*2 फिल्म – पिया कि मेंहदी
*2फिल्म – पिया के मेंहदी 9515651283
स्क्रिप्ट – रौशन राय का। 7859042461
तारीख – 29 – 05 – 2022
शबाना मां – एकदम गुमसुम थी
सबके सब बहुत चिंतित थे
तभी सलीम बाहर से शमशेर खान के घर आता है.. लगता हैं शायद सलीम को जरीना से मोहब्बत हों गया है। इसलिए सलीम का मन बार बार जरीना को देखने को करता है जब सलीम जरीना के घर आया तो देखा कि सभी लोग गहरी सोच में डुबा हुआ है
शमशेर खान – आओ सलीम बेटा.. कहो कैसे आना हुआ
सलीम – इधर से जा रहा था तो सोचा आप लोगों का हाल समाचार लेते जाऊं
शमशेर खान – मायूस होकर कहा.. हाल समाचार क्या रहेगा बेटा मोहल्ले वाले का ताना सुन सुन कर हम सब शर्मशार हो रहें हैं
सलीम – देखिए चाचा जान.. ये दुनिया कि फितरत आज का नही सदियों पुरानी है
शबाना मां – पर बेटा सबसे बड़ा दिक्कत तो ये हो गया है.. कि अब कोई शरीफ़ लड़का हमारे बेटी से निकाह नहीं करेगा जिस बेटी को हमने नाजों में पाला उसका जीवन दोजख से भी बत्तर हो गया है
सलीम – यदि आप सब हमारे बात को बुरा न मानें तो जरीना से निकाह मैं करुंगा
सलीम के बात सुनकर सबके सब एक पल के लिए बिल्कुल खामोश हो गया
सलीम क्या हुआ आप लोगों को हमारे बात पर यकीन नहीं हो रहा है आप सबको
शमशेर खान – बेटा सलीम बात यकीन कि नही है.. निकाह शादी तुम करने को तैयार हो पर तुम्हारे मां बाप का भी मंजूरी होना बहुत जरूरी है
शबाना मां – बेटे सिर्फ तुम्हारे हां कहने से ये निकाह नहीं हो सकता क्या तुम्हारे मां बाप हमारे बेटी को अपने घर में रहने कि इजाजत देंगे
युनुस खान – थोड़ा गर्म होते हुए अपने मां बाप से कहता है ऐसे कैसे आप लोग सलीम के साथ जरीना के निकाह का बात करने लगे ना
सलीम कौन है क्या करता.. हम पता नहीं और आप सब रिश्ते कि बात करने लगे.. ऐसे कैसे हम अपनी इकलौती बहन का निकाह सलीम से कर देंगे
हमारी बहन में कोई कमी नहीं है हमारी बहन अभी भी पाक हैं नापाक तो वो हरामी सब था जो हमारे बहन के साथ ऐसा किया
शमशेर खान – बेटा सलीम तुम अपने जगह पर ठीक है पर बेटा काजल तों काली होता है न.. काजल कभी सफेद नहीं होता है
युनुस खान – क्या मतलब आपका
शमशेर खान – बेटा आपके बहन के उपर बालात्कार का काली लग चुका है और इस काली को सफेद करने के लिए ये जीवन छोटी पर जाएगी
शबाना – अपने बेटे के माथ पर हाथ फेरते हुए बोली बेटा गुस्सा से नही शांति से सोचों और अभी हम सलीम के साथ निकाह थोड़े ही कर रहे हैं
युनूस खान – अच्छा ये बताओ सलीम कि तुम मेरे बहन से निकाह क्यों करना चाहते हों
सलीम – सच बता दूं
युनूस खान – हां सच ही न बताओगे
सलीम – तो सुनो हमें जरीना से मोहब्बत हों गया है
युनूस खान – कही ऐसा तो नहीं की हमारी बहन के ऐसे हालत देखकर तुम्हें तरस आ गया हों
सलीम – नहीं युनूस मियां नहीं.. मैं जरीना पर तरस नहीं मोहब्बत करता हूं यदि मेरा निकाह जरीना से नहीं हुआ तो मैं आजीवन किसी के साथ निकाह नहीं करूंगा ये मेरा उस अल्लाह ताला और कुराने पाक का कसम है
