23/186.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/186.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 कोनो रोवत रहिथे
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कोनो रोवत रहिथे।
कोनो सोवत रहिथे।।
जिनगी कइसे चलही ।
कोनो खोवत रहिथे।।
पापी चोला तरही।
कोनो धोवत रहिथे।।
रोटी कइसे मिलही ।
कोनो पोवत रहिथे ।।
दुनिया संगी खेदू ।
कोनो मोवत रहिथे।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
11-12-2023 सोमवार