1047 इन कलियों को खिलने देना (बेटी दिवस)
बेटी….. तेरे पैदा होने की खुशी,
आज तक में मना रहा हूँ।
शुक्रगुजार हूँ तेरा, मैं दिल के टुकड़े,
तेरे होने से जिंदगी का जश्न मना रहा हूँ।
जब आई मेरे घर मासूम कली।
तब से मेरी जिंदगी बदली।
छट गई सारी गम की बदली।
खिलने लगी खुशी की कली।
तुम सब से आशा है यह अब…
यह है मेरे देश का भविष्य।
इन कलियों को खिलने देना।
खुलकर इनको जीने देना
इन को आगे बढ़ने देना।