????
( 1 )
? प्यार ?
जाता जब नर लाँघकर ,सौ-सौ सागर पार
मिलता तब सौभाग्य से ,उसको कोई प्यार
उसको कोई प्यार ,नेह मुश्किल से मिलता
सुरभि भरा हो फूल ,एक जीवन में खिलता
कहते रवि कविराय ,तरंगों का यह नाता
भले दूर हो पास ,तृप्त जीवन हो जाता

( 2 )
? आँखें ?

दिखलाना आँखें नहीं ,दुनिया बड़ी खराब
नेत्र तुम्हारे प्रिय जलधि ,मानो भरी शराब
मानो भरी शराब , लोग सब पीने वाले
करना मत विश्वास ,सभी हैं दिल के काले
कहते रवि कविराय ,आँख से आँख मिलाना
पलक खोलकर मस्त ,मुझे जादू दिखलाना

( 3 )
? ओ प्रिय ?

काली – काली ज्यों घटा , लटके लंबे बाल
रूप सलोना मद – भरा , गोरे – गोरे गाल
गोरे – गोरे गाल , नाक में मोती गहने
सजग सुहानी चाल , पैर में पायल पहने
कहते रवि कविराय ,न आना ओ प्रिय खाली
लाना मधु मुस्कान ,शाम जब ढलती काली

( 4 )
? मन का मीत ?
पाया किसने है यहाँ ,मन का चाहा मीत
जिसके सँग हँस-गा सकें ,जीवन के संगीत
जीवन के संगीत , अधर की भाषा जाने
दिल वीणा के तार , बजें तो झट पहचाने
कहते रवि कविराय , अधूरी रहती काया
आत्मा रही अपूर्ण , जन्म यह खोया पाया

( 5 )
? साथी ?
साथी ईश्वर का दिया , होता है सौगात
इसके सँग जगमग हुई ,रजनी और प्रभात
रजनी और प्रभात ,मुदित जीवन महकाते
हँसते – गाते साथ , रंग यों भरते जाते
कहते रवि कविराय , मस्त ज्यों रहते हाथी
जीवन जीते झूम , सदा मस्ती में साथी
?????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
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जलधि = समुद्र
रजनी = रात
प्रभात = सुबह
[27/12/2020, 10:29 PM] Ravi Prakash: अमर बलिदानी मेजर अब्दुल राफे खान (कुंडलिया)
??????????
बलिदानी थे वीरवर , अब्दुल राफे खान
द्वार बना है नाम पर ,इनका अमर निशान
इनका अमर निशान ,रामपुर नगर निवासी
लड़े पाक से युद्ध ,शौर्य के दृढ़ अभ्यासी
कहते रवि कविराय ,अमर हो गई कहानी
वीर चक्र सम्मान , वर्ष पैंसठ बलिदानी
??????????

साहबजादा कर्नल यूनुस खान (कुंडलिया)
भाई जाकर बस गए ,बेशक पाकिस्तान
रहे सिपाही हिंद के ,कर्नल यूनुस खान
कर्नल यूनुस खान ,रामपुर शीश झुकाता
लड़े पाक से युद्ध ,हिंद थी भारत माता
कहते रवि कविराय ,धन्य सौ बार बधाई
अद्भुत था संग्राम , सामने भाई – भाई
??????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

( 1) साहबजादा कर्नल यूनुस खान :-
आप रामपुर के अंतिम शासक नवाब रजा अली खान के साले थे । आपके भाई साहबजादा याकूब खान ने पाकिस्तान को अंगीकृत किया तथा उसके विदेश मंत्री बने। साहबजादा कर्नल यूनुस खान ने भारत की मिट्टी को अपनी मातृभूमि स्वीकार किया। 1948 के भारत-पाक युद्ध में दोनों भाई एक दूसरे के खिलाफ युद्धरत थे । आप प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के एडीसी भी रहे। गाँधी समाधि ,रामपुर के एक द्वार का नामकरण आपके नाम पर है।