अब युनूस मियां को सलीम के बातों पर एतबार हो गया
युनूस खान – ठीक है अब्बा जान आपको जो उचित लगे वो करें
शमशेर खान – नही बेटा जरीना तुम्हारी भी बहन हैं उसके भला के बारे में सोचना तुम्हारा भी फ़र्ज़ है हम दोनों बाप बेटा मिलकर कोई काम करेंगे तों एक दूसरे को गलत नहीं ठहराएंगे
युनूस खान – ठीक है अब्बा जान आप सलीम के मां बाप से मुलाकात किजिए और साफ़ साफ़ सारी बात कह देना जो घटना उसके साथ घटीत हुआ है
सलीम – युनूस मियां आप ये चिंता छोड़ दिजिए हमने पहले ही अपने परिवार वालों से बात कर लिया है
शबाना मां – तो तुम्हारे परिवार वालों ने क्या कहा बेटा
सलीम – हमारे परिवार वालों ने ये कहा है कि इससे नेक काम और क्या हो सकता है
शमशेर खान – तुम्हारे घर में कौन-कौन है बेटा
सलीम {हीरो} हमारे घर में अम्मी,अब्बा,एक बड़े भाई और एक हमसे छोटी बहन हैं
युनूस खान – अभी तुम करते क्या हों
सलीम – कुछ भी नहीं
युनूस खान – फिर तुम दोनों कि जीवन के गाड़ी कैसे चलेगी
सलीम – इसके लिए हमने तैयारी कर लिया है मैं फाॅरेस्ट आॅफिसर बनने जा रहा हूं हमारा सब कुछ हों गया है बस ज्वाइनिंग लेटर आना बाकी है
युनूस खान – फिर भी सलीम हम सब एक बार तुम्हारे मां बाप से ज़रूर मिलना चाहेंगे
सलीम – अवकोश आप मिलकर अपने मन कि सारे दुविधा को पहले खत्म कर लें फिर आप निकाह के लिए हां करना
शबाना मां – हां बेटा मेरा भी मन यही कह रहा है
सलीम – तो कहिए आप कब आ रहें हैं हमारे यहां
शमशेर खान – बेटा मैं तुम्हारे यहां परसों आ रहा हूं
सलीम – हमें आप लोगों के आने का इंतजार रहेगा
शमशेर खान – ठीक है बेटा हम सब परसों आ रहें हैं
सलीम – ठीक है खुदा हाफ़िज़
शबाना मां – ख़ुदा हाफ़िज़ बेटा और सलीम यहां से अपने घर आ गया
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सलीम अपने घर आकर अपने भाभी नुरी का हाथ पकड़ कर उस उसके बिस्तर पर ले जाकर बिठाकर उसके सामने खुद बैठकर कहा भाभी जान एक बात बताऊं
भाभी नुरी – हां हां ज़रूर बताओं देवर राजा आज कुछ विशेष बात बताने वाले हों.. तुम्हारे चेहरे की मुस्कान ये बया कर रहा है
सलीम – हां भाभी मैं सोच रहा हूं कि तुम अकेले काम करते करते थक जाति हों और ये जों अपनी छोटकी हैं वो आपके काम में हाथ बंटाते नहीं
भाभी नुरी – आहा तो तुम हमारे काम में हाथ बंटाने वाली का व्यवस्था कर देना चाहते हों
सलीम – हां भाभी
भाभी नुरी – अच्छा तो बताओ कौन है वो
सलीम – भाभी वो वहीं हैं जिसके साथ बालात्कार हुआ था सर झुकाते हुए सलीम ने कहा
भाभी नुरी – बहुत अच्छा देवर राजा हम सब उसको इतना प्यार देंगे कि वो अपने जीवन के उस काली दिन को भुल जाएगी तुम सब कुछ अपने भाभी पर छोड़ दो
सलीम – शुक्रिया भाभी जान
भाभी नुरी – आगे का क्या बिचार हैं
सलीम – आगे की बिचार यही है कि जरीना का परिवार वाले परसों अपने घर यहां आ रहें हैं आप लोगों से बात चीत करने के लिए
भाभी नुरी – इसका मतलब ये है कि बेगम पुरी पका चुकी है सिर्फ खाना बांकी है
