Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

21- नारी की महिमा

नारी की महिमा

एक था जमाना, जब पुरूष प्रधान था।

घूँघट रहती नारी, न ही ज़्यादा ज्ञान था।।

शिक्षा से दूर, केवल करती घर का काम था।

बाहरी गतिविधियों में न ही कोई नाम था ।।

शादी, घर प्रबन्धन में, सहमति न जरूरी।

सीमा में घर की रहना, थी उनकी मजबूरी ।।

आई नई चेतना, परिवर्तन प्रवेश में

में।

शिक्षा व अन्य काम, नारी अग्रणी हर क्षेत्र में ।।

नारी प्रधान बनी, अब अपने परिवार में |

सहमति जरूरी, अब हर कारोबार में ।।

ऊँचे-ऊँचे पद पर, अब नारी विद्यमान है।

राजनीति करने में भी, अब पुरूष के समान है।।

नौकरी भी करती और गृहस्थी भी संभालती।

सेवा पति की करती और बच्चों को भी पालती।।

घर में हो नारी, तो नारी से घर है ।

नारी बिन घर नहीं, सूना सफर है ।।

“दयानंद”

Language: Hindi
68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कितनी भी चालाकी चल लो, समझ लोग सब जाते हैं (हिंदी गजल)*
*कितनी भी चालाकी चल लो, समझ लोग सब जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या  रिश्ते को इतन
आज कल के दौर के लोग किसी एक इंसान , परिवार या रिश्ते को इतन
पूर्वार्थ
मेरी माटी मेरा देश
मेरी माटी मेरा देश
नूरफातिमा खातून नूरी
इतना बवाल मचाएं हो के ये मेरा हिंदुस्थान है
इतना बवाल मचाएं हो के ये मेरा हिंदुस्थान है
'अशांत' शेखर
"अविस्मरणीय"
Dr. Kishan tandon kranti
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
Jitendra Chhonkar
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
मैया तेरा लाडला ये हमको सताता है
कृष्णकांत गुर्जर
पचीस साल पुराने स्वेटर के बारे में / MUSAFIR BAITHA
पचीस साल पुराने स्वेटर के बारे में / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हरित - वसुंधरा।
हरित - वसुंधरा।
Anil Mishra Prahari
आंखें मेरी तो नम हो गई है
आंखें मेरी तो नम हो गई है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
संस्कार
संस्कार
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
2968.*पूर्णिका*
2968.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#शर्माजीकेशब्द
#शर्माजीकेशब्द
pravin sharma
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
मेरी हर सोच से आगे कदम तुम्हारे पड़े ।
Phool gufran
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आप और हम जीवन के सच................एक सोच
आप और हम जीवन के सच................एक सोच
Neeraj Agarwal
मंजिल तक पहुंचने
मंजिल तक पहुंचने
Dr.Rashmi Mishra
बदनाम ये आवारा जबीं हमसे हुई है
बदनाम ये आवारा जबीं हमसे हुई है
Sarfaraz Ahmed Aasee
चाँद
चाँद
TARAN VERMA
प्रेम के जीत।
प्रेम के जीत।
Acharya Rama Nand Mandal
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
*Author प्रणय प्रभात*
जी हां मजदूर हूं
जी हां मजदूर हूं
Anamika Tiwari 'annpurna '
शुद्ध
शुद्ध
Dr.Priya Soni Khare
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
हिंदी
हिंदी
Mamta Rani
एक मुलाकात अजनबी से
एक मुलाकात अजनबी से
Mahender Singh
दादा की मूँछ
दादा की मूँछ
Dr Nisha nandini Bhartiya
*अहम ब्रह्मास्मि*
*अहम ब्रह्मास्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ससुराल का परिचय
ससुराल का परिचय
Seema gupta,Alwar
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
Shweta Soni
Loading...