23/17.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/17.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
🌷कतको समझा नई सुधरय 🌷
22 2212 22
कतको समझा नई सुधरय ।
सच आडंबर नई सुधरय ।।
बनथे पढ़हे लिखे अनपढ़ ।
ढ़ोंगी मनखे नई सुधरय।।
मन मा कीरा पड़े देखव।
मरथे तब ले नई सुधरय।।
धरम करम चोचला होगे।
सिरतो दुनिया नई सुधरय।।
चलथे चारेच दिन खेदू।
देखय कोनो नई सुधरय ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
15-10-2023रविवार