?गणतंत्रता का सम्मान करो “?
गणतंत्रता का सम्मान करो “?
“आज हम स्वतन्त्र हैं,हमारा अपना गणतंत्र है।
? गणतन्त्र हमारा हमारा महान है।”
सविंधान की सभी धाराओं का भी महत्व है?
वैदिक संस्कृति का भी का सम्मान है।?
हाँ आज हम स्वतन्त्र हैं, पर स्वतन्त्रता का ना अपमान हो ।
सम्भलो मेरे देशवासियों क्योंकि ?
आज हमारी स्वतन्त्रता असंख्य माताओं की गोद की?
क़ुर्बानियाँ हैं । जब परतंत्रता की बेड़ियों के जुल्म का
दर्द बेअंत था, जिन्दा थे कि, साँसे चल रही थी वरना जीना
कोई झन्नुम से ना कम था ,हर वक्त सिर पर मँडराता मौत ए?
कफ़न था और क्या-क्या कहें हँसने पर भी दर्द ऐ सितम था।
मेरे देशवासियों, मेरे बन्धुओं अपनी स्वतन्त्रता को ना
अपमानित करना ,ये स्वतन्त्रता अनमोल है।
बलिदानों का सिलसिला बेअंत है।।?
छब्बीस जनवरी भारत का गणतंत्रता दिवस।
गणतंत्र का सहज सम्मान हो , नियमों का पालन हो।
स्वसम्पत्ति की सुरक्षा ,त्यों स्वदेश सम्पत्ति की सुरक्षा
सुव्यवस्था ,और स्वच्छता॥ ” मेरा भारत महान” है की
कहने वालों ! “भारत माता का” भी श्रृंगार करो ।
निज भवनों के बाहर न कचरे का भण्डार करो ।?
भ्रष्टाचार का अब अन्त करो ।?
भारत को अपना कहने वालों ,भारत माता का सम्मान करो
अपने गणराज्य पर अभिमान करो ।
सविंधान के नियमों का सम्मान करो।
नये युग की नयी परिभाषा ???
नयी पीढ़ी की नयी अभिलाषा ।
सुनहरे भविष्य की दस्तक है ये तो
अब ना बढ़ते कदमों को रोको,
कर्मठता और निष्ठता के बीज है बोयें
तरक़्क़ी की अब फ़सल ऊगेगी ।
उन्नत्ति के शिखर पर चढ़कर नये युग का
आगाज़ करेंगे ।भारत माता का फिर स्वर्णिम
अक्षरोँ में दुनियाँ में नाम करेंगे??
भारत फिर से सोने की चिड़िया कहलायेगा
विश्वकौटम्बकम का सपना अब सच हो जाएगा ।।
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