2299.पूर्णिका
2299.पूर्णिका
🌷मैं एक अदना सा नाचीज हूँ 🌷
मैं एक अदना सा नाचीज हूँ ।
तकदीर बदले यूं ताबीज हूँ ।।
दुनिया कहाँ देती है साथ भी ।
सच प्यार का मैं आज मरीज हूँ ।।
सब जानते है अपना मानते ।
पहचान मेरी शान तमीज हूँ ।।
इंसानियत महकाते जिंदगी ।
इंसान चख लो स्वाद लचीज हूँ ।।
गम में खुशी खेदू मिलती जहाँ ।
तू देख हरदम उगता बीज हूँ ।।
……….✍डॉ .खेदू भारती “सत्येश”
11-5-2023गुरुवार