( 2) मेजर अब्दुल राफे खान :-
1931 में रामपुर रियासत के दोमहला रोड मौहल्ले में आपका जन्म हुआ। 1965 में भारत-पाक युद्ध में असाधारण शौर्य का परिचय देते हुए आप वीरगति को प्राप्त हुए। मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किए गए। गाँधी समाधि ,रामपुर के एक द्वार का नामकरण आपके नाम पर है।
[29/12/2020, 2:31 PM] Ravi Prakash: कृष्ण लीला (कुंडलिया)
?????????
बच्चे मिलकर खेलते ,कंदुक लेकर खेल
कंदुक यमुना में गई ,हुआ खेल सब फेल
हुआ खेल सब फेल ,कृष्ण की लीला न्यारी
भागा कालिय नाग ,छोड़कर यमुना प्यारी
कहते रवि कविराय ,गाँव गोकुल के सच्चे
रचा एक इतिहास ,नमन द्वापर के बच्चे
???????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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??????
कंदुक = गेंद
[29/12/2020, 9:37 PM] Ravi Prakash: सूर्य का जन्म-मरण (कुंडलिया)
?????????
रोजाना होता मरण , सूरज जाता डूब
अद्भुत यह दुनिया रची ,सोचो तो क्या खूब
सोचो तो क्या खूब ,सुबह फिर पैदा होता
दिन-भर रहती धूप ,रात को फिर जग सोता
कहते रवि कविराय , सूर्य का चक्र पुराना
रोज हो रहा जन्म , मृत्यु होती रोजाना
??????????
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
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[04/01, 4:20 PM] Ravi Prakash: नीरज जी (कुंडलिया)
????????
गाते जीवन भर रहे , सरल सलोने गीत
नीरज जी दिल में बसे ,बनकर प्यारे मीत
बनकर प्यारे मीत , कंठ अद्भुत था पाया
वह रस वह आह्लाद ,नहीं वापस फिर आया
कहते रवि कविराय , याद अब भी हैं आते
कवियों के सिरमौर , मधुर नीरज जी गाते
??????????
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[06/01, 7:16 AM] Ravi Prakash: मेरे प्रिय कवि श्याम नारायण पांडेय
??????????
कक्षा पाँच में कोर्स में चेतक नामक एक कविता पढ़ी थी । रचयिता थे कविवर श्याम नारायण पांडेय । यह हल्दीघाटी महाकाव्य का छोटा सा अंश थी । कविता पढ़ी और याद हो गई । अभी तक छह पंक्तियाँ याद हैं:-
रण बीच चौकड़ी भर-भर कर चेतक बन गया निराला था
राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था
गिरता न कभी चेतन तन पर राणा प्रताप का कोड़ा था
वह दौड़ रहा अरि-मस्तक पर या आसमान पर घोड़ा था
जो तनिक हवा से बाग हिली लेकर सवार उड़ जाता था
राणा की पुतली फिरी नहीं तब तक चेतक मुड़ जाता था
बचपन की उन्हीं यादों के साथ कविवर श्याम नारायण पांडेय और उनके हल्दीघाटी महाकाव्य के अंश चेतक कविता को एक कुंडलिया के माध्यम से प्रणाम कर रहा हूँ :-
?????????
हल्दीघाटी महाकाव्य (कुंडलिया)
?????????
हल्दीघाटी था पढ़ा , कक्षा थी तब पाँच
अब तक है कंठस्थ सब ,आई तनिक न आँच
आई तनिक न आँच ,याद चेतक की गाथा
चेतक का बलिदान , उच्च करता है माथा
कहते रवि कविराय , वीरता की परिपाटी
धन्य – धन्य पान्डेय , धन्य है हल्दीघाटी
??????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर उ. प्र.मोबाइल 99976 15451
[11/01, 11:26 AM] Ravi Prakash: ब्रह्म ( कुंडलिया )
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तारा जिसने जीव को ,तारक – ब्रह्म महान
उसके कोई भी मनुज , होता नहीं समान
होता नहीं समान , सदा से मुक्ति प्रदाता
करना इसको प्राप्त ,सहज सबको आ जाता
कहते रवि कविराय , ध्यान है सबसे प्यारा
मिलता इससे ब्रह्म , इसी ने सबको तारा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
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तारक = तारने वाला ,पार लगाने वाला
ध्यान = मेडिटेशन ,ईश्वर को प्राप्त करने की एक सहज विधि
[12/01, 12:12 PM] Ravi Prakash: मेरे प्रिय लेखक शरद जोशी
????????
शरद जोशी (1931 – 1991) उन दिनों नवभारत टाइम्स में प्रतिदिन स्तंभ के अंतर्गत व्यंग्य लेख लिखते थे । अखबार के अंतिम पृष्ठ के ऊपरी कोने में उनका यह व्यंग्य छपता था । नपी-तुली शब्द संख्या रहती थी । जब अखबार आता था ,मैं सबसे पहले शरद जोशी का व्यंग्य पढ़ता था। एक साँस में सब कुछ पढ़ जाता था। अहा ! कैसा सुंदर प्रवाह रहता था । जैसे नाव नदी के तट से चली और कब उस पार पहुँच गई ,पता ही नहीं चलता था ।
अनेक वर्षों तक यह क्रम चलता रहा। फिर एक दिन पढ़ते-पढ़ते यह समाचार आया कि प्रतिदिन के स्तंभ लेखक शरद जोशी नहीं रहे । मैं रो पड़ा । मेरा प्रिय लेखक अब इस संसार में नहीं था ।
1986 में जब श्री विष्णु प्रभाकर मेरी पुस्तक का विमोचन करने के लिए रामपुर (उत्तर प्रदेश) पधारे थे ,तब मैंने बातों-बातों में उनसे यह जिक्र किया था कि शरद जोशी बहुत अच्छा लिखते हैं । विष्णु प्रभाकर जी ने इस पर टिप्पणी की थी “वह जितना अच्छा लिखते हैं , उससे कहीं ज्यादा अच्छा पढ़ते हैं ।” संकेत कवि सम्मेलनों अथवा गोष्ठियों में शरद जोशी जी द्वारा पढ़कर सुनाए जाने वाले व्यंग्य से था। उन जैसा लेखक व्यंग्य की दुनिया में दूसरा नहीं हुआ।
श्रद्धाँजलि स्वरूप प्रस्तुत है एक कुंडलिया :-
☘️?☘️?☘️?☘️?☘️?
शरद जोशी (कुंडलिया)
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प्रतिदिन चलते देखते ,व्यंग्य लेख के तीर
धनुष शरद जोशी लिए , अद्भुत योद्धा वीर
अद्भुत योद्धा वीर ,नाव ज्यों जल में चलती
लिए व्यंग्य की मार ,हास्य के भीतर पलती
कहते रवि कविराय ,शब्द चुनते थे गिन-गिन
लेखन-क्रम अविराम ,धन्य लिखते थे प्रतिदिन
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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प्रतिदिन = नवभारत टाइम्स में प्रकाशित होने वाला शरद जोशी का दैनिक व्यंग्य स्तंभ
[17/01, 1:33 PM] Ravi Prakash: लक्ष्मी वंदना (हास्य कुंडलिया)
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देना माता लक्ष्मी , यह वरदान महान
एक छंद पढ़कर मिले , कंचन तोला दान
कंचन तोला दान ,सभी कवि धनिक बनाओ
हर श्रोता को कार , एक कोठी दे जाओ
कहते रवि कविराय , आप से वर यह लेना
सब को सौ – सौ लाख , बैंक खाते में देना
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कंचन तोला = एक तोला सोना
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रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[17/01, 1:51 PM] Ravi Prakash: सरस्वती वंदना (दो कुंडलियाँ)
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( 1 )
दाता हे माँ शारदे , दो इतना वरदान
दुनिया में हो उच्चतम ,अपना देश महान
अपना देश महान , देश से तिमिर हटाओ
क्षुद्र लोभ की नीति ,स्वार्थपरता बिसराओ
कहते रवि कविराय ,करो निर्मल मन माता
सबको दो सद्बुद्धि , वादिनी वीणा दाता
( 2 )
पाएँ बुद्धि पढ़े – लिखे ,उनमें भरो विवेक
भीतर से अविरल बहें ,सद्विचार शुभ नेक
सद्विचार शुभ नेक ,नहीं रिश्वत अब खाएँ
हर फाइल नि:शुल्क ,सभी दफ्तर निबटाएँ
कहते रवि कविराय ,आलसी द्रुतगति लाएँ
सदा – सदा वरदान , शारदा माँ यह पाएँ
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[18/01, 1:09 PM] Ravi Prakash: श्रद्धाँजलि पूर्व शिक्षक-विधायक श्री ओम प्रकाश शर्मा (कुंडलिया)
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गाथा जिनकी बन गई ,शिक्षा और समाज
अर्पित सौ – सौ बार है ,श्रद्धाँजलि है आज
श्रद्धाँजलि है आज ,पाँच दशकों की वाणी
हुआ न कोई और , आपका किंचित सानी
कहते रवि कविराय , उच्च करती है माथा
शिक्षक ओमप्रकाश ,नमन शर्मा की गाथा
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[18/01, 9:28 PM] Ravi Prakash: केवड़िया (कुंडलिया)
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जोड़ा केवड़िया नगर , ट्रेनें वृहदाकार
दिल्ली मुंबइ चेन्नई , आई नई बयार
आई नई बयार , रेल से जुड़ता नाता
यह सरदार पटेल , मूर्ति को शीश नवाता
कहते रवि कविराय ,यत्न मत समझो थोड़ा
यह है नमन विशेष , देश को जिसने जोड़ा
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रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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केवड़िया गुजरात के नर्मदा जिले का अल्प जनसंख्या वाला एक गुमनाम कस्बा था ।लौह पुरुष सरदार पटेल की संसार में सबसे ऊँची मूर्ति “स्टैचू ऑफ यूनिटी” की स्थापना ने उसे विश्व – भर के आकर्षण का केंद्र बना दिया ।
17 जनवरी 2021 ,रविवार को भारत भर के 8 बड़े नगरों से केवड़िया रेलवे स्टेशन का सीधा संपर्क ट्रेन द्वारा जोड़ दिया गया। अति विशिष्ट सुविधाओं से सुसज्जित यह ट्रेनें न केवल सफर को मनोहरी बनाती हैं, अपितु “स्टैचू ऑफ यूनिटी” को एक पर्यटन-स्थल तथा तीर्थ-धाम के रूप में भी प्रतिष्ठित करने में समर्थ हैं।
[19/01, 12:00 PM] Ravi Prakash: अग्रोहा (कुंडलिया)
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अग्रोहा की यश – कथा ,एक राष्ट्र जन एक
अग्रसेन भगवान की , रचना सुंदर नेक
रचना सुंदर नेक , अठारह गोत्र रचाए
शुभ – विवाह अभिराम ,गोत्र से इतर कराए
कहते रवि कविराय , मानते थे सब लोहा
नहीं लोक में तीन , राज्य जैसा अग्रोहा
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[21/01, 4:35 PM] Ravi Prakash: राम-नाम (कुंडलिया)
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झुठलाओ चाहे भले ,सत्य एक बस राम
गूँजेगा यह ही सदा , अर्थी के सँग नाम
अर्थी के सँग नाम ,जगत से पार लगाता
चिंतन वह अभिराम ,राम का जो हो जाता
कहते रवि कविराय ,राम जी के गुण गाओ
कहो राम हैं सार , जगत थोथा झुठलाओ
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[21/01, 9:27 PM] Ravi Prakash: राष्ट्रपति जो बाइडन (कुंडलिया)
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कर्मठ जीवन जी रहे , पिचहत्तर के पार
मंगल वंदन बाइडन , स्वीकारें शत बार
स्वीकारें शत बार , कार्य का भार निभाते
बूढ़ों में अहसास , युवावस्था का लाते
कहते रवि कविराय ,दिखा सक्रिय जीवन- हठ
अमरीका का ताज , पहनते हैं जो कर्मठ
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20 नवंबर 1942 को जन्मे जो बाइडन ने 78 वर्ष की आयु में अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण किया है। इससे पहले 81 वर्ष से अधिक आयु में मोरारजी देसाई 1977 में भारत के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। आयु के अंतिम चौथे चरण में सार्वजनिक सक्रियता के यह प्रेरणादायक उदाहरण हैं।
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[22/01, 11:34 PM] Ravi Prakash: नेताजी सुभाष चंद्र बोस (कुंडलिया)
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सेना लेकर चल पड़े ,किया देश आजाद
करो पराक्रम बल – भरे , नेताजी को याद
नेताजी को याद , युद्ध बंदूकों वाला
दिया रक्त का दान ,शौर्य दीखा मतवाला
कहते रवि कविराय ,भुला जय हिंद न देना
नेताजी का नाम , देश – प्रिय उनकी सेना
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[23/01, 11:06 AM] Ravi Prakash: पराक्रम दिवस (कुंडलिया)
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आज पराक्रम का दिवस , नेताजी की याद
हुआ कौन उन – सा प्रखर , सोचो पहले-बाद
सोचो पहले – बाद , रक्त देता बलिदानी
लिखी लिए बंदूक , हाथ में अमर कहानी
कहते रवि कविराय ,फौज का था अद्भुत श्रम
हुआ हिंद आजाद , नमन वह आज पराक्रम
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पराक्रम = शौर्य ,पुरुषार्थ ,साहसिक कार्य
पराक्रम दिवस = नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन 23 जनवरी
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[30/01, 10:55 AM] Ravi Prakash: शहीद (कुंडलिया)
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भारत माता के लिए , अनगिन हुए शहीद
आजादी की तब जगी , भारत में उम्मीद
भारत में उम्मीद , तिरंगा तब फहराया
लाल किले ने गान ,देश जन-गण-मन गाया
कहते रवि कविराय ,याद बलिदान दिलाता
कहे एकजुट देश , धन्य हे भारत माता
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शहीद = सत्य के लिए लड़ते हुए मरने वाला, कर्तव्य के लिए अपने को कुर्बान कर देने वाला

