23/184.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/184.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
सरकार बदलगे का होही
22 22 22 22
सरकार बदलगे का होही ।
तलवार निकलगे का होही।।
अपन इहां राज चलाबो हम ।
जोहार अखरगे का होही।।
जिनगी दीया कइसे बनही ।
आधार बिखरगे का होही ।।
बस खोज चलत हे दुनिया मा।
बीमार लठरगे का होही ।।
बिकत हवे ईमां हा खेदू।
बाजार ठहरगे का होही ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
11-12-2023 सोमवार