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7 Mar 2022 · 2 min read

? वेद कहते हैं ?

डॉ अरुण कुमार शास्त्री

एक अबोध बालक ?? अरुण अतृप्त

? वेद कहते हैं ?

मानवी अहंकारों के चलते

युद्ध का तांडव रचा गया था

जिसके परिणाम स्वरुप

मानव ही घायल हुआ था ।।

मैं नही कहता हक के लिये तुम न लड़ो

अन्न्याय से तुम मत भिडो

देख कर ताकत सामने वाले की तनिक

तो झुक जाया करो , वेद कहते हैं ।।

मेरी सामझ से बात चीत करते हुए

जब मिले समर्थन सामर्थ्यवान का

लेकर सलाह फिर बीच का रास्ता चुनौं

गर परिस्थिति विपक्ष की बीस हो ।।

मैं नहीं कहता हक के लिये तुम न लड़ों

जिन्दगी की कीमत तो तुम जानते ही हो

युध्द की परिस्थति को वेद के

अनुसार फिर क्यूँ नहीं टालते हो

जिन्दगी के साथ जीवन जियो ।।

मैं नहीं कहता हक के लिये तुम न लड़ों

एक कहानी ऐतिहासी मेँ सुनाता हूँ सुनो

कोई राजा हक की लड़ाई लड़ रहा था

युद्ध में बार बार वो पराजित हो रहा था

किसी गुप्त स्थान में किसी शिला खण्ड में

छुप के गुमसुम अकेला बैठा हुआ था ।।

न कोई सेना न कोई देश जन उसके पास था

एक मकड़ी ने अचानक ध्यान उसका खीचा

कर रही थी जो भरसक कोशिश शिला पर

चड़ पाना लेकीन उसको भारी पड़ रहा था ।।

मैं नहीं कहता हक के लिये तुम न लड़ों

बार बार उसकी कोशिश असफल हूई थी

लेकिन वो भी थी जुझारू प्राण पन से

एक दम तल्लीन राजा ही की तरह

फिर हुआ चमत्कार देखो बार सप्तम ।।

मैं नहीं कहता हक के लिये तुम न लड़ों

मेहनत उसकी इस वार हूई सफ़ल थी

राजा को इस नन्हें जीव ने संबल दिया था

फिर से मनोबल उसका पक्का हुआ था

धीरे धीरे साहस सैन्य बल उसने इक्कठा किया था

मैं नहीं कहता हक के लिये तुम न लड़ों

बार बार कोशिश करता हार जाता

फिर खडग हो पुनरावृत्ति की उठाता

अन्त्त्ततोगात्वा जीत उसकी ही हूई थी

सार्थक होते हैं प्रयास वेद कहते

मेरी सामझ से बात चीत करते हुए

जब मिले समर्थन सामर्थ्यवान का

लेकर सलाह फिर बीच का रास्ता चुनौं

गर परिस्थिति विपक्ष की बीस हो ।।

मैं नही कहता हक के लिये तुम न लड़ो

अन्न्याय से तुम मत भिडो

देख कर ताकत सामने वाले की , तनिक

तो झुक जाया करो वेद कहते हैं ।।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 170 Views
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