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[30/01, 2:16 PM] Ravi Prakash: संयम (कुंडलिया)
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गाथा अब उनकी लिखो ,संयम जिनका नाम
अपनों के सँग में किया , अपना वाला काम
अपना वाला काम , सामने थे दंगाई
धन्य पुलिस अभिराम , न गोली मगर चलाई
कहते रवि कविराय , पुलिस का ऊँचा माथा
जन – गण – मन हर साल , गीत गाएगा गाथा
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[30/01, 2:50 PM] Ravi Prakash: गाँधीजी (कुंडलिया)
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गोली से मरते नहीं ,किंचित कभी विचार
गाँधी जी जिंदा सदा ,हृदयों में साकार
हृदयों में साकार , देश – सेवा व्रतधारी
नतमस्तक यह देश ,आपका चिर आभारी
कहते रवि कविराय ,नमन वह मीठी बोली
लड़ा अहिंसक युद्ध , बिना चलवाए गोली
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[14/02, 5:44 PM] Ravi Prakash: पुलवामा की याद (कुंडलिया)
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आती चौदह फरवरी ,पुलवामा की याद
बदला बालाकोट का ,था फिर उसके बाद
था फिर उसके बाद ,वीरता की ऋतु आई
कायर हुआ धड़ाम ,देश ने ली अँगड़ाई
कहते रवि कविराय ,गीत सेना के गाती
अपना है कश्मीर ,गंध केसर की आती
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[16/02, 10:45 PM] Ravi Prakash: स्वागत हे ऋतुराज (कुंडलिया)
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पिचकारी भर कर किया ,स्वागत हे ऋतुराज
कामदेव आए सदन , हृदय – शुष्क में आज
हृदय – शुष्क में आज , शुरू लो देखो होली
सखियों की मदमस्त , दीखती सुंदर टोली
कहते रवि कविराय , लाज का घूँघट नारी
चली छोड़ उद्यान , हाथ में ले पिचकारी
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[16/02, 11:33 PM] Ravi Prakash: ऋतुराज वसंत (कुंडलिया)
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मस्ती में हैं झूमते ,क्षिति जल गगन समीर
गायन को उत्सुक हुए ,प्राणी सभी अधीर
प्राणी सभी अधीर ,राग – रंगों की माया
शुभ ऋतुराज वसंत ,गंध मादक ले छाया
कहते रवि कविराय ,नगर हर बस्ती-बस्ती
मौसम का अवदान ,देह में भरती मस्ती

