23/165.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/165.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 बेरा हमर कब आही🌷
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बेरा हमर कब आही ।
जिनगी जबर खप जाही ।।
दुनिया देखत रथे बस।
बचके कोन हा जाही ।।
सोचे का हवे देखव।
नैना मटक जब जाही ।।
पीरा अपन हीरा कस।
हांसत मिल खुसी जाही ।।
सिधवा मन इहां खेदू।
हिरदे बस बदल जाही ।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
30-11-202गुरुवार