23/107.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/107.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
🌷 जानबे ता मानबे🌷
212 2212
जानबे ता मानबे ।
अपन सीना तानबे।।
का हवे पीरा इहां ।
बस करेजा चानबे।।
करत हस तै मेहनत ।
जुग नवा ला लानबे।।
महकथे जिनगी बिकट ।
रोज गोदी खानबे।।
राज का खेदू बता।
काम बनथे जभ ठानबे।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
31-10-2023मंगलवार