1-अपना कह कह जग मुआ अपना ना कछु होय
1-अपना कह कह जग मुआ
अपना ना कछु होय,
तन, कंचन, सुत, कामिनी
सपने सा हर कोय!****
2-चल चल इन्सां चला चल
चल चल रहा भुलाय,
ना जाने किस मोड़ पे
काल खड़ा मिल जाय ।******
1-अपना कह कह जग मुआ
अपना ना कछु होय,
तन, कंचन, सुत, कामिनी
सपने सा हर कोय!****
2-चल चल इन्सां चला चल
चल चल रहा भुलाय,
ना जाने किस मोड़ पे
काल खड़ा मिल जाय ।******