यूं प्यार में ज़िंदगी भी तबाह हो जाती है,
वो लिखती है मुझ पर शेरों- शायरियाँ
फ़ुर्सत में अगर दिल ही जला देते तो शायद
शासक की कमजोरियों का आकलन
तोड़ दो सारी हदें तुम हुस्न से दीदार की ।
कौन कहता है कि अश्कों को खुशी होती नहीं
Hallucination Of This Night
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सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
वो जो बातें अधूरी सुनाई देती हैं,
तूफ़ान कश्तियों को , डुबोता नहीं कभी ,
धिक्कार है धिक्कार है ...
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
यूं तो गुल-ए-गुलशन में सभी,