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19 May 2022 · 1 min read

💐💐संसारे स्थायी अवस्था एव परमात्मा💐💐

संसारे यः स्थायीअवस्थाया: दर्शनं भवति, सः परमात्मनः अस्ति।यः प्रतिक्षणं परिवर्तनं भवति,सः स्थायी कथं भवति?संसारे परमात्मानः एव सत्ता, आभा दर्शनं भवति।यस्य परिवर्तनस्य ज्ञानं एतस्मिन् परिवर्तनं न ।अपरिवर्तनशीले स्थिति: भवति तु एतया परिवर्तनस्य ज्ञानं भवति।वास्तविकतायां स्वस्य स्थिति: अपरिवर्तनीशीले अस्ति।

‘काम-क्रोधादि’इतयो: वेगः आगच्छत् तु ‘आगमापायिनोS नित्या:'(2/14)इत्यस्य जपः प्रारम्भ: कुर्वन्तु तु ते सम्मुख न आगच्छन्ति।

‘ज्ञानी’ इति सः एव अस्ति, यः सत्यं वार्तां स्वीकार: करोतु।

©अभिषेक: पाराशरः

Language: Sanskrit
Tag: Quotation
1 Like · 160 Views
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