23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/160.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 चिरई चहकत हवे🌷
22 2212
चिरई चहकत हवे।
बगियां महकत हवे।।
तोर मया के नसा ।
मन हा बहकत हवे।।
चंदा सुरुज अपन।
जिनगी लहकत हवे।।
लाज का राख ही ।
आगी दहकत हवे।।
दुनिया खेदू नवा।
कोइली कुहकत हवे।।
………..✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
24-11-2023शुक्रवार