17- राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा
आज़ादी का जश्न मनाओ,
लेकिन इतना भान रहे
राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा,
हरदम इसका ध्यान रहे
तीन रंग से बना तिरंगा,
महज एक परिधान नहीं
भारत का वैभव दर्शाता,
इसके बिन पहचान नहीं
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
बना ये कीर्तिमान रहे
राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा…..
भारत की महिमा है इसमें,
इसकी शान निराली है
सब धर्मों का संगम दिखता,
गरिमा वैभवशाली है
अम्बर में लहरा कर गाता,
भारत का यशगान रहे
राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा…..
सबसे ऊपर केशरिया जो,
हमको त्याग सिखाता है
देश की शक्ति, बलिदान और,
साहस को दर्शाता है
इसे देख कर सीमा पर हर,
सैनिक ऊर्जावान रहे
राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा…..
श्वेत मध्य में सच्चाई का,
हमको राह दिखाता है
सत्य, अहिंसा और शांति का,
निशदिन पाठ पढ़ाता है
आपस में हो भाईचारा,
सबका ही सम्मान रहे
राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा…..
उसके नीचे हरा रंग जो,
खुशहाली का द्योतक है
सुख समृद्धि और उन्नति का,
होता यह तो पोषक है
इसकी हरियाली में खिलता,
अपना हिंदुस्तान रहे
राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा…..
ठीक बीच में नीला पहिया,
धम्मचक्र कहलाता है
प्रेम, शील, समता, करुणा का,
हमको बोध कराता है
आरोग्य, न्याय, नीति, नियम का,
चलता चक्र महान रहे
राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा…..
-अजय कुमार मौर्य ‘विमल’