? विसर्जन महोत्सव?
अनंत चतुर्दशी पर अभिनंदन,
धूमधाम से होगा गणेश विसर्जन।
रिद्धि सिद्धि और विनायक,
देवों के है नायक।
वर्षा का है मौसम,
विसर्जन पर,
संभाल कर रखना कदम।
गगन से बरसे अमृत,
नर नारी आसू बहाबत ।
गाजे बाजे गाजे,
नाचे नर और नारी।
विसर्जन की तैयारी।
अब के बरस जल्दी आना,
टेर लगावत नर नारी।
रोते बिलखते,
विदाई करत सब नर नारी।
रचनाकार
नारायण अहिरवार
अंशु कवि