23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/177.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 जइसन सियासत होथे🌷
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जइसन सियासत होथे।
वइसन विरासत होथे।।
सुनले कहानी बिकटे ।
कइसन हिरासत होथे।।
जिनगी मया मा राहय।
सत हा इहां सत होथे।।
हिरदे जिहां सुघ्घर रथे ।
अपनेच ताकत होथे।।
रख पांव तेहर खेदू।
दुनिया नफासत होथे ।।
……..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
09-12-2023 शनिवार