23/175.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/175.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 फूल मया के खिलय हवे🌷
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फूल मया के खिलय हवे।
मन ले मन हा मिलय हवे।।
महकत जिनगी हमर इहां ।
दुनिया सुघ्घरे बनय हवे।।
आज रद्दा चातर चातर ।
कांटा खूटी बिनय हवे।।
संघर जाथे चलत चलत।
अपन करम ला लिखय हवे।।
रोज खुसी बांटे खेदू ।
बस करत गरब तनय हवे ।।
…….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
05-12-2023 मंगलवार