?? संकल्प ??
?? संकल्प ??
?? संकल्प ??
संकल्प
राजू ने अपने देश हित के लिए निष्ठा, इमानदारी, राजा हरिश्चंद्र के समान सत्य वचन व जो वादा किया है निभाना पड़ेगा यह वाक्य अपने अंतकरण में अंकित कर लिया था । लेकिन अंहकार व संगति के असर ने राजू पर कीचड़, गाली गलौच व आखिर निम्न स्तर पर चारों ओर से बातें आने लगी।
राजू सोचने लगा सही बात है अगर मैं किसी का भरोसा तोड़ता हूँ तो बहुत ज्यादा सबका मन दु:खा रहा हूँ। माॅ का आशीर्वाद व धुव्र तारे के समान छाप है मेरी । मुझे बहुत बड़ा मन रखना है । किसी भी परिस्थिति में किसी ने कुछ भी कहां हो मन को डगमगाना नहीं चाहिए। क्योंकि की मै सच्चा कम॔ करता हूँ। कम॔ पर विश्वास रखता हूँ। किसी ने क्या बोला ? नीचा – ऊँचा सब करते रहते हैं। मुझे सव॔धम॔समभाव से रहना । तभी मुझे तथागत के बोल याद आ गये ” बुद्धिमान व्यक्ति कभी दुसरे के गुणा-दोषों की विवेचना नहीं करता , नहीं उनके शब्दों की , न ही उनके कम॔ की तथा न ही इस बात की कि उनके पास क्या है या क्या नहीं है । उसका ध्यान तो बस अपने ही शब्दों व कम॔ को देखते रहने पर रहता है ” ओर तथागत ने कहां ” दुसरे के दोषों के बारे में मत सोचते रहिये, न ही यह सोचते रहिए कि उन्होंने क्या किया है, और क्या नहीं किया है , बल्कि अपने व्दारा किए जाने वाले बुरे कामों के बारे में सोचिए, उन कामों के बारे में सोचिए जो आपने किए है या नहीं किए है ।” राजू को किसी बात का असर नहीं पड़ता है। राजू ने नये साल में संकल्प लिया आज से जो वादे किये पूरे करूंगा , जो भरोसा दिया है उसे तुटने नहीं दूंगा। ओर आने वाले नये वष॔ की सबको दिल से शुभकामनाएं देते हुये, क्षमा भाव रखुगां ।
@कापीराइट
राजू गजभिये (RG)