10 देखो राखी का चांद….
10 देखो राखी का चांद….
सुबह के सूरज सा लगता है ,
देखो राखी का चांद….
आज तो मम्मी साथ है उनके ,
खुश है अपना मामा चांद….
श्रद्धा के रंग में ड़ूबा है ,
मन्द मन्द मुसकाता चांद….
किरनों को कलाई की तरह,
मेरी तरफ बढाता चांद….
दुनियाँ मेँ आई साथ है तब से ,
अपनों से भी अपना चांद…
अपलक उसे निहार रही हूँ ,
सम्मोहन का अद्भुत चांद….
– क्षमा उर्मिला