Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jul 2023 · 1 min read

इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।

गज़ल

2122/2122/2122/2
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
प्यार को बदनाम पर सब लूट जाते हैं।1

दिल जिगर औ’र जान सबकुछ दे दिया जिसको,
राम जाने फिर उसे कैसे रुलाते हैं।2

आप जानें राम जानें, मैं न कुछ जानूं,
प्यार के ये चोचले, मुझको न आते हैं।3

ढूंढते हैं लोग जिनको मंदिरों में ही,
राम वो शबरी के जूंठे बेर खाते हैं।4

सीख देते हैं यही तो पूर्वज सबको,
पाप धोने के लिए गंगा नहाते हैं।5

ईश्वर होते निकट सबसे उन्हीं के जो,
दो निवाले भी गरीबों को खिलाते हैं।6

प्यार का जिनको नशा होता है वो ‘प्रेमी’,
जह्रर भी पीयूष सा पी कर दिखाते हैं।7

……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी

196 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all
You may also like:
मैं अपना जीवन
मैं अपना जीवन
Swami Ganganiya
पल
पल
Sangeeta Beniwal
सच तो रंग होते हैं।
सच तो रंग होते हैं।
Neeraj Agarwal
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही
हो गये अब हम तुम्हारे जैसे ही
gurudeenverma198
"सेवा का क्षेत्र"
Dr. Kishan tandon kranti
उम्मीद की नाव
उम्मीद की नाव
Karuna Goswami
भूल जाऊं तुझे भूल पता नहीं
भूल जाऊं तुझे भूल पता नहीं
VINOD CHAUHAN
मेरी कलम
मेरी कलम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
तेरी खुशियों में शरीक
तेरी खुशियों में शरीक
Chitra Bisht
*इश्क़ इबादत*
*इश्क़ इबादत*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar Dwivedi (July 21, 1941 – July 27, 1981) was a promin
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
बात चली है
बात चली है
Ashok deep
मन तो मन है
मन तो मन है
Pratibha Pandey
वो चैन की नींद सो गए
वो चैन की नींद सो गए
Diwakar Mahto
12) “पृथ्वी का सम्मान”
12) “पृथ्वी का सम्मान”
Sapna Arora
छिपी हो जिसमें सजग संवेदना।
छिपी हो जिसमें सजग संवेदना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
गालगागा गालगागा गालगागा
गालगागा गालगागा गालगागा
Neelam Sharma
कई बार हम ऐसे रिश्ते में जुड़ जाते है की,
कई बार हम ऐसे रिश्ते में जुड़ जाते है की,
पूर्वार्थ
राम ने कहा
राम ने कहा
Shashi Mahajan
तुम्हारी यादों के किस्से
तुम्हारी यादों के किस्से
विशाल शुक्ल
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई।
Manisha Manjari
हम करना कुछ  चाहते हैं
हम करना कुछ चाहते हैं
Sonam Puneet Dubey
*कैसे हार मान लूं
*कैसे हार मान लूं
Suryakant Dwivedi
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
*गाफिल स्वामी बंधु हैं, कुंडलिया-मर्मज्ञ (कुंडलिया)*
*गाफिल स्वामी बंधु हैं, कुंडलिया-मर्मज्ञ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रीत को ...
प्रीत को ...
sushil sarna
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
'वर्क -ए - ' लिख दिया है नाम के आगे सबके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
राशिफल से आपका दिन अच्छा या खराब नही होता बल्कि कर्मों के फल
राशिफल से आपका दिन अच्छा या खराब नही होता बल्कि कर्मों के फल
Rj Anand Prajapati
4347.*पूर्णिका*
4347.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...