मिशन सक्सेसफुल #100 शब्दों की कहानी#
भांजी अनुषा कुटुम्बले इंदौर की प्रथम-प्रतिभावान खिलाड़ी के रूप में भारतीय जूनियर टेबल-टेनिस टीम में प्रतिनिधित्व हेतु चयन हुआ, उसे अन्य 20 चयनित खिलाड़ियों की टीम के साथ नई दिल्ली से क्रोएशिया व सर्बिया के लिए रवाना होना था, विशाखा को बेटी की अमूमन ही चिंता हो रही ।
अनुषा ने अपनी बाजूओं को ऊपर दिखाते हुए कहा, फिजूल की चिंता करते हो मम्मी, मैं पहले भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हूं, मुझे पूर्ण विश्वास है, हम ही जीतेंगे ।
अनुषा अपनी टीम के साथ जीत खुशी का इजहार करते हुए माता-पिता से, मिशन सक्सेसफुल …… अपना टाइम आ गया मम्मा…..।