?चाहता है?
?चाहता है?
दौर खुशबूओं का चले तो,
हर कोई गुल और गुलजार चाहता है।।
फूल हो पास मेरे ऐसे उसूल उसके
पास वाले को काँटों की डगार चाहता है।।
धन माया मिले तो कोई नहीं दस बीस,
हर कोई पांच सौ हजार चाहता है।।
नहीं ख्याल आता भूखे और नंगो का,
अपने बंगला और कार चाहता है।।
हर किसी सख्श में बुराई नजर आती,
आपने आपको बेदागदार चाहता है।।
खुद रहे साफ शुद्ध और महकदार,
कीचड़ में पत्थर मार दुसरो पे दाग चाहता है।
अपने घर सुन्दर सी बीबी और बहू चाहिए,
पडोसी के घर बेटी अवतार चाहता है।।
कोई भला वक़्त आये”मनु”,
हर आदमी में प्यार चाहता है।।
?मानक लाल “मनु”