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15 Jun 2023 · 1 min read

20-चेहरा हर सच बता नहीं देता

चेहरा हर सच बता नहीं देता
आइना सब दिखा नहीं देता

ज़ख़्म वो बार-बार देता है
मौत की पर सज़ा नहीं देता

रोग ऐसा लगा मुहब्बत का
कोई जिसकी दवा नहीं देता

आँखें जाम-ए-शराब हैं तेरी
क्यूँ मुझे तू पिला नहीं देता

जिसकी फ़ितरत में दर्द देना है
वो किसी को दुआ नहीं देता

गर लिखी मुफलिसी मुक़द्दर में
वक़्त उसको मिटा नहीं देता

पूरी बोतल मुझे पिला साक़ी
क़तरा-क़तरा मजा नहीं देता

-अजय कुमार मौर्य ‘विमल’

Language: Hindi
144 Views
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