क्षिति = पृथ्वी
अवदान = योगदान ,सहयोग ,अच्छा काम

रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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[17/02, 8:55 PM] Ravi Prakash: हे लक्ष्मी हे सरस्वती (कुंडलिया)
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वर दें माता लक्ष्मी , सरस्वती वरदान
जिएँ सदा जीवन लिए ,सात्विक शुभ्र महान
सात्विक शुभ्र महान ,उच्च मूल्यों को गाएँ
कभी न मन में पाप ,लोभ किंचित भी छाएँ
कहते रवि कविराय , पारदर्शी मन कर दें
भीतर – बाहर एक , जिंदगी हो माँ वर दें
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[19/02, 2:45 PM] Ravi Prakash: छत्रपति शिवाजी (कुंडलिया)
धन्य शिवाजी छत्रपति ,वीर शौर्य-अवतार
जीता जिनका बघनखा ,हारी कुटिल कटार
हारी कुटिल कटार ,देश संस्कृति के गायक
जीते रण से दुर्ग , मराठा – हिंदू नायक
कहते रवि कविराय , जीतते हारी बाजी
जीजाबाई धन्य ,राष्ट्रसुत धन्य शिवाजी
रचयिता : रवि प्रकाश बाजार सर्राफा
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?छत्रपति शिवाजी? (19 फरवरी 1630 – 3 अप्रैल 1680) // 1674 में राज्याभिषेक /वीर मराठा राष्ट्र नायक/ स्वतंत्रता आंदोलन की संपूर्ण अवधि में प्रेरणा के स्रोत / बीजापुर के सुल्तान ने अफजल खान को संधि के नाम पर भेजा ,उसने छिपी कटार से मारना चाहा ,शिवाजी ने कूटनीति से अपना छिपा हुआ “बघनखा” निकालकर आत्मरक्षा की / सरकारी कामकाज में फारसी के स्थान पर मराठी और संस्कृत का प्रयोग शुरू किया/ औरंगजेब के कट्टर साम्राज्य का दृढ़ता पूर्वक मुकाबला किया।
[21/02, 2:12 PM] Ravi Prakash: मित्र तुम्हारा कृष्ण (कुंडलिया)
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होते हैं अक्सर सुने ,चमत्कार शत बार
प्रभु की लीला वाकई ,होती अपरंपार
होती अपरंपार , नहीं हिम्मत को हारो
बाजी लोगे जीत , नाथ हे नाथ पुकारो
कहते रवि कविराय ,व्यर्थ आँसू से रोते
मित्र तुम्हारा कृष्ण ,रंक क्यों उसके होते
“””””””””””””””””'””””””””””””””””””””””””
रंक = निर्धन ,गरीब
“”””””””””””””””””””””‘””””””””””'””””””””””
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[23/02, 2:38 PM] Ravi Prakash: निराकार वह कौन (कुंडलिया)
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कितना सुंदर जग बना ,कितने सुंदर चित्र
चित्रकार वह कौन है ,मालिक सबका मित्र
मालिक सबका मित्र ,किसी ने कब वह देखा
प्रतिमा बनी न एक ,न खिंचती किंचित रेखा
कहते रवि कविराय ,विचारो चाहे जितना
निराकार वह कौन , जान पाओगे कितना
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[26/02, 3:37 PM] Ravi Prakash: वीर सावरकर (कुंडलिया)
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भारत माता का तनय ,आजादी का वीर
कूदा सिंधु जहाज से ,नभ की छाती चीर
नभ की छाती चीर ,गया जो काला पानी
दो जन्मों का दंड ,जेल में गली जवानी
कहते रवि कविराय ,राष्ट्र दो पुष्प चढ़ाता
सावरकर पर गर्व , कर रही भारत माता
तनय = पुत्र
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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स्वातंत्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर 28 मई 1883 26 फरवरी 1966// 1857 के गदर को पहली बार स्वतंत्रता संग्राम कहकर पुकारा /1908 में द इंडियन वार ऑफ इंडिपेंडेंस लिखी //8 जुलाई 1910 को गिरफ्तार होकर लंदन से भारत आ रहे थे ,मार्ग में पानी के जहाज से समुद्र में कूद पड़े , तट पर पहुंचे ,पुनः गिरफ्तार ,दो आजन्म कारावास की सजा मिली // काला पानी में कोल्हू में बैल की तरह जुते//जेल में दीवारों पर कोयले से राष्ट्रभक्ति की कविताएँ लिखने वाले संसार के संभवत: एकमात्र कवि
[27/02, 12:19 PM] Ravi Prakash: संत रविदास (कुंडलिया)
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गाते प्रभु के नाम को , करते – करते काम
पाया प्रभु का उच्च पद ,दुर्लभ मधु-अभिराम
दुर्लभ मधु – अभिराम , संत रविदास कहाए
मीरा के गुरु आप , भक्ति में सदा नहाए
कहते रवि कविराय , पात्र में गंगा पाते
रहते हुए गृहस्थ , रोज गुण प्रभु के गाते
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[27/02, 1:44 PM] Ravi Prakash: चंद्रशेखर आजाद (कुंडलिया)
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आजादी के युद्ध में , अग्रगण्य आजाद
हाथों में पिस्तौल थी ,जिनकी अनुपम याद
जिनकी अनुपम याद ,क्रांतिपथ. के अनुयाई
भारत माता हेतु , जिंदगी भेंट चढ़ाई
कहते रवि कविराय , युद्धपथ के उन्मादी
धन्य – धन्य बलिदान ,रक्त का फल आजादी
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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चंद्रशेखर आजाद ( 23 जुलाई 1906 – 27 फरवरी 1931)
फरवरी 1922 में चौरा-चौरी हिंसक कांड के कारण गाँधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन बंद करने के फलस्वरूप जिनका अहिंसा-मार्ग से मोहभंग हुआ, चंद्रशेखर आजाद उनमें से एक थे ।
तत्पश्चात आपने क्रांति-पथ का अनुसरण किया । 9 अगस्त 1925 को सरकारी खजाना लूटने की गतिविधि में शामिल होकर काकोरी कांड को अंजाम दिया ।
1927 में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया तथा क्रांति के मार्ग से भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति को जीवन का ध्येय बनाया।
लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए 17 दिसंबर 1928 को लाहौर में पुलिस अधीक्षक सांडर्स के कार्यालय पर पहुँचकर भगत सिंह तथा राजगुरु के साथ मिलकर उसकी हत्या की योजना बनाई । पहली गोली सांडर्स पर राजगुरु ने दागी। उसके बाद भगत सिंह ने सांडर्स पर कुछ गोलियाँ और चलाईं । जब सांडर्स के अंगरक्षक ने पीछा करने का प्रयत्न किया तो चंद्रशेखर आजाद ने उसे गोली मारकर ढेर कर दिया ।
पता नहीं कैसे अंग्रेजों को खबर लग गई कि प्रयागराज के एल्फ्रेड पार्क में चंद्रशेखर आजाद अपने साथियों से विचार-विमर्श कर रहे हैं । पुलिस ने उन्हें घेर लिया। बचने का कोई रास्ता न पाकर चंद्रशेखर आजाद ने अपनी ही पिस्तौल से अपने जीवन का अंत कर दिया । उस समय उनकी आयु केवल 24 वर्ष की थी।
[03/03, 3:04 PM] Ravi Prakash: कृष्णप्रिया (कुंडलिया)
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कृष्णप्रिया श्री राधिका , वंदन बारंबार
तुम में हैं केशव बसे ,तुम केशव-आधार
तुम केशव-आधार ,प्रीति की शुभ्र-प्रदाता
तुम से है संसार , भक्त तुम से फल पाता
कहते रवि कविराय ,राधिके जग आभारी
