23/197. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/197. छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷 टुट जाही गुमान तोर🌷
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टुट जाही गुमान तोर।
बढ़ जाही सम्मान तोर।।
जिनगी अपन सुघ्घर राख ।
हिरदे मा इमान तोर ।।
फुटहा करम छोड़ धरम ।
ये दुनिया मितान तोर ।।
काहत घाम का पियास ।
पड़ जाही निसान तोर।।
बस खेदू खुसी पियार ।
समस्या के निदान तोर।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
17-12-2023रविवार