? शाकाहारी बनो…?
?? मनहरण घनाक्षरी ??
? शिल्प- 8887 लघु गुरु ?
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प्रकृति ने मानव को
रूप दिया शाकाहारी
नख-दन्त अंतड़ी हैं
शाकाहारी देखिए।
मार-मार जीव-जन्तु
मुरदे पकाते-खाते
जीभ के ही स्वाद हेतु
नर-नारी देखिए।
मांसाहार करने से
तन होगा रोगी फिर
फैलेंगी अनेकानेक
महामारी देखिए।
जीवन सभी को दिया
जीवों पे भी करो दया
नष्ट न हो जाय तेज
स्रष्टि सारी देखिए।
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?तेज 7/5/17✍