Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2022 · 1 min read

? तुम बिन सखी री ?

डॉ अरुण कुमार शास्त्री ?एक अबोध बालक?अरुण अतृप्त ??

जज्ब जज्बात जब
करने आ जाते हैं
मन के मौलिक सम्बाद
तब मुखरित हो जाते हैं ।।

कुछ भी मांगों उर ही उर में
चुपचाप वही अंतर्मन में
भीगे भीगे सपने बन कर
छुप छुप गुप् चुप उतर आते हैं ।।

जज्ब जज्बात जब
करने आ जाते हैं
मन के मौलिक सम्बाद
तब मुखरित हो जाते हैं ।।

तरकीब से तरतीब के तरीके
तुरत फुरत फुरसत में उभरा करते हैं
मेरी कोमल भावनाओं के संग
अविरल फिर मोर उड़ा करते हैं ।।

जज्ब जज्बात जब
करने आ जाते हैं
मन के मौलिक सम्बाद
तब मुखरित हो जाते हैं ।।

तुम चन्द्र घटा मैं मन की छटा
तुम जल में सूरज की छवि कोई
तुम लहराती लहरें स्वर की नभ में
जैसे हो चंचल चपल किरण जल में ।।

जज्ब जज्बात जब
करने आ जाते हैं
मन के मौलिक सम्बाद
तब मुखरित हो जाते हैं

तन का कोना तन में रह कर
रीता रीता सा चुभता है
बिन तेरे सखी री ये जीवन
मुझको कोई अटक अंतरा
गीतों का , अटपटा अधूरा लगता है ।।

जज्ब जज्बात जब
करने आ जाते हैं
मन के मौलिक सम्बाद
तब मुखरित हो जाते हैं ।।

204 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
प्यार की बात है कैसे कहूं तुम्हें
प्यार की बात है कैसे कहूं तुम्हें
इंजी. संजय श्रीवास्तव
श्री बिष्णु अवतार विश्व कर्मा
श्री बिष्णु अवतार विश्व कर्मा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
"" *महात्मा गाँधी* ""
सुनीलानंद महंत
आशिकी
आशिकी
साहिल
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
गति साँसों की धीमी हुई, पर इंतज़ार की आस ना जाती है।
Manisha Manjari
ज़िंदगी ने कहां
ज़िंदगी ने कहां
Dr fauzia Naseem shad
भीमराव अम्बेडकर
भीमराव अम्बेडकर
Mamta Rani
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
बिछ गई चौसर चौबीस की,सज गई मैदान-ए-जंग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय प्रभात*
इसमें हमारा जाता भी क्या है
इसमें हमारा जाता भी क्या है
gurudeenverma198
बस यूँ ही
बस यूँ ही
Neelam Sharma
राम की आराधना
राम की आराधना
surenderpal vaidya
नाम में सिंह लगाने से कोई आदमी सिंह नहीं बन सकता बल्कि उसका
नाम में सिंह लगाने से कोई आदमी सिंह नहीं बन सकता बल्कि उसका
Dr. Man Mohan Krishna
प्रीत को अनचुभन रीत हो,
प्रीत को अनचुभन रीत हो,
पं अंजू पांडेय अश्रु
"प्रेम"
शेखर सिंह
" लक्ष्य सिर्फ परमात्मा ही हैं। "
Aryan Raj
भगवान भले ही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, और चर्च में न मिलें
भगवान भले ही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, और चर्च में न मिलें
Sonam Puneet Dubey
2599.पूर्णिका
2599.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
Pratibha Pandey
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
बच्चे पैदा करना बड़ी बात नही है
Rituraj shivem verma
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
पूर्वार्थ
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
तुझे आगे कदम बढ़ाना होगा ।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Mukesh Kumar Sonkar
फ़ितरत
फ़ितरत
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*राम-अयोध्या-सरयू का जल, भारत की पहचान हैं (गीत)*
*राम-अयोध्या-सरयू का जल, भारत की पहचान हैं (गीत)*
Ravi Prakash
मजे की बात है ....
मजे की बात है ....
Rohit yadav
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
पिछले 4 5 सालों से कुछ चीजें बिना बताए आ रही है
Paras Mishra
किंकर्तव्यविमूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
Shyam Sundar Subramanian
Loading...