कृपा चाहता दास ,तुम्हारा कृष्णप्रिया श्री
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रचयिता : रवि प्रकाश बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[06/03, 10:51 AM] Ravi Prakash: आर्य समाज (कुंडलिया)
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गाथा आर्य समाज की , दयानंद आभार
चार वेद पर है टिका , इसका शुभ्र विचार
इसका शुभ्र विचार ,सत्य ही सदा सुहाता
क्रांतिदूत अभिराम , यज्ञ से गहरा नाता
कहते रवि कविराय ,उच्च भारत का माथा
निराकार प्रभु रूप , हर्ष से गाता गाथा
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रचयिता : रवि प्रकाश बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[06/03, 7:58 PM] Ravi Prakash: वृंदावन (कुंडलिया)
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लीला देखो कृष्ण की , जा वृंदावन धाम
हर रजकण पर है लिखा ,जहाँ कृष्ण का नाम
जहाँ कृष्ण का नाम , रास की भूमि कहाई
राधा की अनुभूति , श्वास के सँग – सँग पाई
कहते रवि कविराय , गगन विस्तृत है नीला
नदी पेड़ अभिराम , दीखते करते लीला
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[11/03, 10:41 AM] Ravi Prakash: शिव (कुंडलिया)
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गाते जिनको देवगण ,गाता सकल समाज
चंद्रभाल कैलाशपति ,अखिल विश्व पर राज
अखिल विश्व पर राज ,जटा में गंगा लाए
सहा जाह्नवी वेग , कंठ ले विष हर्षाए
कहते रवि कविराय , आप को भोले भाते
जिनके मन निष्काम ,धन्य हो शिव को गाते
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
चंद्रभाल = जिनके मस्तक पर चंद्रमा हो ,शिव
कैलाशपति = कैलाश पर्वत पर रहने वाले स्वामी ,शिव
जाह्नवी = गंगा
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[11/03, 5:20 PM] Ravi Prakash: [1]
राधा जी और बाँसुरी (कुंडलिया)
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राधा ने ली बाँसुरी , कान्हा जी से छीन
बोलीं कुछ बातें करो ,क्या बंसी में लीन
क्या बंसी में लीन ,अधर से लगीं बजाने
अब कान्हा बेचैन ,लाड़ के खुले खजाने
कहते रवि कविराय ,तत्व है आधा-आधा
आधे में श्री श्याम , शेष आधे में राधा
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
[2]
निधिवन मे रास (कुंडलिया)
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निधिवन में अब भी बसे, युगल दिव्य सरकार
आते प्रतिदिन रात्रि को , करते नृत्य-विहार
करते नृत्य – विहार , रास की गाथा गाते
जग में सबसे उच्च , प्रेम होता बतलाते
कहते रवि कविराय ,सुधा रस पाते जन-जन
धन्य राधिका-कृष्ण ,धन्य है श्री श्री निधि वन
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
[ 3 ]
वृंदावन में समाधि हरिदास जी (कुंडलिया)
☘️??????
निधिवन में हरिदास जी ,चिर निद्रा में लीन
तानसेन के गुरु प्रवर ,तन – मन से स्वाधीन
तन – मन से स्वाधीन , दिव्य संगीत सुनाते
ईश्वर को यह भेंट , सिर्फ ईश्वर – हित गाते
कहते रवि कविराय ,छड़ी – मिट्टी का बर्तन
दो पावन पहचान ,.देख लो जाकर निधिवन
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
[ 4 ]
बाँके बिहारी मंदिर ,वृंदावन (कुंडलिया)
?????????
बाँके बिहारी की श्री , शोभा अपरंपार
भीड़ दिखी हर गेट पर ,दिखते भक्त अपार
दिखते भक्त अपार ,कठिन दर्शन कर पाना
जिस पर कृपा-प्रसाद ,धन्य है उसका आना
कहते रवि कविराय ,सौम्य छवि पल-पल झाँके
टेके जम कर पाँव , दिखे ठाकुर जी बांके
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[16/03, 4:51 PM] Ravi Prakash: प्रसन्नतां या न गताभिषेकतस्तथा न मम्ले वनवासदुःखतः।
मुखाम्बुजश्री रघुनन्दनस्य मे सदास्तु सा मंजुलमंगलप्रदा॥
????????
भावार्थ
???????
राज्याभिषेक वनवास (कुंडलिया)
?????????
पाया राजतिलक मगर ,कब प्रसन्न रघुनाथ
वन जाने पर कब दिखे ,दुखी हृदय के साथ
दुखी हृदय के साथ ,एक-सा सुख दुख माना
मुख – मंडल का भाव ,तृप्त जाना – पहचाना
कहते रवि कविराय , न अंतर मुख पर आया
वरदायी अभिराम ,कमल – सा खिलता पाया
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
कुंडलिया के रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[19/03, 8:42 AM] Ravi Prakash: चाणक्य (कुंडलिया)
☘️?☘️?☘️?☘️?☘️?
बाँधी थी अपनी शिखा ,किया नंद का नाश
मतलब है चाणक्य का ,निर्मल शुभ्र प्रकाश
निर्मल शुभ्र प्रकाश , सबल भारत-निर्माता
सादा जीवन उच्च , विचारों से शुभ नाता
कहते रवि कविराय ,राष्ट्र – हित लाए आँधी
मुट्ठी अपनी हिंद , देश की कसकर बाँधी
??????????
शिखा = सिर पर बालों की चोटी ,चुटिया
?????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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[23/03, 11:51 AM] Ravi Prakash: शहादत (कुंडलिया)
?????????
फहराया ध्वज हिंद का ,आजादी परिणाम
फाँसी पर जो चढ़ गए ,सौ-सौ उन्हें प्रणाम
सौ – सौ उन्हें प्रणाम , जवानी देने वाले
धन्य शहादत – वृत्ति , ले चले जो मतवाले
कहते रवि कविराय ,गीत अभिमानी गाया
अर्पित करके देह , देश का ध्वज फहराया
??????
शहादत = बलिदान
??????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[24/03, 10:40 PM] Ravi Prakash: हैदराबाद – विजय (कुंडलिया)
??????????
कट्टर एक निजाम था , राज्य हैदराबाद
विलय रियासत कब किया ,आजादी के बाद
आजादी के बाद , हिंद ने करी चढ़ाई
यह पटेल का शौर्य , दुंदुभी विजय बजाई
कहते रवि कविराय ,लौह-मति जूझे बढ़कर
जिंदाबाद पटेल , गिरा औंधे मुंह कट्टर
■■■■■■■■■■■■■■■■
दुंदुभी = नगाड़ा ,डुगडुगी या ढोल जैसा वाद्ययंत्र
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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[12/04, 10:49 AM] Ravi Prakash: माँ ( कुंडलिया )
?????????
मिलता है अन्यत्र कब , माँ का वत्सल-भाव
दुनिया है गहरी नदी , नदिया में माँ नाव
नदिया में माँ नाव , अनूठा लाड़ लड़ाती
खुद बनकर कंगाल , स्वर्ण हमको दे जाती
कहते रवि कविराय ,कमल-मुख उसका खिलता
भाग्यवान वह एक ,जिसे माँ का सँग मिलता
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
वत्सल = संतान के प्रति प्रेम या स्नेह
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[13/04, 11:56 AM] Ravi Prakash: प्रथम शैलपुत्री (तीन कुंडलियाँ)
?????????
गाओ पुत्री – दक्ष की ,पावन गाथा आज
हुईं सती क्यों किस लिए ,जानो इसका राज
जानो इसका राज , यज्ञ में मान न पाया
मैके में अपमान , सती को नहीं सुहाया
कहते रवि कविराय ,नेह की ज्योति जलाओ
शक्तिपीठ शिव – केंद्र ,ब्रह्म की महिमा गाओ

