Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Nov 2023 · 1 min read

23/165.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*

23/165.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 बेरा हमर कब आही🌷
22 212 22
बेरा हमर कब आही ।
जिनगी जबर खप जाही ।।
दुनिया देखत रथे बस।
बचके कोन हा जाही ।।
सोचे का हवे देखव।
नैना मटक जब जाही ।।
पीरा अपन हीरा कस।
हांसत मिल खुसी जाही ।।
सिधवा मन इहां खेदू।
हिरदे बस बदल जाही ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
30-11-202गुरुवार

246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दल-बदलू
दल-बदलू "नेता" ही नहीं, "मतदाता" भी होते हैं। अंतर बस इतना ह
*प्रणय*
जीवन भर मर मर जोड़ा
जीवन भर मर मर जोड़ा
Dheerja Sharma
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
पूर्वार्थ
मेरी मां।
मेरी मां।
Taj Mohammad
मुझको आँखों में बसाने वाले
मुझको आँखों में बसाने वाले
Rajender Kumar Miraaj
शारदे देना मुझको ज्ञान
शारदे देना मुझको ज्ञान
Shriyansh Gupta
मोहब्बत का पैगाम
मोहब्बत का पैगाम
Ritu Asooja
3646.💐 *पूर्णिका* 💐
3646.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
ग़ज़ल (गहराइयाँ ग़ज़ल में.....)
डॉक्टर रागिनी
तेरी आंखों की बेदर्दी यूं मंजूर नहीं..!
तेरी आंखों की बेदर्दी यूं मंजूर नहीं..!
SPK Sachin Lodhi
*जलते दीपक कह रहे, हम में भरा प्रकाश (कुंडलिया)*
*जलते दीपक कह रहे, हम में भरा प्रकाश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शेर-शायरी
शेर-शायरी
Sandeep Thakur
सरस्वती बंदना
सरस्वती बंदना
Basant Bhagawan Roy
শিবের গান
শিবের গান
Arghyadeep Chakraborty
निर्णय
निर्णय
Dr fauzia Naseem shad
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
चेहरे का रंग देख के रिश्ते नही बनाने चाहिए साहब l
Ranjeet kumar patre
कलयुग और सतयुग
कलयुग और सतयुग
Mamta Rani
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
हे छंद महालय के स्वामी, हम पर कृपा करो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
gurudeenverma198
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
ग़ज़ल _ मंज़िलों की हर ख़बर हो ये ज़रूरी तो नहीं ।
Neelofar Khan
संस्कार
संस्कार
Rituraj shivem verma
मोहब्बत और मयकशी में
मोहब्बत और मयकशी में
शेखर सिंह
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
AMRESH KUMAR VERMA
" धूप-छाँव "
Dr. Kishan tandon kranti
मेहनत करने में जितना कष्ट होता है...
मेहनत करने में जितना कष्ट होता है...
Ajit Kumar "Karn"
अपना भी एक घर होता,
अपना भी एक घर होता,
Shweta Soni
तुम प्यार मोहब्बत समझती नहीं हो,
तुम प्यार मोहब्बत समझती नहीं हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सेवा कार्य
सेवा कार्य
Mukesh Kumar Rishi Verma
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Akshay patel
ट्रेन का रोमांचित सफर........एक पहली यात्रा
ट्रेन का रोमांचित सफर........एक पहली यात्रा
Neeraj Agarwal
Loading...