सलीम – भाभी जान आप से एक गुजारिश है
भाभी नुरी – क्या गुज़ारिश है बरखुरदार
सलीम – भाभी आप सब दहेज कि बात नहीं करना
भाभी नुरी – थोड़ा मजा लेते हुए बोली क्यों भाई दहेज क्यों नहीं लेंगे हम तों दहेज का भाड़ी डिमांड करेंगे
सलीम – क्या
भाभी नुरी – हां भाई हम तो बहुत भाड़ी डिमांड रखेंगे
कि सलीम का चेहरा लटके जमीन को छुने लगा सलीम एकदम मुर्झा गया और वहां अपने भाभी के ओर देखने लगा
भाभी नुरी बिस्तर से उतरते हुए बोली बेटा सलीम हम लड़के वाले हैं तो डिमांड करेंगे
जब दोनों देवर भाभी बात कर रही थी जो सलीम कि बहन फ़िरदौस आ टपकी और बोली
फ़िरदौस – भाभी जान हमारे भाई जान का ये चांद सा चेहरा मुर्झाया क्यों है
भाभी नुरी ने फ़िरदौस को आंख मारी और बोली फ़िरदौस अब तुम ही बताओ कि सलीम मियां के शादी में जमकर दहेज लेंगे कि नहीं
फ़िरदौस – हां हां भाभी आपका कहना बिल्कुल सही कहा खुब दहेज लेंगे
सलीम – देख छोटकी तु और न आग में घी डाल
फ़िरदौस – क्यों भाई जान आज कल तों दहेज लेना और दहेज देना बड़ी शान कि बात है
सलीम – तों तुम क्या समझती हों कि हम तुम्हारे शादी में दहेज देंगे
फ़िरदौस – हां भाई जान देना तो पड़ेगा क्यों भाभी
भाभी नुरी – हां मेरी प्यारी ननद हम खुब दहेज देकर तुम्हें विदा करेंगे
सलीम – हम एक ढ़ेला तों तुम्हें देने ही नहीं देंगे और सलीम अपने भाभी के कमरे से निकल गया
दोनों ननद भाभी सलीम मियां पर बड़ा मज़ा लिया
जब सलीम अपने भाभी के कमरे से निकल रहा था तों सलीम के बड़े भाई रिजवान ने देखा कि सलीम का चेहरा मुर्झाया हुआ है उसने सलीम से पुछा तों
सलीम ने कुछ नहीं भैया कहके आगे निकल गया
रिजवान मुंह बिचकाकर अपने कमरे के तरफ आया तों देखा कि दोनों ननद भाभी खुब हस रही है
पुछने पर जब बात मालूम हुआ तों रिजवान को भी हसी आया
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शमशेर खान युनूस खान, शबाना सब जन सलीम के घर पहुंचा
सलीम के परिवार वाले ने सब लोगों का तहे दिल से स्वागत किया
सलीम के घर वालों ने जरीना के परिवार वालों का जमकर खातेदारी किया
और फिर सलीम के पिता बोले मैं जैनुल खान ये मेरा बड़ा बेटा रिजवान दुसरा बेटा सलीम जिसका रिश्ता लेकर आप लोग आयें है एक बेटी है फ़िरदौस,एक बहूं हैं नुरी और आपके समाने बैठी मेरी बेगम साहिबा नाईदा जी हैं
अब आप सब बताएं कि आप सब हमारे बेटा से अपने बेटी का रिश्ता लेकर आये हैं
शमशेर खान – हां जनाब परंतु आपको को एक बात साफ साफ कह देना चाहता हूं कि
जैनुल खान – आप यही साफ कर देना चाहते हैं कि आपके बेटी के साथ अनहोनी घटना हों गया मुझे सलीम ने सारा बात बता चुका है
शमशेर खान – हां जनाब वो दिन हमारे जीवन का सबसे काली दिन था जिस दिन हमारे फुल सी बच्ची का बालात्कार हुआ
रिजवान खान – देखिए आपके मन कि पीड़ा को हम सब बखुबी समझते हैं इसलिए हमें आपको ज्यादा बात न कहकर साफ शब्दों में कहते हैं कि अगर हमारे भाई सलीम को आपकी बेटी पसंद है तों हम सब को पसंद है
