Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2023 · 1 min read

20- कोरोना की त्रासदी

कोरोना की त्रासदी

कोरोना है काल बना देश विदेश में ।

शांति विलुप्त हुई हर परिवेश में।।

लाखों की संख्या में प्रतिदिन मरते लोग।

प्रयत्न हुए फेल सब, बढ़ गया ज़्यादा रोग।।

सरकार ने निर्देश दिये रोकने को पल-पल ।

जनता की लापरवाही से यत्न हुए निष्फल ।।

बीमारी है फैल रही प्रतिदिन दो गुनी ।

मोदी जी की विनती हो रही अनसुनी ।।

शहर-शहर औषधालयों में बेड उपलब्ध नहीं

कालाबाज़ारी दवाओं की कहने को शब्द नहीं ।।

ऑक्सीजन की पूर्ति में हो रही लापरवाही ।

मृत्युदर बढ़ रही कोई जिम्मेदार नहीं ।

लाशों की लम्बी लाइन लगी शमशान में।

चितायें अब जल रही खुले मैदान में।।

दफनाने की जगह नहीं किसी कब्रिस्तान में ।

वैक्सीन पर विश्वास नहीं आम इंसान में ।।

“दयानंद”

Language: Hindi
251 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
Dr Manju Saini
"निर्णय आपका"
Dr. Kishan tandon kranti
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
gurudeenverma198
#सनातन_सत्य
#सनातन_सत्य
*प्रणय प्रभात*
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
Phool gufran
किसी की तारीफ़ करनी है तो..
किसी की तारीफ़ करनी है तो..
Brijpal Singh
"खूबसूरत आंखें आत्माओं के अंधेरों को रोक देती हैं"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तिमिर है घनेरा
तिमिर है घनेरा
Satish Srijan
गूंजा बसंतीराग है
गूंजा बसंतीराग है
Anamika Tiwari 'annpurna '
खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । प्यासा की कुण्डलिया
खिचड़ी यदि बर्तन पके,ठीक करे बीमार । प्यासा की कुण्डलिया
Vijay kumar Pandey
बेवक़ूफ़
बेवक़ूफ़
Otteri Selvakumar
नटखट-चुलबुल चिड़िया।
नटखट-चुलबुल चिड़िया।
Vedha Singh
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १०)
Kanchan Khanna
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
जिसने बंदूक बनाई / कमलजीत चौधरी
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*अलविदा तेईस*
*अलविदा तेईस*
Shashi kala vyas
जगदाधार सत्य
जगदाधार सत्य
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
*रामपुर की गाँधी समाधि (तीन कुंडलियाँ)*
Ravi Prakash
मेरा अभिमान
मेरा अभिमान
Aman Sinha
व्यक्तित्व की दुर्बलता
व्यक्तित्व की दुर्बलता
Dr fauzia Naseem shad
मौत बाटे अटल
मौत बाटे अटल
आकाश महेशपुरी
इस तरह भी होता है
इस तरह भी होता है
हिमांशु Kulshrestha
पानीपुरी (व्यंग्य)
पानीपुरी (व्यंग्य)
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
बरसात
बरसात
Dr.Pratibha Prakash
कोई दौलत पे, कोई शौहरत पे मर गए
कोई दौलत पे, कोई शौहरत पे मर गए
The_dk_poetry
वो ज़िद्दी था बहुत,
वो ज़िद्दी था बहुत,
पूर्वार्थ
बदलती फितरत
बदलती फितरत
Sûrëkhâ
मतलब भरी दुनियां में जरा संभल कर रहिए,
मतलब भरी दुनियां में जरा संभल कर रहिए,
शेखर सिंह
4311💐 *पूर्णिका* 💐
4311💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
Neeraj Agarwal
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...