गज़ल
गज़ल
साथ तुमने दिया तो संवर जाएंगे।
हम मुहब्बत में हद से गुज़र जाएंगे।
गर जो थामा है दामन तो ये सोच लो,
तुमने छोड़ा तो सचमुच बिखर जाएंगे।
मुश्किलों से मिली है ये कारीगरी,
मौत के साथ मेरे हुनर जाएंगे।
तुम भुला क्या सकोगे हमें उम्र भर,
हम तेरी रूह तक में उतर जाएंगे।
गर ख़ुदा भी कहे दूर हो यार से,
यार तेरी क़सम हम मुकर जाएंगे।
– शिव मोहन यादव