जब सलीम और जरीना कि निकाह का बात चल ही रहा था कि डाकिया डाक लेकर आया और कहा जैनुल खान आज आपको हमें ईनाम देना होगा
जैनुल खान – हां डाक-बाबू अगर ईनाम देने वाली बात होगी तो हम आपको जरूर ईनाम देंगे बताइए क्या बात है
डाकिया – बात ये है कि आपके छोटे बेटे सलीम का ज्वाइनिंग लेटर आ गया है
सभी लोगों खुशी से झूम उठे और रिजवान ने एक दो हजार का नोट निकाल कर डाकिया को देते हुए कहा डाक-बाबू ये लिजिए अपना ईनाम और हमारे ओर से अपने बच्चों के लिए मिठाई खरीद कर लेते जाइएगा
डाकिया ईनाम लिया और जी कहके वहां से चल दिया
जैनुल खान – हां शमशेर खान हमें आपके बेटी के साथ अपने बेटे का रिश्ता मंजूर है
युनुस खान – अंकल अब कुछ लेन देन कि बात हों जाएं
इसी बीच में नुरी बहूं बोली – अब्बा जान मैं दहेज के बारे में बात करना चाहते हैं
जैनुल खान – हां हां बेटा आओ तुम भी अपने देवर के बिवाह पर कुछ बोलों
नुरी बहूं – जैसे बोलने के लिए आकर शोफे पर बैठी कि सलीम का दिल धड़कने लगा
नुरी बहूं आई और सबसे पहले सबको सलाम किया और कहा
देखिए हमें आपके ओर से कुछ नहीं चाहिए क्योंकि कि आपकी बेटी हमारे लिए शुभ है और हों सकें तों आप अपने सुविधा के अनुसार ही कुछ किजिएगा
हां एक बात जरूर कहूंगी कि हम सब आपके बेटी से प्यार की उम्मीद जरुर रखेंगे और आप हमें दहेज में प्यार के सिवा और कुछ नहीं चाहिए आपसे
तभी रिजवान ने ज्वाइनिंग लेटर के लिफाफे को खोला और उसे पढ़ा और पढ़कर सभी को मुबारकबाद देते हुए कहा अपना सलीम फाॅरेस्ट आॅफिसर के पद पर चुना गया है इसे इस महीने के आखिरी तीस तारीख तक पहुंचना होगा और आज तारीख सताइस हैं आज से मात्र तीन दिन है
फ़िरदौस – जा तुम और भाभी मिलकर सलीम के जाने की तैयारी कर दें
फ़िरदौस – जी भाई जान
जैनुल खान ने कहा शमशेर खान जाइए आप शादी कि तैयार किजिए सलीम जैसे ही ज्वाइन होके आएगा हम आपके दरवाजे पर बरात लेकर पहुंचेंगे
शमशेर खान – जी शुक्रिया हमें उस पल की बेशवरी से इंतजार रहेगा
ननद और भाभी मिलकर सलीम के जाने तैयार कर दिया और सलीम भी सब लोगों का दुआ प्यार लेकर अपने नौकरी के लिए चल दिया
भाभी जान आप हमारे लिए दुआ करना कि मेरा ज्वाइनिंग जल्दी हों जाएं
भाभी नुरी – हां मेरे बच्चे हर तुम्हारे लिए जरूर दुआ करेंगे
मां पिता और भाई से गले मिला तो रिजवान भाई ने कहा जा मेरे भाई अल्लाह ताला तुम्हें सफल बनाएं सब ने दुआ देकर सलीम को भेजा
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कॉमेडी
बानो – वोय डाक्टर मुझे जरा तु देख मुझे कुछ हो गया
डाक्टर – ही ही ही वोय बानो मैं ने तुमको कितने बार कहा तु अभी कुंवारी हैं और जान हमारी हैं
बानो – मेरे बाप को तु पसंद नहीं है
डाक्टर – वोय तेरे बाप को मैं पसंद हूं चाहें नहीं पर तुम्हें तों पसंद हूं ना
बानो – हां तूं तों मेरे दिल कि खाई में एक मछली की तरह तरफ रहा है
डाक्टर – अब तो तुम्हें हम पर यकीन हो गया न कि मैं ही तुझे खुश रखूंगा
बानो – हां मेरे मुक्त के डाक्टर पति तु मुझे इलाज कर नही