दिल से जो होता है, जग में सभी का
दिल से जो होता है,
जग में सभी का।
उसको ही कहते हैं,
फ़रिश्ता जमीं का॥
भला जो करेगा,
भला उसका होगा
उसके पीछे पीछे,
हर कोई होगा
आदमी वही करे जो,
भला आदमी का।
उसको ही कहते हैं,
फ़रिश्ता जमीं का।
गैरों के दुःख को,
जो अपना बना ले
प्यार से बढ़ कर,
गले से लगा ले
करे दूर दुःख जो,
हर एक दुखी का।
उसको ही कहते हैं,
फ़रिश्ता जमीं का।
जो नफ़रत मिटा के,
मुहब्बत सिखा दे
जीने की सबको
हिकमत सिखा दे
चखा दे मज़ा जो,
इस जिंदगी का।
उसको ही कहते हैं,
फ़रिश्ता जमीं का।
-प्रेम फर्रुखाबादी
(पी 0एन 0 शर्मा)
Mo.9958871010