2280.पूर्णिका
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2280.पूर्णिका
🌹वादे अधूरे रह गए 🌹
वादे अधूरे रह गए ।
अरमान पूरे रह गए ।।
बोले यहाँ सच झूठ भी ।
इंसान चूरे रह गए ।।
आते नहीं कोई जहाँ ।
सब लाल भूरे रह गए ।।
दुनिया कहे क्या बात है ।
अब प्यार घूरे रह गए ।।
ईमान है खेदू कहाँ ।
मंजिल भटूरे रह गए ।।
………….✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
28-4-2023शुक्रवार