कन्यादान का अधिकार #100 शब्दों की कहानी#
मृदुला व शीला बहनें थीं । शीला पढ़ाई पूर्ण करके विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थी, घर की बड़ी बेटी जो थी सो बुजुर्ग माता-पिता की जिम्मेदारी भी निभानी थी, इसलिए अविवाहित थी, पर अपनी बहन की शादी अच्छे घर करी ।
बड़े जतन करने के बाद मृदुला को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई , उसके पश्चात बेटी की प्राप्ति हुई, इसीक्रम में डेढ़ वर्ष में भी तीसरी बेटी की प्राप्ति हुई, तो शीला ने दूसरी बेटी के पालन-पोषण के फैसले के साथ कहा “तुम पर सिर्फ मेरा ही अधिकार है ” तुम्हारा कन्यादान मैं ही करूंगी ।