??बड़े भईया हेतु वधू।??
सत्य घटना पर आधारित…
?? बड़े भईया हेतु वधू।??
देखने गये थे…
सपरिवार हम सब बड़े भईया हेतु वधु।।
माँ के हृदय में…
प्रबल इच्छा हुई थी लाने के लिए बहु।।
हमारें घर से था बड़ी दूर लड़की का घर।
माँ, मैं, भैया और दीदी, जीजा थे सफर में संग।।
पहुँचे हम सब डेढ़ दो घंटो में लड़की के घर।
घर देख कर लगता था निर्धनता है वहाँ पर।।
कुछ क्षण बीतने के बाद लड़की आयी अपनी बहनों संग।
नैन नक्स तो सुंदर थे पर देख के लड़की को हृदय में हुई इक अड़चन।
पता चला लड़की का कुछ ही दिन पहले…
हुआ विवाह है किसी के संग।।
सभी के मन को लगा फिर तो…
लड़की का कौमार्य हुआ होगा भंग।।
लड़की और भईया को वर्तालाप के लिए अकेले भेजा गया।
लड़की ने विश्वास के साथ भईया से कहा कि मेरे बारें में क्या आपको है सब पता?
उसने कहा अभी कुछ समयान्तराल पहले ही…
मेरी निर्धनता के कारण मेरा विवाह हुआ था एक उच्च कुलीन घर में।।
ऐसा लगा था जैसे ईश्वर ने पूरे कर दिये…
सारे मेरे सपनें।।
पर बताते-बताते कुछ दुखी और क्रोध मन में लेकर कहने लगी वह लड़की।।
क्षण था वो विदाई का जब लड़के के चेहरे में विकृति विक्षिप्त की थी दिखी।।
लड़की ने संसय से देखा स्वयं को और उस लड़के को।।
तब पता चला ईश्वर ने मन्द बुद्धि प्रदान की है लड़के को।।
लड़की ने जाने से इनकार कर दिया।
बिन दुल्हन के लड़के वाले हुए विदा।।
लड़की ने सब सच बता दिया भईया को।
फिर विवाह का प्रस्ताव दिया भईया को।।
सबको लड़की की सच्चाई अच्छी लगी।
विवाह की बात अब शुरू हुई।।
देखो अब क्या होता है।।
विवाह का न्योता कब बटता है?।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