दोबारा आईं सती , बनकर पुत्री – शैल
मिटा पुराने जन्म का ,दुख का सारा मैल
दुख का सारा मैल , अपर्णा उमा कहाईं
गौरी गिरिजा पुनः , जगतपति शिव को पाईं
कहते रवि कविराय ,निरंतर तप के द्वारा
मिला दिव्य गंतव्य ,मिले शिव-पति दोबारा

बाएँ कर में है कमल , दाएँ धरे त्रिशूल
वृषभ सवारी कर रहीं , बिसराओ हर भूल
बिसराओ हर भूल ,सतत शुभ भाव जगाना
गौरी दो वरदान , लोभ से सदा बचाना
कहते रवि कविराय ,भरो निर्मल मति घर में
सपरिवार सद्बुद्धि ,कमल दो बाएँ कर में
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
अपर्णा = तपस्या करते करते जब पार्वती जी ने पत्ते (पर्ण )खाना भी छोड़ दिया तो अपर्णा नाम पड़ा
गंतव्य = वह स्थान जहाँ कोई जाना या पहुँचना चाहता है
[13/04, 7:36 PM] Ravi Prakash: द्वितीय ब्रह्मचारिणी (कुंडलिया)
?????????
करतीं विचरण ब्रह्म में , माता तुम्हें प्रणाम
ब्रह्मचारिणी इसलिए , सही तुम्हारा नाम
सही तुम्हारा नाम , कमंडल कर में माला
चलतीं नंगे पैर , धन्य जीवन कर डाला
कहते रवि कविराय ,मलिन मति माँ तुम हरतीं
तुम में बसता ब्रह्म ,सिद्ध साधक तुम करतीं
??????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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[15/04, 8:48 AM] Ravi Prakash: तृतीय चंद्रघंटा (दो कुंडलियाँ)
?????????
मस्तक पर है चंद्रमा , घंटे का आकार
कही चंद्रघंटा गईं , देवी सिंह सवार
देवी सिंह सवार , युद्ध की मुद्रा पाई
अस्त्र-शस्त्र के संग,अलौकिक गुण वरदाई
कहते रवि कविराय ,दिव्य घंटे की दस्तक
करती रिपु संहार ,धन्य देवी का मस्तक

बजता है घंटा जहाँ , घंटे की आवाज
मातु चंद्रघंटा वहाँ , समझो माँ का राज
समझो माँ का राज ,असुर की वृत्ति मिटाता
घंटे का यह अर्थ ,सृजित शुभ मन कर जाता
कहते रवि कविराय , दिव्य मंदिर है सजता
सौम्य भाव साकार , मधुर ध्वनि घंटा बजता
?????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[16/04, 8:14 AM] Ravi Prakash: चतुर्थ कूष्मांडा ( कुंडलिया )
☘️??????☘️
काशीफल अमृत भरा ,अर्पित सौ-सौ बार
माता कूष्मांडा करें , हे देवी स्वीकार
हे देवी स्वीकार , मंद मुस्कान तुम्हारी
इस जग का आधार ,सृष्टि की रचना प्यारी
कहते रवि कविराय ,सूर्य में रहतीं हर पल
अर्पित कुम्हड़ शाक ,तुम्हें देवी काशीफल
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
कुम्हड़ = काशीफल ,गंगाफल ,कद्दू
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शाकुंभरी देवी (कुंडलिया)
?☘️???☘️??☘️
माता शाक – प्रदायिनी , शाकुंभरी प्रणाम
दुर्गम – दैत्य विनाशिनी ,दिव्य कांति अभिराम
दिव्य कांति अभिराम ,सराल शाक उपजाई
बही नीर की धार , प्यास सब भूख मिटाई
कहते रवि कविराय ,शाक के गुण जो गाता
उसे मिला आशीष , उसे वर देतीं माता
☘️???☘️???
सराल = एक प्रकार की शाक जो देवी ने दिव्य रूप से प्रकट की
दुर्गम= एक दैत्य का नाम
???☘️???☘️
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[17/04, 7:14 AM] Ravi Prakash: पंचम स्कंदमाता (तीन कुंडलियाँ)
☘️☘️☘️??☘️☘️☘️
बरसातीं वात्सल्य – रस ,माता स्कंद कुमार
तीन लोक में छा रहा ,माँ का अद्भुत प्यार
माँ का अद्भुत प्यार ,गोद में सुत है भाता
जननी माँ तुम वीर ,वीर की हो तुम माता
कहते रवि कविराय , सिंह पर बैठी आतीं
कमल-पुष्प ले हाथ ,मातृ-सुख छवि बरसातीं

माता का नाता बड़ा ,सुत से माँ का नाम
गोद लिए माँ तृप्त तुम , पुत्र वीर अभिराम
पुत्र वीर अभिराम , रूप जननी का भाया
माता स्कंद कुमार , नाम तुमने कहलाया
कहते रवि कविराय ,मातृ-सुख की तुम दाता
नारी के सौ रूप , भव्यतम उसमें माता

माता के प्रिय पुत्र यह ,श्री श्री स्कंद कुमार
देवासुर संग्राम में , इनकी कीर्ति अपार
इनकी कीर्ति अपार ,युद्ध – नायक कहलाए
सेनापति का रूप , शौर्य से जग में छाए
कहते रवि कविराय ,वीर सुत माँ को भाता
कार्तिकेय तुम धन्य ,तुम्हें सुत पाकर माता
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[17/04, 2:48 PM] Ravi Prakash: षष्ठम कात्यायनी (दो कुंडलियाँ)
?????????
माथा ऊँचा कर रही ,बेटी तुम्हें प्रणाम
बेटी से संसार में ,हुआ पिता का नाम
हुआ पिता का नाम ,खड्ग धारण संहारी
कात्यायनी महान ,कर रहीं सिंह सवारी
कहते रवि कविराय ,वीरता की यह गाथा
ऋषि की पुत्री-चाह ,कर गई ऊँचा माथा

