Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2023 · 1 min read

2287.

2287.
पानी पानी हो गए
22 22 212
पानी पानी हो गए ।
आज कहानी हो गए ।।
लोग यहाँ क्या बोलते ।
अजब जवानी हो गए ।।
महके फूलों की तरह ।
सोच रवानी हो गए ।।
दामन बढ़ के थाम ली ।
अब मनमानी हो गए ।।
दुनिया खेदू साथ दे।
सच बलिदानी हो गए ।।
……. .✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
3-5-2023बुधवार

466 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित एक मुक्तक काव्य
शंकरलाल द्विवेदी द्वारा लिखित एक मुक्तक काव्य
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
देखकर आज आदमी की इंसानियत
देखकर आज आदमी की इंसानियत
gurudeenverma198
कोई पूछे मुझसे
कोई पूछे मुझसे
Swami Ganganiya
दोहा
दोहा
Dr.VINEETH M.C
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुद को रखती हूं मैं
खुद को रखती हूं मैं
Dr fauzia Naseem shad
मदर्स डे (मातृत्व दिवस)
मदर्स डे (मातृत्व दिवस)
Dr. Kishan tandon kranti
*** आशा ही वो जहाज है....!!! ***
*** आशा ही वो जहाज है....!!! ***
VEDANTA PATEL
क्या लिखूँ
क्या लिखूँ
Dr. Rajeev Jain
शब्द क्यूं गहे गए
शब्द क्यूं गहे गए
Shweta Soni
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
सफर वो जिसमें कोई हमसफ़र हो
VINOD CHAUHAN
प्रेम महज
प्रेम महज
हिमांशु Kulshrestha
गुरू वाणी को ध्यान से ,
गुरू वाणी को ध्यान से ,
sushil sarna
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
Neelofar Khan
गंगा
गंगा
ओंकार मिश्र
ख्वाहिशों के बैंलेस को
ख्वाहिशों के बैंलेस को
Sunil Maheshwari
जिसने अपने जीवन में दुख दर्द को नही झेला सही मायने में उसे क
जिसने अपने जीवन में दुख दर्द को नही झेला सही मायने में उसे क
Rj Anand Prajapati
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
इस उजले तन को कितने घिस रगड़ के धोते हैं लोग ।
Lakhan Yadav
जो व्यक्ति  रथयात्रा में रथ पर विराजमान श्री कृष्ण, बलराम और
जो व्यक्ति रथयात्रा में रथ पर विराजमान श्री कृष्ण, बलराम और
Shashi kala vyas
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
ऐसे ही थोड़ी किसी का नाम हुआ होगा।
Praveen Bhardwaj
काश ! ! !
काश ! ! !
Shaily
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
4604.*पूर्णिका*
4604.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आँचल की छाँह🙏
आँचल की छाँह🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मुकाम जब मिल जाए, मुकद्दर भी झुक जाता है,
मुकाम जब मिल जाए, मुकद्दर भी झुक जाता है,
पूर्वार्थ
नहीं है पूर्णता मुझ में
नहीं है पूर्णता मुझ में
DrLakshman Jha Parimal
किताबों में सूखते से गुलाब
किताबों में सूखते से गुलाब
Surinder blackpen
Loading...