पत्थर जैसे दिल से दिल लगाना पड़ता है,
जीवन में प्रेम और ध्यान को मित्र बनाएं तभी आप सत्य से परिचित
यह कहते हुए मुझको गर्व होता है
सबने मिलकर जिसको आगे बढ़ाया,
आज, तोला चउबीस साल होगे...
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा,
दर्शनशास्त्र की मौत (Death of Philosophy)
सुना है फिर से मोहब्बत कर रहा है वो,
दिल का मासूम घरौंदा
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)