माता हे कात्यायनी , तुम बल का भंडार
महिषासुर से मुक्ति का ,देवी तुम आधार
देवी तुम आधार ,सिंह पर रण को जातीं
धन्य तुम्हारा खड्ग ,जीत जिससे रिपु पातीं
कहते रवि कविराय , असुर मारा है जाता
तुमको सारा श्रेय , वीर ऋषि – पुत्री माता
?????????
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[18/04, 10:32 AM] Ravi Prakash: सप्तम कालरात्रि (दो कुंडलियाँ)
??????☘️??
काली छवि काला बदन ,बिखरे काले केश
कालरात्रि तुम माँ स्वयं ,हरतीं सारे क्लेश
हरतीं सारे क्लेश ,श्वास से अग्नि बरसती
तुम में बसता क्रोध ,मुंड की माला बसती
कहते रवि कविराय ,नमन शुभ देने वाली
लिए लौह का जाल ,असुर – संहारी काली

काली माता हैं कुपित ,क्रोधित है व्यवहार
असुरों से यह लड़ रहीं ,लिए तीक्ष्ण हथियार
लिए तीक्ष्ण हथियार ,नष्ट करतीं खल-कामी
इनका लक्ष्य विनाश,काल-क्रम की अनुगामी
कहते रवि कविराय , मुंड की माला वाली
करने जग संहार , चलीं संहारी काली
????????
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[18/04, 9:21 PM] Ravi Prakash: नवम सिद्धिदात्री (कुंडलिया)
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माता सिद्धि-प्रदायिनी ,लिए सौम्य मुस्कान
अष्ट – सिद्धि पावन मिले , दो ऐसा वरदान
दो ऐसा वरदान , पूर्णता छा – छा जाए
जग में रहे न काम्य ,तृप्ति भीतर से आए
कहते रवि कविराय ,नमन हे शुभ वरदाता
हों प्रसन्न जग-शक्ति ,जगत की मालिक माता
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सिद्धियाँ = आठ प्रकार की अलौकिक
शक्तियों को सिद्धियाँ कहते हैं
काम्य = जिस की कामना की जाए
तृप्ति = संतुष्टि
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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[18/04, 11:13 PM] Ravi Prakash:
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राम (कुंडलिया)
?????????☘️
बीती सदियाँ राम हैं , भारत के उपमान
मर्यादा के हैं शिखर ,उज्ज्वल खिले विहान
उज्ज्वल खिले विहान ,वीर नवयुग रच जाते
गाथा धरा – मनुष्य ,भक्ति से जिनकी गाते
कहते रवि कविराय , राम के बिन है रीती
भारत की हर शाम ,सदी हर अब तक बीती
??????????
उपमान = जिसकी उपमा दी जाए
विहान = प्रातः काल, सुबह
रीती = सारहीन ,खाली खोखली
??????????
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[20/04, 9:42 AM] Ravi Prakash: अष्टम महागौरी (तीन कुंडलियाँ)
????????
रोको अब छवि भय-भरी ,माँ पड़ता हूँ पाँव
रोको अब रोते शहर ,बुझे – बुझे – से गाँव
बुझे – बुझे से गाँव ,हुई मरघट – सी काया
माँ त्यागो विकराल ,भयंकर अब तो माया
कहते रवि कविराय ,अरे शिव!अब तो टोको
माँ को करो प्रसन्न ,रूप काली का रोको

काया – परिवर्तन हुआ ,काली गोरी – रूप
कालरात्रि मानो छँटी ,निकली उजली धूप
निकली उजली धूप ,सृष्टि सुख से मुस्काई
हँसे जगत के जीव ,हँसी हर मुख पर छाई
कहते रवि कविराय ,पुनः मृदु मधुमय माया
धन्य धन्य माँ आप , आपकी गोरी काया

मुस्कातीं अति शांत माँ ,होकर वृषभ सवार
गौरी गोरे रंग की , शुभ्र वस्त्र व्यवहार
शुभ्र वस्त्र व्यवहार ,दिव्य माता कल्याणी
पूजन से खुशहाल , सिद्धियाँ पाते प्राणी
कहते रवि कविराय ,अस्त्र सँग देवी आतीं
धारण किए त्रिशूल , अभय देतीं मुस्कातीं
?????????
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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[27/04, 11:17 PM] Ravi Prakash: श्री हनुमान जी (दो कुंडलियाँ)
?????????
रामकथा के शीर्ष हैं , बलशाली हनुमान
इनके बिन बचती कहाँ ,लक्ष्मण जी की जान
लक्ष्मण जी की जान ,सिया का पता लगाया
गए समंदर पार , अँगूठी को शुभ पाया
कहते रवि कविराय ,निवारक राम-व्यथा के
महावीर तुम धन्य ,शिखर तुम रामकथा के

