?? वज्र सा फिर एक प्रहार चाहिए??(पद संचलन गीत)
वज्र सा फिर एक प्रहार चाहिए, प्रहार चाहिए, हुँकार चाहिए,
पुनः गांडीव की टंकार चाहिए, टंकार चाहिए, झन्कार चाहिए।।1।।
अब काश्मीर में शान्ति चाहिए, शांति चाहिए, अब क्रान्ति चाहिए,
क्रान्ति के लिए नौजवान चाहिए, नौजवान चाहिए, जवान चाहिए।।2।।
वन्देमातरम की पुकार चाहिए, पुकार चाहिए,आवाज चाहिए,
एकता के लिए हमें प्रेम चाहिए, प्रेम चाहिए, स्नेह चाहिए।।3।।
घृणा ईर्ष्या द्वेष को अब यूँ जलाइये, अब यूँ जलाइये, अब जगमगाइए।।4।।
चारों और ज्ञान का दीपक जलाइए, दीपक जलाइए, प्रकाश लाइए,
गीता ज्ञान की गंगा को बहाइए, गंगा को बहाइए, यदि शान्ति चाहिए।।5।।
लक्ष्मीबाई की तलवार चाहिए, तलवार चाहिए, प्रहार चाहिए,
गण्डकी के जैसा सतीत्व चाहिए, सतीत्व चाहिए, तप चाहिए।।6।।
चाणक्य जैसे प्रबल विचार चाहिए, विचार चाहिए, देश बचाइए,
सभी देश भक्तों को प्रणाम चाहिए, प्रणाम चाहिए,आदर्श चाहिए।।7।।
###अभिषेक पाराशर###