होते अगर न बल – भरे ,पवन – पुत्र हनुमान
सीता जी की खोज क्या ,हो पाती आसान
हो पाती आसान , कौन लंका को जाता
कौन अकेला कूद ,पार सागर कर पाता
कहते रवि कविराय , हाथ के उड़ते तोते
बनते कैसे काम ,नहीं हनुमत यदि होते
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
हाथ के तोते उड़ना = दुख से हैरान होना,
स्तब्ध होना
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
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[08/05, 8:34 PM] Ravi Prakash: श्वेत कमल दिवस (कुंडलिया)
????☘️☘️????
आई आठ मई दुखद , एक आठ नौ एक
श्वेत कमल पावन दिवस ,यादों भरा अनेक
यादों भरा अनेक , ब्रह्मविद्या अभ्यासी
ब्लेवेट्स्की तुम धन्य ,ईश-दर्शन की प्यासी
कहते रवि कविराय ,थियोसॉफी अनुयाई
करते तुम्हें प्रणाम , चेतना तुमसे आई
☘️☘️☘️???☘️☘️☘️
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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???☘️☘️☘️???
मैडम हेलेना पेट्रोवना ब्लेवेट्स्की : ( 12 अगस्त 1831 रूस – 8 मई 1891 लंदन )
आप अलौकिक चेतना संपन्न थीं। आपका संपर्क दिव्य महात्माओं से आया। इनके बारे में आपका कहना था कि जब आप युवा थीं ,तब भी वे महात्मा युवा थे और जब आप वृद्ध हो गईं, तब भी वे महात्मा युवा ही जान पड़ते थे । इन्हीं रहस्यमय महात्माओं की प्रेरणा से आपने 1875 में थियोसोफिकल सोसायटी की अमेरिका में स्थापना की । आप महान भारत भक्त थीं। भारत और तिब्बत में रहकर आपने अध्यात्म को गहराई से जाना था ।
तिब्बत के बौद्ध मठों में रहकर 1869 में आपने जो गुप्त-विद्या के साधकों हेतु तिब्बती भाषा में संकेत रूप से लिखित उपदेश-लेखों को पढ़ा और समझा ,उसे 1889 में द वॉइस ऑफ साइलेंस पुस्तक के रूप में संसार को प्रदान किया। “सीक्रेट डॉक्टरीन” आपकी लेखन-यात्रा का सर्वोच्च शिखर माना जाता है
दिसंबर 1880 में बनारस-यात्रा में ताजे गुलाब के फूलों की वर्षा करके आपने अपनी दिव्य-शक्ति से सबको चकित कर दिया था । काशी नरेश के महल में प्रवेश-द्वार पर सत्यान्नास्ति परो धर्मः शब्द आपको इतने पसंद आए कि आपने उसे थियोसॉफिकल सोसायटी के प्रतीक चिन्ह में शामिल कर लिया । इसका अर्थ है कि सत्य से बढ़कर कोई धर्म नहीं है । सत्य की खोज ही आपका और थियोसॉफिकल सोसायटी का मिशन है । गीता का पाठ आपको प्रिय था । सफेद कमल के फूल आपको विशेष पसंद थे। (लेखक :रवि प्रकाश)
[09/05, 11:53 AM] Ravi Prakash: घर को लौटे राम (कुंडलिया)
?????☘️???
जीती लंका स्वर्णमय , पर निर्लोभी राम
स्वर्ण लुभाया कब उन्हें ,बोले माँ अभिराम
बोले माँ अभिराम , जन्मभू जननी थाती
धन्य अयोध्या धाम ,गंध ममता की आती
कहते रवि कविराय ,बजा रघुकुल का डंका
घर को लौटे राम , छोड़कर जीती लंका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~?
थाती = धरोहर ,संचित धन
जननी = माँ , माता
~~~~~~~~~~~~~~~~~~??
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[11/05, 10:55 AM] Ravi Prakash: आगे मोदी जी बढ़ो (कुंडलिया)
?????????
आगे मोदी जी बढ़ो , पीछे सारा देश
धरो धनुर्धारी छटा , या गोवर्धन वेश
या गोवर्धन वेश ,राष्ट्र के अप्रतिम प्रहरी
तुम पर है विश्वास ,लोक की निष्ठा गहरी
कहते रवि कविराय ,न तुम विपदा से भागे
धरकर अनुपम धैर्य ,बढ़ रहे आगे – आगे
☘️☘️??☘️☘️☘️??
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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[14/05, 12:44 PM] Ravi Prakash: परशुराम (कुंडलिया)
?????????
लाए सत् का युग बड़ा ,सहसबाहु को मार
कामधेनु वापस मिली ,पिता पूज्य का प्यार
पिता पूज्य का प्यार , अहंकारी नृप हारे
धरती को सुख – चैन , पुनः लौटाए सारे
कहते रवि कविराय , युद्ध – पारंगत आए
नमन हे परशुराम , परशु शुभ सात्विक लाए
???☘️??????
परशु = फरसा ,परशुराम के हाथ में सदैव
रहने वाला शस्त्र
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
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[15/05, 11:16 AM] Ravi Prakash: अग्रोहा को पूजिए (कुंडलिया)
?????????
अग्रोहा को पूजिए , राजा उच्च महान
गोत्र अठारह रच दिए ,मंगलमयी विधान
मंगलमयी विधान ,”एक जन”भाव जगाया
अग्रसेन का राज , अनूठा राज कहाया
कहते रवि कविराय , मानता है जग लोहा
हुए बहुत से राज्य ,राज्य कब सम अग्रोहा
?????????
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[07/06, 12:21 PM] Ravi Prakash: अग्रसेन-संदेश (कुंडलिया)
????????
खाएँ पशु को मारकर ,आदिम-युग का ज्ञान
अग्रसेन जी ने कहा , दया करो इंसान
दया करो इंसान , प्रेम करुणा उपजाओ
सब जीवों में एक , ब्रह्म का भाव बढ़ाओ
कहते रवि कविराय ,अभय पशु नर से पाएँ
खाएँ मनुज न मांस ,साग-सब्जी-फल खाएँ
??????????
आदिम = जो बहुत पुराना अविकसित आरंभिक हो
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[14/06, 8:59 AM] Ravi Prakash: वर दो देवी शारदा (कुंडलिया)
?☘️??☘️??☘️?
वर दो देवी शारदा , हों निर्भीक विचार
हमको बुद्धि विवेक दो ,दो निर्मल व्यवहार
दो निर्मल व्यवहार ,लोभ से हमें बचाना
अगर मिले पद उच्च ,सहज हो उसे पचाना
कहते रवि कविराय ,मित्रता सबसे कर दो
रहे न कोई शत्रु , दयानिधि देवी वर दो
??????????
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[14/06, 10:27 AM] Ravi Prakash: नानाजी देशमुख (कुंडलिया)
?????????
श्री नानाजी देशमुख ,भारत रत्न महान
कर्मठता इनमें भरी ,राजनीति का ज्ञान
राजनीति का ज्ञान ,लोभ मंत्री-पद छोड़ा
रचनात्मकता ध्येय ,साठ में जीवन मोड़ा
कहते रवि कविराय ,सभी नेता हों राजी
लें पद से अवकाश ,बनें सब श्री नानाजी
■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
नानाजी देशमुख : जनसंघ के कुशल संगठनकर्ता के रूप में आपने साठ वर्ष की आयु तक कार्य किया । संगठन पर आप की पकड़ बेजोड़ थी । 1977 में जनता पार्टी की सरकार में केंद्रीय मंत्री बनने के प्रस्ताव को आप ने अस्वीकार कर दिया तथा यह कहकर राजनीति में हलचल पैदा कर दी कि नेताओं को साठ वर्ष की आयु के बाद राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए। आपका कथन केवल विचार नहीं था । आपने उसे आचरण में उतारा। साठ वर्ष की आयु के बाद राजनीति से जुड़े प्रश्नों पर आपने हस्तक्षेप करना तो दूर की बात रही, विचार करना भी बंद कर दिया । रचनात्मक कार्यों के लिए स्वयं को अर्पित किया। मरणोपरांत आपको भारत रत्न प्रदान किया गया। इन पंक्तियों के लेखक का सौभाग्य है कि उसने 1977 में दीनदयाल शोध संस्थान, दिल्ली में निकट से आपके दर्शन किए तथा कार्यप्रणाली को देखा।
[16/06, 1:40 PM] Ravi Prakash: श्री कृष्ण (कुंडलिया)
???????☘️?☘️
भादो श्री कृष्णाष्टमी ,उदय कृष्ण अवतार
बचपन लीला से भरा ,बंसी से अति प्यार
बंसी से अति प्यार , गाय हर रोज चराई
यमुना में था नाग , विदाई उसे कराई
कहते रवि कविराय ,कर्म का फल मत लादो
बनो शुभ्र दृढ़प्रज्ञ , कह रहा पावन भादो
??????????
भादो = विक्रम संवत के 12 महीनों में से एक महीना
कृष्णाष्टमी =कृष्ण पक्ष की अष्टमी
नाग = यमुना में स्थित कालिया नाग जिसके
कारण कृष्ण के समय यमुना विषैली थी
■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
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